Road Accident: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के निकट सांवेर तहसील के चंद्रावतीगंज क्षेत्र में सोमवार शाम को एक भयावह सड़क दुर्घटना ने पूरे इलाके को सन्नाटे में डुबो दिया। एक ट्रैक्टर-ट्रॉली के पलटने से चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 25 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के शिकार मुख्य रूप से किसान मजदूर थे, जो खेतों में दिनभर की मेहनत के बाद अपने गांवों की ओर लौट रहे थे। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिए, लेकिन इस हादसे ने ग्रामीण परिवहन की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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Road Accident: ट्रैक्टर-ट्रॉली पुलिया पर फिसली, पलटते ही मची तबाही
पुलिस और प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, हादसा सोमवार शाम करीब 6:30 बजे चंद्रावतीगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक पुलिया पर हुआ। रतनखेड़ी गांव से हरियाखेड़ी और बीवीखेड़ी के अपने घरों की ओर जा रही ट्रैक्टर-ट्रॉली में करीब 25-27 किसान मजदूर सवार थे, जिनमें अधिकांश महिलाएं और कुछ बच्चे शामिल थे। ट्रॉली के चालक का कहना है कि तेज रफ्तार और पुलिया पर गीलेपन के कारण वाहन का संतुलन बिगड़ गया, जिससे यह पलटकर सड़क किनारे लुढ़क गई। पलटते ही ट्रॉली में सवार लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े, जिससे चीख-पुकार मच गई।
मृतकों में जानकीबाई (40 वर्ष) और कमला बाई (50 वर्ष) की पहचान हो चुकी है, जबकि एक नाबालिग लड़के की मौत अस्पताल ले जाते समय हो गई। शुरुआत में तीन मौतों की पुष्टि हुई थी, लेकिन रात में एक अन्य घायल की हालत बिगड़ने से चौथी मौत हो गई। चंद्रावतीगंज थाना प्रभारी ने बताया, ट्रॉली में सवार सभी लोग खेत मजदूर थे। हादसे के समय महिलाओं की संख्या अधिक थी। दो घायलों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है, जिन्हें इंदौर के एमवाय अस्पताल या चोइथराम अस्पताल रेफर किया जा सकता है।
Road Accident: तत्काल पहुंची 15 एम्बुलेंस, सांवेर अस्पताल में भर्ती
दुर्घटना की सूचना मिलते ही 108 एम्बुलेंस सेवा ने फुर्ती दिखाई। घटनास्थल पर 15 एम्बुलेंस भेजी गईं, जिन्होंने घायलों को तुरंत सिविल अस्पताल सांवेर पहुंचाया। अस्पताल के चिकित्सक डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद कुछ को इंदौर रेफर किया गया है। जिला कलेक्टर शिवम वर्मा ने कहा, यह एक दुखद घटना है। 27 मजदूर सवार ट्रैक्टर-ट्रॉली पलट गई, जिसमें तीन की मौत हो चुकी है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। प्रशासन ने सरकारी और निजी अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा है, ताकि हताहतों की संख्या न बढ़े।
घटना के समय मौसम साफ था, लेकिन सड़क पर पानी भरा होने या ओवरलोडिंग की आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने वाहन चालक के बयान दर्ज कर लिए हैं और फॉरेंसिक टीम बुलाई गई है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ट्रॉली ग्रामीण परिवहन के लिए अनधिकृत रूप से इस्तेमाल हो रही थी।
किसान मजदूरों की मजबूरी: ट्रॉली परिवहन की सुरक्षा चिंता
हादसे के शिकार सभी रतनखेड़ी के खेतिहर मजदूर थे, जो इंदौर के बाहरी इलाकों में फसल कटाई का काम करके लौट रहे थे। ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन की कमी के कारण किसान समुदाय अक्सर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को यात्री वाहन की तरह इस्तेमाल करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह खतरनाक प्रथा है, क्योंकि ये वाहन भारी भार के लिए डिजाइन किए जाते हैं, न कि मानव परिवहन के लिए। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ट्रॉली पलटने से सभी सवार घायल हो गए। किसान भाइयों की मजबूरी है, लेकिन ऐसी दुर्घटनाएं रोकनी होंगी।
पिछले कुछ वर्षों में मध्य प्रदेश में ट्रैक्टर-ट्रॉली से जुड़ी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें ओवरलोडिंग और खराब सड़कें मुख्य कारण रहीं। इस हादसे ने एक बार फिर ग्रामीण सड़कों की मरम्मत और वैकल्पिक परिवहन सुविधाओं की आवश्यकता पर जोर दिया है। किसान संगठनों ने मांग की है कि प्रभावित परिवारों को तत्काल मुआवजा दिया जाए।
प्रशासन का आश्वासन: मुआवजा और जांच
जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शोक व्यक्त करते हुए अधिकारियों को त्वरित राहत के निर्देश दिए। कलेक्टर वर्मा ने कहा, घायलों को पूर्ण चिकित्सा सुविधा दी जा रही है। मृतकों के परिवारों को हर संभव सहायता पहुंचाई जाएगी। पुलिस ने दुर्घटना के सटीक कारणों की जांच शुरू कर दी है, जिसमें सड़क की स्थिति, वाहन की फिटनेस और चालक की लापरवाही शामिल हैं।
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