Earthquake: ताइवान में एक बार फिर कुदरत का कहर बरसा है। दरअसल, ताइवान में सोमवार को एक फिर तेज भूकंप के झटकों से वहां की धरती हिल गई। इस महीने ताइवान में यह दूसरा बड़ा भूकंप आया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यहां सोमवार को शाम 5 बजे से रात 12 बजे तक करीब 80 से ज्यादा बार भूकंप के झटके महसूस किए गए।
बताया जा रहा है कि इनमें सबसे ज्यादा तीव्रता वाले झटके 6.3 और 6 दर्ज की गई। रिपोर्ट के अनुसार, ताइवान में देर रात करीब 2:30 बजे 6.3 और 6 तीव्रता वाले भूकंप के झटके कुछ ही मिनटों के अंतराल में आए।
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भूकंप का केन्द्र:
केंद्रीय मौसम प्रशासन के अनुसार, ताइवान में आए इस भूकंप का केन्द्र पूर्वी काउंटी हुलिएन में पृथ्वी से 5.5 किलोमीटर नीचे था। रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि तेज भूकंप के झटकों के कारण हुलिएन में दो इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है। इनमें से एक बिल्डिंग को सड़क की तरफ झुक गई और दूसरी बिल्डिंग ढह गई। ताइवान के अलावा फिलिपींस, जापान और चीन में भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि यहां अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
बिल्डिंग गिर रही थी, चक्कर जैसे लगे:
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक चश्मदीद ने एफपी मीडिया को बताया कि जिस वक्त भूकंप के झटके आए, उस वक्त वह हाथ धो रहा था। अचानक उसे चक्कर जैसा महसूस हुआ। उसे लगा कि शायद उसे चक्कर आ रहे हैं। ऐसे में वह अपने कमरे में चला गया।
तभी उसे डेस्क के हिलने की आवाज आई और उसे बिल्डिंग गिरती हुई दिखी। वहीं एक अन्य शख्स ने एफपी के संवादाताओं को बताया कि उसने इमारत को हिलते हुए महसूस किया। वहीं एक ने बताया कि उसके बाथरूम की खिड़कियों के कांच हिल रहे थे और पैनल आवाज कर रहे थे।
3 अप्रैल को भी आया था भूकंप, 14 की हुई थी मौत:
इससे पहले इसी महीने ताइवान में 3 अप्रैल को तेज भूकंप के झटके आए थे। उस भूकंप की तीव्रता रैक्टर स्कैल पर 7.5 मापी गई थी। उस भूकंप में काफी नुकसान हुआ था और करीब 14 लोगों की मौत हो गई थी। उस वक्त भी भूकंप का केन्द्र पूर्वी काउंटी हुलिएन शहर ही था। उसका केन्द्र धरती से 34 किलोमीटर नीचे था।
उस वक्त भूकंप के झटके भारतीय समयानुसार सुबह 5:30 बजे महसूस किए गए थे। उस भूकंप के झटकों में कई इमारतें ढह गई थी और लैंड स्लाइड भी हुआ था। तब से अब तक भूकंप के सैंकड़ों झटके महसूस किए जा चुके हैं। 3 अप्रैल को आया भूकंप ताइवान में पिछले 5 साल में आया सबसे तेज भूकंप था।
सोमवार को तुर्किये में आया था भूकंप:
वहीं सोमवार को तुर्किये में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तुर्किये में सामेवार को आए भूकंप की तीव्रता 6.4 थी। तुर्किये में आए भूकंप के झटके लेबनान और इजराइल तक महसूस किए गए। यह भूकंप के झटके स्थानीय समयानुसार रात करीब 8.30 बजे महसूस किए गए थे।
टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन पर बसा है ताइवान:
दरअसल, ताइवान ऐसा देश है जो दो टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन पर बसा है। इसी वजह से यह भूकंप के हिसाब से बहुत संवेदनशील माना गया है। इससे पहले दक्षिणी ताइवान में वर्ष 2016 में तेज भूकंप आया था। उस वक्त करीब 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले वर्ष 1999 में ताइवान में 7.3 तीव्रता का भूकंप आया था। वह भूकंप इतना भयावह था कि करीब 2000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
विश्व में हर साल आते हैं करीब 20 हजार भूकंप:
एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में हर साल हजारों भूकंप आते हैं। हालांकि इनकी तीव्रत बहुत कम होती है। रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल अर्थक्वेक इंफॉर्मेशन सेंटर हर वर्ष करीब 20 हजार भूकंप रिकॉर्ड करता है। इनमें से करीब 100 भूकंप ऐसे होते हैं, जिनमें ज्यादा नुकसान होता है।
बाकी के भूकंप की तीव्रता बहुत कम होती है और बहुत कम देर के लिए आते हैं। वहीं अगर दुनिया के अब तक के सबसे देर तक रहने वाले भूकंप की बात करें तो यह भूकंप वर्ष 2004 में हिंद महासागर में आया था। हिंद महासागर में आया यह भूकंप करीब 10 मिनट तक रहा था।