Pak Train Hijack: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया। इस हमले में बीएलए ने 214 यात्रियों को बंधक बना लिया और 30 पाकिस्तानी सैनिकों की हत्या कर दी। बीएलए ने इन बंधकों को युद्धबंदी करार देते हुए पाकिस्तान सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। संगठन की मांग है कि बलूच राजनीतिक कैदियों और बीएलए के लड़ाकों को तुरंत रिहा किया जाए। यह घटना पाकिस्तान के लिए एक बड़ी सुरक्षा चुनौती बन गई है। बलूच लिबरेशन आर्मी की बढ़ती गतिविधियां इस क्षेत्र में अलगाववादी आंदोलन को और तेज कर सकती हैं।
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Pak Train Hijack: कैसे हुआ हमला?
जाफर एक्सप्रेस सुबह 9 बजे बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा से पेशावर के लिए रवाना हुई थी। दोपहर करीब 1 बजे, जब ट्रेन बोलन स्टेशन के पास टनल-8 से गुजर रही थी, तभी हथियारबंद आतंकियों ने ट्रेन पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले में ट्रेन का ड्राइवर घायल हो गया, जिससे ट्रेन को नियंत्रण में ले लिया गया।
Pak Train Hijack: पाकिस्तानी सेना ने 80 यात्रियों को छुड़ाया
बीएलए ने इस घटना को दुर्गम पहाड़ी इलाके में अंजाम दिया, जिससे पाकिस्तानी सेना के लिए वहां पहुंचकर ऑपरेशन चलाना बेहद मुश्किल हो सकता है। घटना के तुरंत बाद बलूचिस्तान सरकार ने क्वेटा और आसपास के अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित कर दी। ट्रेन में करीब 400 यात्री सवार थे, जिनमें से स्थानीय नागरिकों, महिलाओं और बच्चों को बीएलए ने रिहा कर दिया। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना ने 80 यात्रियों को छुड़ा लिया है।
Pak Train Hijack: बीएलए की चेतावनी
बीएलए ने पाकिस्तानी सेना को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सेना कोई भी ऑपरेशन चलाने की कोशिश करती है, तो सभी बंधकों को मौत के घाट उतार दिया जाएगा। संगठन ने साफ कहा कि अगर ऐसा हुआ तो इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तानी सरकार की होगी।
Pak Train Hijack: रेलवे ट्रैक उड़ाने से हुई ट्रेन डिरेल
बीएलए के मुताबिक, उन्होंने पहले रेलवे ट्रैक को विस्फोटकों से उड़ा दिया था, जिससे जाफर एक्सप्रेस डिरेल हो गई और फिर उसे बंधकों सहित कब्जे में ले लिया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रेन में पाकिस्तानी सेना, पुलिस, एंटी-टेररिज्म फोर्स (एटीएफ) और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के एजेंट मौजूद थे, जिन्हें बंधक बना लिया गया है।
Pak Train Hijack: बलूचिस्तान की आजादी की लड़ाई
बलूचिस्तान के लोग 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद एक स्वतंत्र राष्ट्र की मांग कर रहे थे, लेकिन उन्हें जबरन पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया। इस क्षेत्र में कई अलगाववादी संगठन सक्रिय हैं, जिनमें बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) सबसे शक्तिशाली है। यह संगठन बलूचिस्तान को पाकिस्तानी सरकार और चीन से मुक्त कराना चाहता है। पाकिस्तान सरकार ने 2007 में बीएलए को आतंकी संगठन घोषित किया था।
पिछले हमलों का इतिहास
25 अगस्त 2023: बीएलए ने कोलपुर और माच के बीच एक रेलवे ब्रिज उड़ा दिया था, जिससे इस रूट पर ट्रेन सेवा बंद करनी पड़ी थी। बाद में 11 अक्टूबर 2024 को इसे फिर से शुरू किया गया।
16 फरवरी 2023: जाफर एक्सप्रेस में ब्लास्ट हुआ था, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी।
पाकिस्तानी सरकार की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के मंत्री मोहसिन नकवी ने इस घटना को कायरतापूर्ण हमला बताते हुए कहा कि सरकार ऐसे आतंकियों से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी। इस घटना के बाद पाकिस्तानी सेना ने बंधकों को छुड़ाने के लिए विशेष ट्रेन से सैनिकों को रवाना किया है।
ट्रेन हाईजैक की अन्य घटनाएं
1977, नीदरलैंड: मोलुक्कन राष्ट्रवादियों ने ट्रेन को हाईजैक कर 50 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया था। ऑपरेशन में दो बंधकों और छह अपहरणकर्ताओं की मौत हो गई थी।
6 फरवरी 2013, भारत: मुंबई-हावड़ा मुख्य रेलवे मार्ग पर सिरसा गेट से कुम्हारी के बीच जनशताब्दी ट्रेन को हाईजैक कर लिया गया था। इसमें छह दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
2009, भारत: 300-400 माओवादियों ने भुवनेश्वर-राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया था।
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