Delhi Elections: आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा दिल्ली चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंदिर प्रकोष्ठ यूनिट के कई सदस्यों को अपनी पार्टी में शामिल करना, खासकर “पुजारी ग्रंथी योजना” के जरिए, एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम प्रतीत होता है। इस योजना के तहत पुजारियों और धार्मिक नेताओं को ध्यान में रखते हुए पार्टी के समर्थन में बदलाव आना, आप के चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। यह कदम खासकर उन धार्मिक समुदायों को आकर्षित करने की कोशिश हो सकती है, जो अपने धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों के लिए संघर्षरत हैं।
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केजरीवाल लॉन्च करेंगे ‘सनातन सेवा समिति’
इसके साथ ही, आप द्वारा अपनी “सनातन सेवा समिति” की लॉन्चिंग का ऐलान यह दर्शाता है कि पार्टी अब धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर भी अधिक ध्यान दे रही है। इससे पार्टी यह संदेश देना चाहती है कि वह केवल शहरी और समग्र विकास की योजनाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि धार्मिक समुदायों के कल्याण के लिए भी प्रयासरत है।
भाजपा के मंदिर प्रकोष्ठ के कई धर्मगुरु ‘आप’ में शामिल
यह कदम आम आदमी पार्टी (आप) के लिए एक रणनीतिक महत्व रखता है, खासकर दिल्ली जैसे राज्य में जहां धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा कई धर्मगुरुओं और भाजपा के मंदिर प्रकोष्ठ के 100 से ज्यादा सदस्यों को अपनी पार्टी में शामिल करना, यह संकेत देता है कि आप अब धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों को भी अपने चुनावी अभियान में एक प्रमुख स्थान दे रही है।
केजरीवाल ने भगवा गमछा पहनाकर किया स्वागत
भगवा गमछा पहनाकर धर्मगुरुओं का स्वागत करना और सनातन सेवा समिति की शुरुआत करना, इन कदमों से पार्टी यह संदेश देना चाहती है कि वह हिंदू धर्म और संस्कृति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखा रही है। यह भाजपा के मजबूत हिंदुत्व रुख के मुकाबले एक रणनीतिक प्रयास हो सकता है, जो खासकर उन लोगों को आकर्षित करने के लिए है जो धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को महत्वपूर्ण मानते हैं।
‘सनातन’ पर केजरीवाल ने BJP को दिया जोर का झटका
यह कदम आम आदमी पार्टी (आप) के लिए एक रणनीतिक महत्व रखता है, खासकर दिल्ली जैसे राज्य में जहां धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा कई धर्मगुरुओं और भाजपा के मंदिर प्रकोष्ठ के 100 से ज्यादा सदस्यों को अपनी पार्टी में शामिल करना, यह संकेत देता है कि आप अब धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों को भी अपने चुनावी अभियान में एक प्रमुख स्थान दे रही है।
भगवा गमछा पहनाकर धर्मगुरुओं का स्वागत करना और सनातन सेवा समिति की शुरुआत करना, इन कदमों से पार्टी यह संदेश देना चाहती है कि वह हिंदू धर्म और संस्कृति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखा रही है। यह भाजपा के मजबूत हिंदुत्व रुख के मुकाबले एक रणनीतिक प्रयास हो सकता है, जो खासकर उन लोगों को आकर्षित करने के लिए है जो धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को महत्वपूर्ण मानते हैं।
आचार्य श्री मधुर दास ने की आप की तारीफ
आचार्य श्री मधुर दास का यह बयान आम आदमी पार्टी के द्वारा सनातन सेवा समिति की शुरुआत और धार्मिक समुदायों से संवाद के प्रति उनके सकारात्मक रुख को दर्शाता है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि पार्टी इस समिति को धार्मिक नेताओं और संतों के मार्गदर्शन के तहत चलाने के लिए तैयार है, जो सनातन धर्म के प्रचार और सेवा के कार्यों को सही दिशा में ले जाने में मदद कर सकते हैं। इस मौके पर जगद्गुरु स्वामी अवधेश प्रपन्ना महाराज ने भी कहा कि यह सनातन है, ये हमारा भारत देश है, जो श्रद्धा और विश्वास का देश है।