Goa Night Club Fire: गोवा के अरपोरा में स्थित नाइटक्लब Birch by Romeo Lane में 6 दिसंबर की रात हुए भीषण आग हादसे में 25 लोगों की मौत के बाद पुलिस-प्रशासन ने अब तक के सबसे तेज़ और सख्त कदम उठाए हैं। क्लब के मालिक — सौरभ और गौरव लूथरा — हादसे के कुछ घंटे बाद ही भारत छोड़कर भाग गए थे। लेकिन 11 दिसंबर को थाईलैंड पुलिस ने भारत के अनुरोध पर फुकेत में लूथरा भाइयों को हिरासत में ले लिया है।
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Goa Night Club Fire: हादसा…फरारी व गिरफ्तारी – पूरी कहानी
‘Birch by Romeo Lane’ क्लब में 6 दिसंबर की रात लगभग 11:45 बजे आग लग गई थी। इस दर्दनाक घटना में 25 लोग — जिनमें पर्यटक और क्लब कर्मचारी शामिल थे — अपनी जान गंवा बैठे थे। घटना के ठीक कुछ घंटे बाद, 7 दिसंबर को तड़के 5:30 बजे, लूथरा बंधुओं ने दिल्ली से इंडिगो फ्लाइट लेकर थाईलैंड के फुकेत के लिए उड़ान भरी थी।
Goa Night Club Fire: थाईलैंड में हिरासत में लिए गए लूथरा ब्रदर्स
गोवा पुलिस ने तुरंत उनका नाम लुक-आउट सर्कुलर (LOC) में डाला और मुख्य आरोपी घोषित कर दिया। साथ ही, उन्हें पकड़ने के लिए केंद्रीय एजेंसियों से संपर्क कर इंटरपोल को शामिल किया गया। थाईलैंड की पुलिस ने 11 दिसंबर को भारत के आग्रह पर लूथरा भाइयों को हिरासत में लिया।
Goa Night Club Fire: सुरक्षा उल्लंघन, बुलडोजर व मजिस्ट्रियल जांच
हादसे के बाद गोवा सरकार ने लूथरा बंधुओं के अन्य क्लब और शैक्स पर बुलडोजर चलाने की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य में नाइट क्लब, बार और इवेंट वेन्यू पर सुरक्षा ऑडिट कमिशन लगाने का भी आदेश दिया गया है। साथ ही, राज्य सरकार ने चार सदस्यीय मजिस्ट्रियल जांच समिति गठित की है, ताकि यह पता चल सके कि क्लबहाउस को पहले से अनुमति क्यों नहीं मिली थी और फायर-सेफ्टी नियमों का उल्लंघन कैसे हुआ। भ्रष्टाचार या पास–परमिट्स में मिली चूक भी इस मामले की जाँच का हिस्सा है — क्योंकि अधिकारियों द्वारा अवैध क्लबों को अनुमति देने का आरोप सामने आ चुका है।
प्रत्यर्पण-प्रक्रिया, अंतरराष्ट्रीय दबाव व भारत-थाई संधि
लूथरा भाइयों के खिलाफ इंटरपोल ने ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया है, ताकि उनकी लोकेशन, पहचान और गतिविधियों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नजर रखी जा सके। भारत और थाईलैंड के बीच प्रत्यर्पण संधि सक्रिय है — जिसके तहत दोषियों को भारत वापस लाया जा सकता है। गोवा पुलिस ने इसके लिए सीबीआई (CBI) से संपर्क किया है।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि यह मामला संवेदनशील है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने फायर-सेफ्टी नियमों को कड़ा करने और अन्य नाइट क्लबों की ऑडिट प्रक्रिया शुरू करने का भरोसा दिलाया है।
पीड़ित परिवारों व जनता की प्रतिक्रिया
इस घटना ने न केवल उन परिवारों की ज़िंदगी उजाड़ दी है, जिनके सदस्य नाइट क्लब में थे, बल्कि देश भर में लोगों में नाइट क्लबों और पब्लिक प्लेसेस की सुरक्षा को लेकर भय उत्पन्न कर दिया है। सार्वजनिक स्थलों में फायर-सेफ्टी, पास-परमिट और आपातकालीन व्यवस्था के मुद्दे फिर से चर्चा में आ गए हैं।
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