Chaitra Navratri 2024: हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व बहुत पवित्र और पावन माना जाता है। देश भर में ये पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। भक्त माता रानी को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के नौ दिनों में व्रत रखते हैं और उनकी विधिपूर्वक पूजा करते हैं। यह भी कहा जाता है कि नवरात्रि के ये पावन दिन किसी भी कार्य को आरम्भ करने के लिए शुभ होते हैं| नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को पूजा की जाता है।
चैत्र नवरात्रि को वसंत नवरात्रि या चैती नवरात्रि भी कहा जाता है| इस साल हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि 09 अप्रैल से शुरू हो रही है। इसी के साथ उसी दिन हिंदू नववर्ष संवत् 2081 भी शुरू हो रहा है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी से नया वर्ष शुरू होता है, लेकिन हिंदू कैलेंडर में चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नया वर्ष शुरू होता है, इसलिए सभी व्रत-त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार ही मनाए जाते हैं।
घटस्थापना कब:
बता दें कि चैत्र नवरात्रि चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है। इस बार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 08 अप्रैल को देर रात 11 बजे 50 मिनट से शुरू होगी और यह तिथि अगले दिन, 09 अप्रैल को संध्याकाल 8 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी। हिंदू धर्म में सुबह के मुहूर्त को ही सही माना जाता है इसलिए 09 अप्रैल यानि मंगलवारको ही चैत्र नवरात्रि की घटस्थापना होगी| 09 अप्रैल को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा –
घट स्थापना मुहूर्त- सुबह 06 बजकर 02 मिनट से सुबह 10 बजकर 16 मिनट तक
घट स्थापना अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक
चैत्र नवरात्रि की नवदुर्गाओं के नाम:
चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है: शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन ज्वार बोकर मां दुर्गा का आव्हान किया जाता है। भक्त 9 दिन व्रत रखकर माता की पूजा करते हैं। बता दे कि चैत्र नवरात्रि को महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा और आंध्र प्रदेश-कर्नाटक में उगादी के नाम से जाना जाता है |
चैत्र नवरात्र 2024 कैलेंडर:
09 अप्रैल, 2024- चैत्र नवरात्र का पहला दिन – मां शैलपुत्री पूजा
10 अप्रैल, 2024-चैत्र नवरात्र का दूसरा दिन – मां ब्रह्मचारिणी पूजा
11 अप्रैल, 2024-चैत्र नवरात्र का तीसरा दिन – मां चंद्रघंटा की पूजा
12 अप्रैल, 2024-चैत्र नवरात्र का चौथा दिन – मां कुष्माण्डा पूजा
13 अप्रैल, 2024-चैत्र नवरात्र का पांचवा दिन – मां स्कन्दमाता पूजा
14 अप्रैल, 2024-चैत्र नवरात्र का छठा दिन – मां कात्यायनी पूजा
15 अप्रैल, 2024 -चैत्र नवरात्र का सातवां दिन – मां कालरात्रि पूजा
16 अप्रैल, 2024 – चैत्र नवरात्र का आठवां दिन – मां महागौरी पूजा
17 अप्रैल, 2024 – चैत्र नवरात्र का नौवां दिन – मां सिद्धिदात्री पूजा और रामनवमी
18 अप्रैल, 2024 – चैत्र नवरात्र का दसवां दिन – मां दुर्गा विसर्जन
चैत्र नवरात्रि पर घटस्थापना करने का तरीका:
हिन्दू शास्त्र में नवरात्रि पर घटस्थापना करने का तरीका बताया गया है। सबसे पहले सुबह जल्दी स्नान करके पूजा का संकल्प लें। इसके अनुसार जिस जगह घटस्थापना करनी है वहाँ गाय के गोबर से पहले जगह को लीप कर चिकना करें। फिर एक बड़े दीपक में जौ बोएं और इस दीपक को पवित्र स्थान पर रखें। अब मिट्टी, तांबे, चांदी या सोने का कलश लें और उसमें पानी भरें| अब इस कलश में पूजा की सुपारी, सिक्का और हल्दी की गांठ को डालें।
इसके बाद कलश के ऊपर अशोक या पान के पत्तों के साथ नारियल को लाल कपड़े से लपेट कर रख दें। पूजन स्थान पर कुछ गेहूँ रखकर उस पर कलश को स्थापित कर दें। अब इस कलश की अबीर, कुमकुम, फूल और चावल से पूजा करें। इसके बाद धूप-दीप जलाकर श्री गणपति की पूजा प्रारम्भ करें| इसके बाद माता रानी का आव्हान करके सभी ग्रहों की पूजा अर्चना करें |
नवरात्रि में रखें इन बातों का ध्यान:
—माना जाता है कि चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे दुख और दरिद्रता दूर होती है और मां दुर्गा की कृपा से घर में सुख-सम्पदा आती है ।
—जिन घरों में नवरात्रि के दौरान घटस्थापना की जाती है, वह यह इन नियमों का पालन करना जरूरी होता है |
—अगर आपने भी अपने घर में घटस्थापना की है तो घर को कभी सूना नहीं छोड़ना चाहिए और न ही घर में अंधेरा रहने दें|
—अगर आपने अखंड ज्योत जलाई है तो उसमें तेल या घी डालते रहें। यह ज्योति 9 दिन तक निरंतर जलनी चाहिए।
—नवरात्रि के दौरान सात्विक भोजन ही लें और प्याज-लहसुन और मांसाहारी भोजन का सेवन न करे |
—नवरात्रि के 9 दिनों में बाल काटने, नाखुन काटने और दाढ़ी-मूंछ बनवाने को भी अशुभ माना गया है|
—व्रत करने वालों को इन दिनों काले रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए। सुबह और शाम माता का विधि पूर्वक पूजन करना चाहिए|