Bihar Election: बिहार में इस साल प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। एक ओर जहां सभी प्रमुख दलों ने चुनावी रणनीति बनानी शुरू कर दी है, वहीं दूसरी ओर दलबदल का सिलसिला भी तेजी पकड़ चुका है। इस बीच कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। कटिहार जिले के 17 प्रमुख नेताओं ने कांग्रेस का दामन छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सदस्यता ले ली है। ये घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी आगामी 15 मई को बिहार के दौरे पर आने वाले हैं।
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Bihar Election: कटिहार में कांग्रेस को तगड़ा नुकसान
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले कटिहार जिले में पार्टी के 17 नेताओं ने नाराजगी जताते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया है। इन नेताओं में कांग्रेस से जुड़े श्रमिक संगठन आईएनटीयूसी (INTUC) के अध्यक्ष विकास सिंह भी शामिल हैं। विकास सिंह ने कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके कार्यों और बयानों में “उच्च जाति विरोधी मानसिकता” झलकती है, जिससे कार्यकर्ता लंबे समय से आहत थे।
विकास सिंह ने बताया कि उन्होंने और उनके साथियों ने पार्टी नेतृत्व से कई बार संवाद स्थापित करने की कोशिश की, लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई, तो मजबूर होकर उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया।
Bihar Election: पटना में बीजेपी का थामा दामन
पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में इन 17 नेताओं ने बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार बबलू की मौजूदगी में औपचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। कार्यक्रम के दौरान विकास सिंह ने कहा, यह तो सिर्फ शुरुआत है, आने वाले समय में हजारों कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
Bihar Election: कांग्रेस की पकड़ कमजोर होने का खतरा
कटिहार कांग्रेस का पारंपरिक गढ़ माना जाता है। यहां पर कांग्रेस को हमेशा मजबूत जनसमर्थन मिलता रहा है, खासकर मुस्लिम और उच्च जाति मतदाताओं का बड़ा आधार पार्टी के पास रहा है। ऐसे में 17 वरिष्ठ नेताओं के एक साथ पार्टी छोड़ने से कांग्रेस की जमीनी पकड़ कमजोर पड़ सकती है। खासतौर पर जब चुनावी बिगुल बजने ही वाला है, यह झटका पार्टी के लिए रणनीतिक रूप से नुकसानदायक हो सकता है। फिलहाल कांग्रेस नेता तारिक अनवर की ओर से इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
पांच महीने में चौथी बार बिहार आ रहे राहुल गांधी
इस घटनाक्रम के बीच राहुल गांधी आगामी 15 मई को एक बार फिर बिहार दौरे पर पहुंच रहे हैं। यह उनका पांच महीने के भीतर चौथा दौरा होगा, जो बिहार चुनाव की अहमियत और कांग्रेस की गंभीरता को दर्शाता है।
राहुल गांधी छात्रों से करेंगे संवाद
कांग्रेस इस दौरे के तहत पूरे राज्य में “न्याय संवाद” कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रही है। मंगलवार को पटना स्थित कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम में पार्टी नेता कन्हैया कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 15 मई से प्रदेशभर में शिक्षा, रोजगार और सामाजिक भागीदारी के सवालों को लेकर संवाद किया जाएगा। इस दौरान लोगों की समस्याएं सुनी जाएंगी और उन पर आधारित “न्याय पत्र” तैयार किया जाएगा।
शिक्षा और रोजगार सहित कई मुद्दों पर करेंगे चर्चा
कन्हैया कुमार ने कहा कि, यह न्याय पत्र न केवल चुनावी वादा होगा, बल्कि यह कांग्रेस की नीति और प्रतिबद्धता का दस्तावेज़ होगा। अगर कांग्रेस सरकार बनाती है या सरकार का हिस्सा बनती है, तो इस न्याय पत्र को लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध रहेगी। राहुल गांधी अपने दौरे के दौरान दरभंगा में छात्रों से संवाद करेंगे और युवाओं से उनके भविष्य, शिक्षा, रोजगार और सामाजिक न्याय को लेकर चर्चा करेंगे।
महागठबंधन में सीएम चेहरे को लेकर संशय
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं। हालांकि अब तक मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम पर औपचारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, राजद नेता तेजस्वी यादव के नाम पर सहमति बन सकती है।
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