Bihar Crime: बिहार के नालंदा जिले में सोमवार को अवैध हथियार और कारतूस की तस्करी में संलिप्त गिरोह के खिलाफ पुलिस और विशेष कार्य बल (STF) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। इस संयुक्त अभियान में भागन बिगहा और सोहसराय थाना क्षेत्र के दो घरों से 834 जिंदा कारतूस बरामद किए गए। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है और पूरे रैकेट की तह तक पहुंचने के लिए पूछताछ और जांच तेज कर दी है। नालंदा जिले में STF और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से हथियार तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है।
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Bihar Crime: दो घरों में छापेमारी, अलग-अलग बोर के कारतूस बरामद
बिहारशरीफ सदर के पुलिस उपाधीक्षक (DSP) नुरुल हक ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस और STF को सूचना मिली थी कि नालंदा जिले में हथियार और कारतूस तस्करी का एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय है। सूचना के आधार पर सोहसराय थाना क्षेत्र के आशानगर और भागन बिगहा थाना क्षेत्र में छापेमारी की गई।
Bihar Crime: 834 जिंदा कारतूस बरामद
सोहसराय के आशानगर स्थित अभिजित कुमार उर्फ रॉबिन यादव के किराए के मकान से 717 जिंदा कारतूस बरामद हुए। इस मकान में मौजूद विशाल कुमार (निवासी – हरिबिगहा, थाना हिलसा) को मौके से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद भागन बिगहा स्थित अभिजित के पुश्तैनी घर में भी छापेमारी की गई, जहां से 117 जिंदा कारतूस मिले। यहां से अभिजित के पिता राजेंद्र प्रसाद, निक्की कुमारी और निभा कुमारी को गिरफ्तार किया गया।
Bihar Crime: STF ने पहले ही की थी बड़ी बरामदगी
इस पूरे मामले की शुरुआत कैमूर जिले के मोहनिया से हुई थी, जहां STF ने कुछ दिन पहले मुख्य आरोपी अभिजित कुमार उर्फ रॉबिन यादव को उत्तर प्रदेश से लौटते वक्त गिरफ्तार किया था। उसकी कार से 3,700 जिंदा कारतूस बरामद हुए थे, जो इस पूरे नेटवर्क के संगठित और बड़े स्तर पर काम करने का संकेत देते हैं।
हथियार तस्करी गिरोह से जुड़ा है मामला
पुलिस के अनुसार, शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि यह पूरा मामला अवैध हथियार तस्करी गिरोह से जुड़ा हुआ है, जिसका नेटवर्क बिहार के कई जिलों से लेकर उत्तर प्रदेश तक फैला हो सकता है। DSP नुरुल हक के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है।
गिरोह में पारिवारिक संलिप्तता पर भी उठे सवाल
इस कार्रवाई में एक ही परिवार के चार सदस्यों की गिरफ्तारी ने पुलिस को हैरान किया है। रॉबिन यादव, उसके पिता और दो महिलाओं की संलिप्तता यह दर्शाती है कि यह गिरोह परिवारिक सहयोग से चलाया जा रहा था। पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या ये सभी लोग जानबूझकर गिरोह का हिस्सा थे या किसी दबाव या लालच में शामिल हुए।
आगे की कार्रवाई में जुटी पुलिस
पुलिस अब बरामद कारतूसों के स्रोत और खरीदारों की जानकारी एकत्र कर रही है। इसके अलावा ये जांच भी की जा रही है कि कारतूस किस उद्देश्यों के लिए खरीदे और जमा किए जा रहे थे — क्या इनका उपयोग अपराध में किया जाना था या किसी बड़ी आपराधिक साजिश का हिस्सा थे।
DSP नुरुल हक ने कहा कि, हम गिरफ्तार लोगों से सघन पूछताछ कर रहे हैं। गिरोह के अन्य सक्रिय सदस्यों और आपूर्तिकर्ताओं की पहचान की जा रही है। जल्द ही अन्य गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।
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