Emergency Landing: उत्तराखंड में चल रही चारधाम यात्रा के दौरान लगातार सामने आ रही हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं और आपात लैंडिंग की घटनाओं को देखते हुए नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने सख्त रुख अपना लिया है। यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए DGCA ने एक के बाद एक कड़े कदम उठाए हैं। केदारनाथ धाम के लिए उड़ान भरने वाले एक हेलीकॉप्टर की हालिया आपात लैंडिंग के बाद DGCA ने उस हेलीकॉप्टर का संचालन करने वाली कंपनी Kestrel Aviation Pvt. Ltd. की सभी सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
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Emergency Landing: हर घटना की जांच शुरू, बढ़ाई गई निगरानी
DGCA ने राज्य में हेलीकॉप्टर से जुड़ी हर घटना की सुरक्षा जांच शुरू कर दी है। इनमें तकनीकी खराबी, पायलट से जुड़ी गलतियां और मौसम संबंधी समस्याएं शामिल हैं। अधिकारियों के मुताबिक, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
DGCA ने साफ कर दिया है कि हेलीकॉप्टर सेवाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हर ऑपरेटर को उच्चतम सुरक्षा मानकों का पालन करना होगा, और SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
Emergency Landing: सभी ऑपरेटरों पर विशेष ऑडिट
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान सेवाएं दे रहे सभी हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों पर विशेष ऑडिट और बढ़ी हुई निगरानी शुरू की गई है। DGCA ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी उड़ानें केवल OGE (Out of Ground Effect) स्थितियों में ही की जाएं, यानी ऐसे स्थानों से उड़ान भरना और उतरना जहां जमीन का प्रभाव न्यूनतम हो और उड़ान सुरक्षित मानी जाती हो।
सूत्रों के अनुसार, अगर जरूरी हुआ तो चारधाम के लिए हेलीकॉप्टर संचालन में कटौती पर भी विचार किया जा सकता है, ताकि जोखिम को न्यूनतम किया जा सके।
Emergency Landing: SOP उल्लंघन पर तुरंत दंड
केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टर संचालन की निगरानी के लिए उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) द्वारा लाइव कैमरा फीड लगाई गई है। इससे अधिकारियों को SOP के पालन पर नजर रखने में मदद मिल रही है।
हाल ही में SOP के उल्लंघन के चलते दो ऑपरेटरों की सेवाएं अस्थायी रूप से दो घंटे के लिए निलंबित की गईं। इससे पहले मई 2025 में भी एक अन्य ऑपरेटर पर सुरक्षा मानकों के उल्लंघन के चलते कार्रवाई की गई थी।
क्यों बढ़ रही हैं घटनाएं?
पिछले कुछ वर्षों में चारधाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाओं की मांग में तेजी से वृद्धि हुई है। विशेष रूप से बुजुर्ग और अस्वस्थ यात्री हवाई सेवा को प्राथमिकता देते हैं। लेकिन मौसम की अनिश्चितता, भौगोलिक चुनौतियां, और कभी-कभी मानव त्रुटि के कारण हादसे सामने आते रहे हैं।
2022 में केदारनाथ के पास हुए हेलीकॉप्टर हादसे में 6 श्रद्धालुओं और पायलट की मौत ने भी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। उसी के बाद DGCA ने सुरक्षा समीक्षा की प्रक्रिया को और कड़ा कर दिया था।
DGCA की चेतावनी
DGCA ने सभी पंजीकृत हेलीकॉप्टर कंपनियों को लिखित निर्देश जारी कर दिए हैं कि वे संचालन से पहले पायलट ब्रिफिंग, मौसम की पूरी जानकारी और मशीनों की पूर्व जांच सुनिश्चित करें। किसी भी सूरत में SOP का उल्लंघन न हो, अन्यथा लाइसेंस निलंबन और जुर्माना तय माना जाए।
चारधाम यात्रा जैसे संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण इलाके में हेलीकॉप्टर संचालन करना अत्यधिक सावधानी और अनुशासन की मांग करता है। DGCA द्वारा लिए गए ताजा निर्णय न केवल यात्रियों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं, बल्कि सभी ऑपरेटरों को यह संदेश भी देते हैं कि “सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा।
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