Manmohan Singh Death: मनमोहन सिंह, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, ने अपने करियर में कई ऐतिहासिक और दूरदर्शी फैसले लिए जिन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था और तकदीर को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. मनमोहन सिंह, भारत के 14वें प्रधानमंत्री और प्रमुख अर्थशास्त्री, ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जिन्होंने देश की अर्थव्यवस्था और भविष्य को नया मोड़ दिया। यहां उनके 8 बड़े फैसलों का जिक्र है, जिनका भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा।
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मील का पत्थर साबित हुए मनमोहन सिंह के फैसले
मनमोहन सिंह के ये फैसले भारत की अर्थव्यवस्था और विकास के लिए मील का पत्थर साबित हुए। उनकी आर्थिक नीतियों ने भारत को नई दिशा दी और इसे एक मजबूत वैश्विक खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया। उनके योगदान को इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा। इन निर्णयों ने भारत की आर्थिक और सामाजिक संरचना में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाए, जिससे देश की प्रगति को नई दिशा मिली।
1. 1991 का आर्थिक उदारीकरण (Liberalization)
मनमोहन सिंह तत्कालीन वित्त मंत्री के रूप में, 1991 में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की। उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को वैश्विक बाजारों के लिए खोला, विदेशी निवेश को प्रोत्साहन दिया, और लाइसेंस राज खत्म किया। यह कदम भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले गया।
2. FDI (विदेशी प्रत्यक्ष निवेश) को बढ़ावा
मनमोहन सिंह के कार्यकाल में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को विभिन्न क्षेत्रों में अनुमति दी गई, जिसमें रिटेल, बीमा, और टेलीकॉम शामिल थे। इससे भारत में विदेशी निवेश बढ़ा और नए उद्योगों का विकास हुआ।
3. जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) की नींव
मनमोहन सिंह के समय पर जीएसटी का विचार सामने आया। हालांकि यह लागू उनके बाद हुआ, लेकिन इसका खाका और रणनीति उनके कार्यकाल में तैयार की गई थी।
4. RTI (सूचना का अधिकार) अधिनियम, 2005
उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल में सूचना का अधिकार कानून लागू किया गया। इससे प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ी और आम जनता को सरकारी फैसलों की जानकारी का अधिकार मिला।
5. आधार कार्ड योजना
मनमोहन सिंह के कार्यकाल में आधार योजना की शुरुआत हुई, जिससे डिजिटल पहचान की नींव रखी गई। यह भारत में सब्सिडी वितरण और सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता में मील का पत्थर साबित हुआ।
6. मनरेगा
मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) उनकी सरकार की एक प्रमुख योजना थी जिसने ग्रामीण भारत में रोजगार की गारंटी दी। इससे करोड़ों गरीब लोगों को रोजगार मिला और गरीबी कम हुई।
7. परमाणु समझौता (Indo-US Nuclear Deal)
2008 में भारत-अमेरिका परमाणु समझौता हुआ, जिसने भारत को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा समुदाय में स्थान दिलाया। इससे ऊर्जा संकट को हल करने में मदद मिली।
8. बैंकिंग सुधार और वित्तीय समावेशन
मनमोहन सिंह ने बैंकिंग क्षेत्र में सुधार किए, जिससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिला। “नो-फ्रिल्स” अकाउंट्स और ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार उनके बड़े कदमों में से थे।
9. मंगलयान मिशन (2013)
डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में मंगलयान मिशन (Mars Orbiter Mission) की योजना बनाई गई और इसे 5 नवंबर 2013 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। इस मिशन ने भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान में एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया। यह मिशन दुनिया के सबसे सस्ते मंगल मिशनों में से एक था, जिसकी कुल लागत लगभग 450 करोड़ रुपये थी। इसे “सस्ते में मंगल” के रूप में भी जाना गया। भारत मंगल ग्रह पर पहला ही प्रयास में सफल होने वाला पहला देश बना। इसने भारत को उन चुनिंदा देशों में शामिल कर दिया, जो मंगल ग्रह तक पहुंच सके हैं (जैसे अमेरिका, रूस, और यूरोपीय संघ)।
10. विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) नीति
डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) नीति बनाई। इसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास को गति देना, विदेशी और घरेलू निवेश को प्रोत्साहित करना और रोजगार सृजन और निर्यात को बढ़ावा देना है। SEZ में काम करने वाली कंपनियों को कर संबंधी विशेष छूट दी गई। इनमें कॉर्पोरेट टैक्स और कस्टम ड्यूटी में रियायतें शामिल हैं। कंपनियों को लाइसेंस और मंजूरी के लिए सिंगल विंडो प्रणाली उपलब्ध कराई गई। विशेष आर्थिक क्षेत्रों में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा विकसित किया गया, जिसमें सड़क, बिजली, पानी और अन्य सुविधाएं शामिल थीं।
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