Bihar Elections: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बागी नेताओं के खिलाफ सख्ती का दौर जारी है। जदयू और बीजेपी के बाद अब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी अपने असंतुष्ट नेताओं पर बड़ी कार्रवाई की है। पार्टी ने मौजूदा विधायकों समेत कुल 27 नेताओं को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इन सभी पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और निर्दलीय या अन्य दलों से चुनाव लड़ने का आरोप है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की अगुवाई में यह कदम पार्टी अनुशासन को बनाए रखने और महागठबंधन की एकजुटता को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है।
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Bihar Elections: किन-किन नेताओं को दिखाया बाहर का रास्ता?
निष्कासित नेताओं में परसा के मौजूदा विधायक छोटेलाल राय, राजद महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रितु जायसवाल, पूर्व विधायक राम प्रकाश महतो, अनिल साहनी, सरोज यादव, गोविंदपुर के मौजूदा विधायक मोहम्मद कामरान और अनिल यादव प्रमुख हैं। इसके अलावा अक्षय लाल यादव, रामसखा महतो, अवनीश कुमार, भगत यादव, मुकेश यादव, संजय राय, कुमार गौरव, राजीव कुशवाहा, महेश प्रसाद गुप्ता, वकील प्रसाद यादव, पूनम देवी गुप्ता, सुबोध यादव, सुरेंद्र प्रसाद यादव, नीरज राय, अनिल चंद्र कुशवाहा, अजीत यादव, मोती यादव, रामनरेश पासवान और अशोक चौहान को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। ये नेता विभिन्न जिलों से हैं और कई ने निर्दलीय या अन्य दलों से नामांकन कर लिया है।
Bihar Elections: परिहार सीट: रितु जायसवाल का निर्दलीय दांव
सीतामढ़ी जिले की परिहार विधानसभा सीट पर हाई-प्रोफाइल बागी मुकाबला देखने को मिल रहा है। पूर्व महिला मोर्चा अध्यक्ष रितु जायसवाल ने राजद से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। राजद ने इस सीट पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे की बहू स्मिता पूर्वे को अपना आधिकारिक उम्मीदवार बनाया है। रितु जायसवाल का टिकट कटना और उनकी बगावत पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि वे लंबे समय से महिला विंग की सक्रिय नेता रही हैं।
Bihar Elections: गोविंदपुर: कामरान vs पूर्णिमा यादव
नवादा की गोविंदपुर सीट पर भी बागी तेवर साफ दिख रहे हैं। मौजूदा विधायक मोहम्मद कामरान को राजद ने निष्कासित कर दिया है। पार्टी ने उनकी जगह पूर्व विधायक कौशल यादव की पत्नी पूर्णिमा यादव को मैदान में उतारा है। कामरान ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन कर लिया है और पूर्णिमा यादव के खिलाफ सीधा मुकाबला कर रहे हैं। यह सीट राजद के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि पिछले चुनाव में कामरान ने ही जीत हासिल की थी।
Bihar Elections: परसा सीट: छोटेलाल राय का जदयू में जाना
सारण जिले की परसा सीट पर भी बागी रुख ने तस्वीर बदल दी है। मौजूदा विधायक छोटेलाल राय को राजद ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। वे अब जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। राजद ने इस सीट से डॉ. करिश्मा राय को उम्मीदवार बनाया है, जो पूर्व सीएम दरोगा प्रसाद राय की पोती और तेजप्रताप यादव की चचेरी साली हैं। छोटेलाल राय का जदयू में जाना एनडीए के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन राजद इसे परिवारवाद से जोड़कर प्रचार कर रही है।
Bihar Elections: 143 सीटों पर राजद का दांव, 10 पर फ्रेंडली फाइट
राजद ने इस बार 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। महागठबंधन के तहत 10 सीटों पर इंडिया गठबंधन के घटक दलों के साथ फ्रेंडली फाइट की स्थिति है। पार्टी ने कई सीटिंग विधायकों के टिकट काटे हैं, जिससे असंतोष बढ़ा है। नेतृत्व का मानना है कि बागी नेताओं को काबू में रखना जरूरी है, वरना गठबंधन की एकता और वोटों का बंटवारा हो सकता है।
चुनावी रणनीति और संदेश
राजद के इस कदम से साफ है कि लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव पार्टी में अनुशासन को प्राथमिकता दे रहे हैं। बागी नेताओं की संख्या और उनके प्रभाव को देखते हुए यह कार्रवाई अन्य दलों के लिए भी उदाहरण बन सकती है। हालांकि, कई सीटों पर निर्दलीय बागी उम्मीदवार राजद के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं। विशेष रूप से यादव और मुस्लिम बहुल इलाकों में यह असर ज्यादा दिख सकता है।
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