Loksabha election 2024: लोकसभा चुनाव के सात चरणों में से पांच चरणों पर मतदान हो चुका है, अब केवल दो ही चरण में मतदान होना बाकि है| ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जीत का अनुमान लगाया है।
उनका दावा है कि बीजेपी पिछली बार की तरह लगभग बराबर सीट पर जीत हासिल करेगी। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि अगर तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनी तो क्या-क्या महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं।
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पेट्रोलियम उत्पाद आ सकते हैं जीएसटी के दायरे में:
राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर का कहना है कि पेट्रोलियम उत्पादों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है। साथ ही राज्यों की फाइनेंशियल ऑटनोमी को नियंत्रित किया जा सकता है। प्रशांत किशोर ने एक समाचार पत्र को दिए गए अपने इंटरव्यू में मोदी सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी नैरेटिव में निर्माण और कार्यात्मक परिवर्तनों की भविष्यवाणी भी की है।
तीसरे कार्यकाल में होगी धमाकेदार शुरुआत:
पीके के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की की सरकार मोदी 3.0 एक धमाकेदार शुरुआत करेगी। केंद्र सरकार के पास संसाधन और शक्ति का और भी अधिक समन्वय होगा। राज्यों की फाइनेंशियल ऑटोनोमी को कम करने का भी प्रयास किया जा सकता है।
प्रशांत किशोर, जो 2014 में बीजेपी और पीएम मोदी के लिए चुनावी अभियान का प्रबंधन करते थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई बड़ा गुस्सा नहीं है और बीजेपी लगभग 303 सीटें जीतेगी।
राज्यों के पास तीन प्रमुख राजस्व स्रोत:
राजनीतिक रणनीतिकार किशोर ने कहा कि वर्तमान में राज्यों के पास तीन प्रमुख राजस्व स्रोत हैं: पेट्रोलियम, शराब और जमीन। उन्होंने कहा कि इसके चलते पेट्रोलियम को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता हैं| वर्तमान में, डीजल, पेट्रोल, एटीएफ और प्राकृतिक गैस जैसे पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।
हालाँकि वे अभी भी वैट, सेंट्रल सेल्स टैक्स और सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी से जुड़े हुए हैं। इंडस्ट्री काफी लम्बे समय से पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के तहत लाने की मांग कर रही है। देश के राज्यों को पेट्रोलियम उत्पादों पर जीएसटी लगने से उनका राजस्व कम हो जाने का डर है इसलिए वे शुरू से इसके खिलाफ रहे हैं |
मतलब कि अगर पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है, तो राज्यों को टैक्स का नुकसान होगा और केंद्र पर अपना हिस्सा पाने के लिए अधिक निर्भर होना पड़ेगा । जीएसटी के तहत मौजूदा टैक्स स्लैब 28% है। डीजल और पेट्रोल पर शत प्रतिशत से अधिक टैक्स लगता है।
राज्यों को संसाधनों की वितरण में हो सकती है देरी:
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि केंद्र राज्यों को संसाधनों की वितरण में देरी कर सकता है। फिसकल रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड बजट मैनेजमेंट (एफआरबीएम) नियम और भी कठोर हो सकते हैं। एफआरबीएम अधिनियम, जो 2003 में बनाया गया था, राज्यों के वार्षिक बजट घाटे पर एक सीमा लगाता है।
उन्होंने कहा कि केंद्र संसाधनों के हस्तांतरण में देरी कर सकता है और राज्यों की बजट से इतर उधारी सख्त कर दी जाएगी| प्रशांत किशोर ने जियो-पॉलिटिकल मुद्दों से निपटने में भारत की भूमिका पर भी भविष्यवाणी की| उन्होंने कहा भारत की मुखरता वैश्विक स्तर पर देशों के साथ कूटनीतिक बातचीत के दौरान बढ़ेगी| उन्होंने बताया कि राजनयिकों में आजकल भारत की आक्रामक कूटनीति की चर्चा है|
बीजेपी को 300 सीटें मिलने की उम्मीद:
साथ ही प्रशांत किशोर ने बीजेपी को इस लोकसभा चुनाव में तीसरी बार मिलने वाली सीटों की भी भविष्यवाणी की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि बीजेपी को 300 सीटें मिल सकती हैं। उन्होंने बताया कि बीजेपी ने 2019 के चुनावों में 303 सीटों में से 250 सीटें उत्तर और पश्चिम से प्राप्त की थी |
पूर्व और दक्षिण में बीजेपी के पास लोकसभा में लगभग 50 सीटें हैं, इसलिए माना जाता है कि पूर्व और दक्षिण में बीजेपी की सीट हिस्सेदारी बढ़ रही है| प्रशांत किशोर ने कहा। यहां 15-20 सीटें बढ़ने की उम्मीद है, जबकि पश्चिम और उत्तर में कोई खास नुकसान नहीं होगा।