Cyber Attack: भारत की साइबर सुरक्षा व्यवस्था एक बार फिर विदेशी साइबर हमलों के निशाने पर आ गई है। ताजा घटनाक्रम में पाकिस्तानी हैकरों ने रक्षा मंत्रालय और उससे जुड़ी एजेंसियों की वेबसाइटों को निशाना बनाते हुए संवेदनशील डेटा चुराने की कोशिश की है। सोमवार को सामने आई जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान साइबर फोर्स नामक समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है और एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर दावा किया है कि उसने भारतीय मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (MES) और मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान से महत्वपूर्ण डेटा हासिल कर लिया है।
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Cyber Attack: व्यक्तिगत जानकारी और लॉगिन डिटेल्स तक पहुंच की आशंका
साइबर हमलावरों के इस दावे से यह संकेत मिलता है कि उन्होंने रक्षा कर्मचारियों से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां, जैसे कि व्यक्तिगत विवरण, ईमेल, पासवर्ड और लॉगिन क्रेडेंशियल्स तक पहुंच बनाई हो सकती है। हालांकि, भारतीय साइबर सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत एक्शन लेते हुए संबंधित वेबसाइटों की निगरानी और जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा उपायों को तेजी से सक्रिय कर दिया गया है ताकि किसी भी संभावित नुकसान से बचा जा सके।
Cyber Attack: वेबसाइट डिफेसिंग और डिजिटल घुसपैठ
हमले के दौरान एक बड़ी घटना यह रही कि रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड की वेबसाइट को डिफेस करने की कोशिश की गई। हमलावरों ने वेबसाइट पर पाकिस्तान का झंडा और उनका मुख्य युद्धक टैंक ‘अल-खालिद’ प्रदर्शित किया। यह एक स्पष्ट साइबर मनोवैज्ञानिक हमला था, जिसका उद्देश्य भारत की डिजिटल प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाना था।
Cyber Attack: सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर
सूत्रों के मुताबिक, इस प्रयास के बाद वेबसाइट को तत्काल ऑफलाइन कर दिया गया है और उसकी गहन फोरेंसिक जांच जारी है। विशेषज्ञ टीम वेबसाइट की अखंडता और डेटा लीक की संभावना का आकलन कर रही है। वहीं, संबंधित एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और साइबर स्पेस की चौबीसों घंटे निगरानी की जा रही है।
बढ़ते साइबर खतरे, नामी पाकिस्तानी समूहों की भूमिका
इस हमले के बाद कई पुराने पाकिस्तानी साइबर समूहों की गतिविधियों पर फिर से नजर डाली जा रही है। साइबर ग्रुप हॉक्स1337 और नेशनल साइबर क्रू जैसे कई नाम पहले भी भारतीय वेबसाइटों को निशाना बनाने की असफल कोशिश कर चुके हैं। रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारत की साइबर सुरक्षा एजेंसियों ने समय रहते इन प्रयासों को निष्क्रिय कर दिया है।
पाकिस्तान हैकर पहले भी कर चुके है ऐसी हरकत
यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान समर्थित हैकर समूहों ने इस प्रकार की हरकत की हो। पिछले सप्ताह भी आर्मी पब्लिक स्कूल नागरोटा की वेबसाइट को डिफेस करने की कोशिश की गई थी। इसी प्रकार, पूर्व सैनिकों की स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी एक अन्य वेबसाइट भी हैकरों का निशाना बनी। इन घटनाओं को पाकिस्तान की बढ़ती डिजिटल बौखलाहट और असफलता के तौर पर देखा जा रहा है।
सुरक्षा एजेंसियां सतर्क, भविष्य के लिए तैयारी
भारत की प्रमुख साइबर एजेंसियां जैसे कि CERT-IN (इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम), डिफेंस साइबर एजेंसी और अन्य आईटी टीमें हमले की तह में जाने की कोशिश कर रही हैं। देशभर में अलर्ट जारी कर दिया गया है और रक्षा मंत्रालय से जुड़े सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सुरक्षा जांच शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि सभी वेबसाइटों का सिक्योरिटी ऑडिट कराया जा रहा है और मल्टी-लेयर प्रोटेक्शन सिस्टम लागू किया जा रहा है।
साइबर विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला भारत के बढ़ते डिजिटल सैन्य ढांचे को चुनौती देने की कोशिश है। ऐसे में डिजिटल बुनियादी ढांचे को और मजबूत करना समय की जरूरत बन गई है।
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