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Thursday, December 4, 2025
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लालू यादव 13वीं बार RJD अध्यक्ष चुने गए, जानिए क्यों RJD में उनका कोई विकल्प नहीं

Lalu Prasad Yadav: बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव को एक बार फिर राष्ट्रीय जनता दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्विरोध चुना गया है। यह उनका 13वां कार्यकाल होगा।

Lalu Prasad Yadav: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के संस्थापक और बिहार की राजनीति के दिग्गज नेता लालू प्रसाद यादव को एक बार फिर पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। यह उनका लगातार 13वां कार्यकाल होगा और खास बात यह है कि वह निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय निर्वाचन पदाधिकारी रामचंद्र पूर्वी ने सोमवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की।

Lalu Prasad Yadav: निर्विरोध निर्वाचन, कोई अन्य उम्मीदवार नहीं

RJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद 2 बजे तक नाम वापसी की समय-सीमा तय की गई थी। इस दौरान केवल लालू यादव ने ही नामांकन दाखिल किया और किसी अन्य उम्मीदवार ने चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं जताई। लालू यादव ने भी अपना नाम वापस नहीं लिया, जिसके बाद निर्वाचन पदाधिकारी ने उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया।

5 जुलाई को पटना के बापू सभागार में आयोजित होने वाली RJD की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में उन्हें औपचारिक रूप से निर्वाचन पत्र सौंपा जाएगा और अध्यक्ष पद का खुला अधिवेशन आयोजित किया जाएगा।

Lalu Prasad Yadav: पार्टी की पहचान और शक्ति केंद्र

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, लालू यादव खुद RJD की पहचान बन चुके हैं। उनका जनता से सीधा जुड़ाव, खासकर पिछड़े, दलित और मुस्लिम वर्गों में उनका प्रभाव आज भी मजबूत है। यही वजह है कि पार्टी कार्यकर्ता आज भी उन्हें शीर्ष नेतृत्व के रूप में देखना पसंद करते हैं।

RJD की हालिया राज्य परिषद बैठक में लालू यादव ने कार्यकर्ताओं से तेजस्वी यादव को अगला मुख्यमंत्री बनाने का आह्वान किया। यह संदेश था कि पार्टी अब तेजस्वी की युवा छवि को लालू के अनुभव के साथ मिलाकर आगे बढ़ाना चाहती है।

Lalu Prasad Yadav: गुटबाज़ी पर लगाम, नेतृत्व की स्पष्टता

बीते कुछ समय में RJD के भीतर गुटबाज़ी की खबरें सामने आई थीं, खासकर जगदानंद सिंह और तेजस्वी यादव के बीच मतभेद को लेकर। हालांकि, लालू यादव की सक्रिय उपस्थिति और नेतृत्व ने इन विवादों को नियंत्रित किया। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि लालू का नेतृत्व पार्टी में संतुलन बनाए रखता है।

उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की महत्वाकांक्षाएं भी किसी से छिपी नहीं हैं, लेकिन लालू यादव के रहते दोनों बेटों के बीच संतुलन बनाए रखना संभव होता है। ऐसे में उनका अध्यक्ष बने रहना पार्टी की आंतरिक स्थिरता के लिए जरूरी है।

5 जुलाई को ‘लालू सम्मान दिवस’ मनाने की तैयारी

RJD ने 5 जुलाई को लालू यादव के दोबारा अध्यक्ष चुने जाने के अवसर पर ‘लालू सम्मान दिवस’ मनाने की योजना बनाई है। यह न केवल एक औपचारिक आयोजन होगा बल्कि इसे पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनावी मोड में लाने की रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस अवसर पर लालू यादव खुद कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे और आगामी लोकसभा चुनावों की दिशा तय करेंगे।

राष्ट्रीय स्तर पर तेजस्वी की छवि मजबूत करने की तैयारी

राजनीतिक जानकारों की मानें तो RJD का नेतृत्व भविष्य में तेजस्वी यादव के हाथों में सौंपे जाने की तैयारी चल रही है, लेकिन फिलहाल राष्ट्रीय स्तर पर उनकी स्वीकृति और पकड़ उस स्तर तक नहीं पहुंची है, जहां लालू यादव खड़े हैं। ऐसे में लालू का अध्यक्ष बना रहना न केवल संगठनात्मक मजबूती देता है बल्कि कार्यकर्ताओं में भरोसा भी बनाए रखता है।

अनुभव और ऊर्जा का संतुलन

लालू प्रसाद यादव का 13वीं बार निर्विरोध अध्यक्ष चुना जाना यह दर्शाता है कि RJD में आज भी उनका नेतृत्व निर्विवाद और अडिग है। जहां एक ओर वह पार्टी को एकजुट रखते हैं, वहीं दूसरी ओर वह तेजस्वी की युवा ऊर्जा को आगे बढ़ाने का काम भी कर रहे हैं।

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