Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश की सियासत में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। राज्य के कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को 20 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है। यह नोटिस सिंघार द्वारा राजपूत पर लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद जारी किया गया है। सिंघार ने मंत्री पर परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार और 1250 करोड़ रुपये की जमीन खरीदने का आरोप लगाया था। इस विवाद ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
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Madhya Pradesh: क्या हैं उमंग सिंघार के आरोप?
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि जब राजपूत परिवहन मंत्री थे, तब उन्होंने परिवहन विभाग से भ्रष्टाचार के जरिए बड़ी रकम अर्जित की और उसी पैसे से 1250 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी। इसके अलावा, सिंघार ने पूर्व आरटीओ कांस्टेबल सौरभ शर्मा के मामले का भी जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले में भी मंत्री की संलिप्तता रही है। सिंघार ने अपने बयान में यह भी कहा कि सरकार में बैठे लोग भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं और इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि सरकार इस पूरे मामले पर जवाब दे और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करे।
Madhya Pradesh: गोविंद सिंह राजपूत का पलटवार
उमंग सिंघार के आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताते हुए मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने उन्हें मानहानि का नोटिस भेजा है। नोटिस में कहा गया है कि सिंघार के झूठे आरोपों से उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है और इससे उनकी सार्वजनिक छवि धूमिल हुई है। राजपूत ने नोटिस में स्पष्ट किया है कि यदि 15 दिनों के भीतर उमंग सिंघार सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, तो वे कानूनी कार्रवाई करेंगे। मंत्री राजपूत ने अपने बयान में कहा, यह सब मेरी छवि खराब करने की साजिश है। मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार और दुर्भावनापूर्ण हैं। अगर सिंघार के पास कोई सबूत है तो उन्हें सार्वजनिक करें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
Madhya Pradesh: उमंग सिंघार की प्रतिक्रिया
मानहानि के नोटिस के जवाब में उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ट्वीट किया, नोटिस का जवाब भी देंगे और कोर्ट भी जाएंगे। न डरेंगे, न झुकेंगे। सिंघार ने अपने आरोपों पर कायम रहते हुए कहा कि वे इस मामले को कानूनी रूप से लड़ेंगे और अदालत में सारे सबूत पेश करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वे किसी भी दबाव में नहीं आएंगे और इस लड़ाई को जारी रखेंगे।
Madhya Pradesh: क्या है इस विवाद का राजनीतिक असर?
मध्य प्रदेश में अगले चुनावों को देखते हुए यह विवाद राजनीतिक रूप से बेहद अहम हो गया है। उमंग सिंघार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और भाजपा सरकार के खिलाफ मुखर रहे हैं। दूसरी ओर, गोविंद सिंह राजपूत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाते हैं और पार्टी के महत्वपूर्ण नेताओं में से एक हैं। इस विवाद के चलते राज्य में कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी टकराव तेज हो गया है। कांग्रेस इस मामले को लेकर आक्रामक रुख अपनाए हुए है और सरकार पर हमले कर रही है, जबकि भाजपा इसे विपक्ष की साजिश बता रही है।
आगे क्या होगा?
अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि उमंग सिंघार इस मामले में क्या कानूनी कदम उठाते हैं और क्या वे अपने आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत पेश करते हैं। दूसरी ओर, गोविंद सिंह राजपूत इस मामले को कोर्ट में ले जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इस मामले में कानूनी लड़ाई कितनी लंबी चलेगी, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन एक बात तय है कि यह विवाद मध्य प्रदेश की राजनीति को और गर्मा देगा।
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