Rahul Gandhi: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को पटना में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बिहार की जाति जनगणना और देश में दलितों, पिछड़ों की सत्ता में भागीदारी पर गंभीर सवाल उठाए। स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय जगलाल चौधरी की जयंती पर आयोजित इस कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा कि आज देश में सत्ता संरचना में दलितों और पिछड़ों की भागीदारी नहीं है। दलितों को प्रतिनिधित्व दिया गया है, लेकिन सत्ता में वास्तविक भागीदारी न होने के कारण उसका कोई प्रभाव नहीं दिखता।
Table of Contents
बिहार की ‘जाति जनगणना’ पर राहुल गांधी ने फिर उठाए सवाल
राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि सिर्फ टिकट देना ही काफी नहीं है, जब तक उन्हें अधिकार नहीं दिए जाते। उन्होंने बिहार में कराई गई जाति जनगणना पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार की तरह नहीं, बल्कि तेलंगाना की तर्ज पर जाति जनगणना जरूरी है। इससे हमें यह पता चलेगा कि दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक, गरीब और सामान्य वर्ग में कौन और कितने लोग हैं। इसके बाद न्यायपालिका, मीडिया, संस्थानों और ब्यूरोक्रेसी में उनकी भागीदारी की असल स्थिति का पता चलेगा।
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का उद्देश्य दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को सत्ता में वास्तविक भागीदारी दिलाना है। उन्होंने बीजेपी और आरएसएस पर संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया।
200 बड़ी कंपनियों में दलित-ओबीसी का प्रतिनिधित्व नहीं
राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि देश की 200 बड़ी कंपनियों में एक भी दलित, ओबीसी या आदिवासी शीर्ष पदों पर नहीं हैं। उन्होंने दावा किया कि देश के बजट को निर्धारित करने वाले 90 लोगों में से केवल तीन दलित अधिकारी हैं, जिनके पास छोटे-छोटे विभाग हैं। अगर सरकार 100 रुपये खर्च करती है, तो उसमें से सिर्फ एक रुपये के निर्णय ही दलित अधिकारी लेते हैं। इसी तरह, 50% आबादी पिछड़े वर्ग की है, लेकिन उनके पास भी केवल तीन वरिष्ठ अधिकारी हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि जाति जनगणना के बिना आबादी के अनुरूप सभी क्षेत्रों में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित नहीं किया जा सकता। हमारा मकसद लीडरशिप के स्तर पर दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोगों को आगे लाना है।
तेजस्वी की राज्यपाल से मुलाकात, बिहार में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर चिंता
बिहार की राजनीति में एक और बड़ा घटनाक्रम उस समय देखने को मिला जब राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात की। उन्होंने राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की और राज्यपाल को “बिहार में व्याप्त अराजकता की स्थिति” से अवगत कराया।
बिहार में मुसलमानों को बनाया जा रहा निशाना
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में एक खास समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। मधुबनी में हुई घटना भयावह है। बिहार में कानून-व्यवस्था एक आपराधिक अव्यवस्था में बदल गई है। पुलिस को लोगों की सेवा करनी चाहिए, लेकिन यहां तो हर दिन गोलीबारी और हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं।
राज्य में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं लोग
आरजेडी के नेता ने कहा कि यहां तक कि पुलिस में भी ऐसी मानसिकता वाले लोग हैं जो जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव करते हैं। डीएसपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भ्रम में हैं और राज्य के लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उनकी चुप्पी के कारण लोगों का विश्वास कमजोर हुआ है।
अपराधियों को बचा रही है बिहार सरकार
तेजस्वी यादव ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य और केंद्र के मंत्री अपराधियों का बचाव करने के लिए सामने आ रहे हैं। बिहार पुलिस आम नागरिकों को जाति और धर्म के आधार पर प्रताड़ित कर रही है, जो राज्य के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।
राजनीतिक हलचल तेज
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के इन बयानों से बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है। जहां एक ओर राहुल गांधी जाति जनगणना के जरिए सामाजिक न्याय और सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित करने की बात कर रहे हैं, वहीं तेजस्वी यादव राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार को घेर रहे हैं। दोनों नेताओं के बयान आने वाले चुनावों और बिहार की राजनीति पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं।
यह भी पढ़ें:-