Loksabha election 2024: मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को गृह मंत्रालय ने z कैटेगरी की सुरक्षा दी है। गृह मंत्रालय ने राजीव कुमार को यह सिक्योरिटी इंटेलिजेंस ब्यूरो के इनपुट के बाद दी गई है। कई राजनैतिक पार्टियां हंगामा कर रही हैं। इसके बाद गृह मंत्रालय ने आईबी की थ्रेट परसेप्शन के आधार पर चुनाव आयुक्त को यह सुरक्षा मुहैया कराई है।
कई विपक्षी दलों ने आरोप लगाए हैं कि चुनाव आयोग केन्द्र सरकार के इशारे पर काम कर रहा है। उनका आरोप है कि विपक्षी दलों पर तो एक्शन लिया जा रहा है लेकिन बीजेपी नेताओं पर कोई एक्शन नहीं हो रहा है। वहीं चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनावों को लेकर मांग की है कि वहां अर्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां लगाई जाएं ताकि पश्चिम बंगाल में बिना किसी अवरोध के चुनाव सम्पन्न कराए जा सकें।
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क्या होता है Z कैटेगरी की सुरक्षा में:
रिपोर्ट्स के अनुसार, Z कैटेगरी की सिक्योरिटी में 33 सुरक्षागार्ड तैनात किए जाते हैं। इनमें से जिस वीआईपी को इस श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है, उसके घर पर आर्म्ड फोर्स के 10 आर्म्ड स्टैटिक गार्ड सुरक्षा में मौजूद रहते हैं। इसके अलावा 24 घंटे 6 पीएसओ और आर्म्ड स्कॉर्ट के 12 कमांडो तीन शिफ्ट में मौजूद रहते हैं। इसके साथ ही 2 वॉचर्स शिफ्ट में और 3 ट्रेंड ड्राइवर 24 घंटे मौजूद रहते हैं।
7 चरणों में होंगे लोकसभा चुनाव:
देश में लोकसभा चुनाव का माहौल बना हुआ है। पिछले दिनों मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था। देश में लोकसभा चुनाव 2024, 7 चरणों में कराए जाएंगे। पहले चरण के लिए मतदान 19 अप्रैल को होंगे। वहीं दूसरे चरण के लिए वोटिंग 26 अप्रैल होगी।
7 मई को तीसरे चरण के लिए वोट डाले जाएंगे। चौथे चरण के लिए मतदान 13 मई को होगा। 20 मई को पांचवें चरण के लिए मतदान होगा। छठे चरण के लिए 25 मई को वोट डाले जाएंगे। 1 जून को सातवें और अंतिम चरण के लिए वोट डाले जाएंगे। वहीं चुनाव परिणाम सभी चरणों के एक साथ 4जून को आएंगे।
कौन हैं मुख्य चुनाव आयुक्त:
इस वक्त देश में निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार हैं। राजीव कुमार एक रिटायर्ड IAS अधिकारी हैं जो 1984 के बैच के हैं। राजीव कुमार को 15 मई 2022 को चुनाव आयोग में मुख्य आयुक्त नियुक्त किया गया था। राजीव कुमार चुनाव आयोग के 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त हैं।
6 वर्ष के लिए होता है कार्यकाल:
निर्वाचन आयोग में मुख्य आयुक्त और दोनों निर्वाचन आयुक्तों का कार्यकाल 6 साल के लिए होता है। चुनाव आयुक्तों की सेवानिवृति की आयु 62 साल होती है। वहीं सीईसी की रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष तय की गई है। वहीं बात करें चुनाव आयुक्त के पद और वेतनमान की तो इनका वेतनमान सुप्रीम कोर्ट के जज के समान होता है।
बता दें कि संसद द्वारा महाभियोग के जरिए ही मुख्य चुनाव आयुक्त को पद से हटाया जा सकता है। बात करें इनकी जिम्मेदारी की तो इनके पास विधानसभा, लोकसभा, राज्यसभा, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव कराने की जिम्मेदारी होती है।
1950 में गठित हुआ था निर्वाचन आयोग:
भारतीय निर्वाचन आयोग हमारे संविधान के अनुच्छेद 324 के प्रावधानों के तहत मुख्य चुनाव आयुक्त और दो अन्य आयुक्तों से मिलकर बनता है। इन आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। इनकी नियुक्ति चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर की जाती है। बात करें निर्वाचन आयोग के इतिहास की तो निर्वाचन आयोग का गठन 1950 में हुआ था। 1950 से लेकर 15 अक्टूबर 1989 तक निर्वाचन आयोग में सिर्फ मुख्य निर्वाचन आयुक्त होते थे।
इसके बाद 16 अक्टूबर, 1989 से 1 जनवरी, 1990 तक निर्वाचन आयोग तीन सदस्यीय निकाय रहा। 2 जनवरी 1990 को निर्वाचन आयोग फिर से एकल सदस्यीय निकाय बन गया। यह व्यवस्था 30 सितंबर 1993 तक रही। इसके बाद फिर से 1 अक्टूबर 1993 से इसे फिर से तीन सदस्यीय निकाय बना दिया गया।