Airtel: एयरटेल ने बुधवार को स्पैम कॉल और मैसेज को रोकने के लिए एक नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल लॉन्च किया है। यह टूल उपयोगकर्ताओं को कॉल या मैसेज आते ही स्पैम का पता लगाने की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे वे अनावश्यक और परेशान करने वाले कॉल्स और मैसेज से बच सकेंगे। एयरटेल के इस कदम का उद्देश्य यूजर्स को बेहतर सेवा प्रदान करना और स्पैम कॉल एवं मैसेज से निजात दिलाना है, जो आजकल एक आम समस्या बन चुकी है।
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इस एआई टूल के प्रमुख फीचर्स
स्पैम पहचान: एआई टूल तुरंत कॉल या मैसेज के स्रोत का विश्लेषण करेगा और यदि वह स्पैम के रूप में पहचाना गया तो उपयोगकर्ता को सूचना देगा।
सुरक्षा: यह टूल उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित महसूस कराने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि वे बिना किसी चिंता के महत्वपूर्ण कॉल्स पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
उपयोगकर्ता अनुभव में सुधार: इस तकनीक के माध्यम से, एयरटेल उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहा है, जिससे ग्राहकों को अनावश्यक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
99.5% स्पैम मैसेज और 97% स्पैम कॉल की होगी पहचान
कुछ दिनों पहले टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने टेलीकॉम कंपनियों को स्पैम कॉल और मैसेज रोकने के लिए सख्त आदेश दिए थे। इसके जवाब में, एयरटेल ने एक नया एआई टूल लॉन्च किया है। एयरटेल के प्रबंधक निदेशक और सीईओ गोपाल विट्टल ने इस टूल की विशेषताओं को साझा करते हुए कहा कि इसके माध्यम से 99.5% स्पैम मैसेज और 97% स्पैम कॉल को आसानी से पहचाना जा सकता है।
बीते दिनों TRAI ने दिया था आदेश
यह आदेश टेलीकॉम कंपनियों को स्पैम कॉल्स और मैसेज को प्रभावी तरीके से रोकने के लिए निर्देशित करता है। यह एआई टूल यूजर्स को स्पैम कॉल और मैसेज से बचाने के लिए विकसित किया गया है, जिससे उपभोक्ताओं की सुरक्षा और अनुभव में सुधार होगा। इस पहल का उद्देश्य उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा प्रदान करना और उन्हें स्पैम से मुक्त रखना है, जो कि एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है। एयरटेल का यह कदम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है।
रोज आते हैं 1.5 अरब मैसेज और 2.5 अरब कॉल
एयरटेल के प्रबंधक निदेशक ने एआई मॉडल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उनके नेटवर्क में प्रतिदिन 1.5 अरब मैसेज और 2.5 अरब कॉल आते हैं। इस एआई मॉडल की खासियत यह है कि यह 2 मिली सेकंड में हर कॉल और मैसेज को ट्रैक कर सकता है।
एआई मॉडल की विशेषताएं
तत्काल पहचान: एआई टूल हर कॉल और मैसेज को ट्रैक करके 250 पैरामीटर पर परखता है, जिससे यह निर्धारित किया जा सके कि वह स्पैम है या नहीं।
उच्च सटीकता: यह सिस्टम स्पैम कॉल्स और मैसेज की पहचान में उच्च सटीकता प्रदान करता है, जो उपयोगकर्ताओं को अधिक सुरक्षित अनुभव देता है।
धोखाधड़ी का खतरा होगा कम
गोपाल विट्टल ने कहा कि डायल पैड पर स्पैम की जानकारी मिलने से उपयोगकर्ता अधिक सजग हो जाएंगे, जिससे धोखाधड़ी का खतरा भी कम होगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में एयरटेल का एआई टूल 97 प्रतिशत स्पैम कॉल पहचानने में सक्षम है, और कंपनी की कोशिश है कि आने वाले समय में बाकी बचे 3 प्रतिशत स्पैम कॉल्स को भी कवर किया जा सके।
मुख्य बिंदु:
उपयोगकर्ता सजगता: स्पैम की जानकारी मिलने से उपयोगकर्ताओं को अधिक सजग रहने में मदद मिलेगी।
धोखाधड़ी का खतरा: यह कदम धोखाधड़ी के मामलों को कम करने में सहायक होगा।
भविष्य की योजनाएं: एयरटेल भविष्य में स्पैम कॉल्स की पहचान की दर को और बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।