Neja Mela: उत्तर प्रदेश के संभल में इस बार सैयद सलार मसूद गाजी की याद में आयोजित होने वाला नेजा मेला नहीं लगेगा। योगी सरकार ने इसे लेकर सख्त रुख अपनाया है और पुलिस प्रशासन ने आयोजकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि लुटेरों के नाम पर मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा। इस फैसले के पीछे ऐतिहासिक कारणों और कानून-व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखा गया है। पुलिस और प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अब इस तरह के आयोजनों को अनुमति नहीं दी जाएगी। यह फैसला कानून-व्यवस्था और ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर लिया गया है, और भविष्य में भी सरकार इस पर अपने रुख पर कायम रह सकती है।
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Neja Mela: पुलिस ने आयोजकों को दी चेतावनी
अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) श्रीशचंद्र ने जानकारी देते हुए कहा कि संभल में वर्षों से नेजा मेला आयोजित होता रहा है, लेकिन इस बार इसे लेकर आपत्ति जताई गई है। प्रशासन को मिली शिकायतों में कहा गया कि यह मेला सैयद सलार मसूद गाजी की याद में आयोजित किया जाता है, जो कि एक आक्रमणकारी और लुटेरा था। इस आधार पर निर्णय लिया गया कि अब इस आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
Neja Mela: कौन था सैयद सलार मसूद गाजी?
ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार, सैयद सलार मसूद गाजी महमूद गजनवी का भांजा था। उसे गजनवी का सेनापति भी कहा जाता है। जब महमूद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर पर हमला किया था, तब उसकी सेना में सलार मसूद भी शामिल था। आरोप है कि उसने भारत में कई मंदिरों को नष्ट किया और बड़े पैमाने पर कत्लेआम मचाया। इसी कारण से, हिंदू संगठनों और कई स्थानीय लोगों ने नेजा मेले को बंद करने की मांग की थी।
Neja Mela: कब और कैसे मनाया जाता था नेजा मेला?
नेजा मेले की शुरुआत होली के बाद पड़ने वाले मंगलवार को होती थी। इस दिन एक विशेष ढाल गाड़ी जाती थी, जो इस बार 18 मार्च को गाड़ी जानी थी। लेकिन अब प्रशासन ने इस पर रोक लगा दी है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि इतिहास में भारत पर हमले करने वाले आक्रमणकारियों की याद में ऐसे किसी भी आयोजन को उचित नहीं ठहराया जा सकता।
Neja Mela: पुलिस प्रशासन का रुख
एएसपी श्रीशचंद्र ने यह भी कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति ने गलत बयानी या भड़काऊ बयानबाजी की, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आयोजन किसी भी धार्मिक आधार पर रोका नहीं गया है, बल्कि सिर्फ ऐतिहासिक तथ्यों और कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
Neja Mela: सरकार का स्पष्ट संदेश
योगी सरकार शुरू से ही ऐसे आयोजनों पर कड़ा रुख अपनाती रही है, जिनसे सामाजिक वैमनस्यता बढ़ सकती है या जो भारत के इतिहास में नकारात्मक भूमिका निभाने वाले व्यक्तियों से जुड़े हैं। इससे पहले भी कई स्थानों पर ऐसे आयोजनों को रोका गया है, जिनका संबंध आक्रमणकारियों या लुटेरों से रहा हो।
Neja Mela: हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
संभल में इस फैसले का मिश्रित असर देखा गया है। कई हिंदू संगठनों ने योगी सरकार के इस कदम की सराहना की है और कहा है कि ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने का यह सही वक्त है। वहीं, कुछ स्थानीय लोगों का मानना है कि यह परंपरा वर्षों से चली आ रही थी, इसे अचानक रोकना उचित नहीं। हालांकि, अधिकतर लोगों ने इसे प्रशासन का सही फैसला बताया है।
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