Lalit Modi: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के संस्थापक और अरबपति कारोबारी ललित मोदी के लिए एक और नई मुसीबत खड़ी हो गई है। दक्षिण प्रशांत महासागर स्थित वानुअतु सरकार ने उनके पासपोर्ट को रद्द करने का फैसला किया है। सरकार का कहना है कि ललित मोदी ने देश की नागरिकता केवल प्रत्यर्पण से बचने के लिए ली थी, जो किसी भी वैध कारण में शामिल नहीं होता।
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Lalit Modi: वानुअतु सरकार का कड़ा रुख
वानुअतु के प्रधानमंत्री जोथम नापत ने देश के नागरिकता आयोग को निर्देश दिया कि वह हाल ही में हुए अंतरराष्ट्रीय मीडिया खुलासों के मद्देनजर ललित मोदी का पासपोर्ट रद्द करे। नापत ने स्पष्ट किया कि वानुअतु में नागरिकता प्राप्त करना एक विशेषाधिकार है, अधिकार नहीं और इसे केवल वैध कारणों से ही दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, हमारे नागरिकता आवेदन की प्रक्रिया में इंटरपोल स्क्रीनिंग सहित सभी मानक जांचें की जाती हैं। जब ललित मोदी ने आवेदन किया, उस समय उनके खिलाफ किसी आपराधिक दोष का कोई पुख्ता प्रमाण नहीं था। हालांकि, अब जो नए तथ्य सामने आए हैं, वे स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि मोदी ने प्रत्यर्पण से बचने के लिए नागरिकता ली थी।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि वानुअतु सरकार ने पिछले चार वर्षों में नागरिकता देने की प्रक्रिया को सख्त कर दिया है। निवेश के आधार पर नागरिकता देने से पहले अब कई स्तर की जांच की जाती है।
Lalit Modi: इंटरपोल ने जारी किया था अलर्ट
प्रधानमंत्री नापत ने बताया कि भारतीय अधिकारियों ने दो बार ललित मोदी के खिलाफ इंटरपोल अलर्ट जारी करने का अनुरोध किया था, लेकिन ठोस न्यायिक प्रमाणों की कमी के कारण यह अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया। यदि इंटरपोल अलर्ट पहले ही सक्रिय होता, तो ललित मोदी का नागरिकता आवेदन स्वतः खारिज हो जाता।
Lalit Modi: विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
भारतीय विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि ललित मोदी ने अपना भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए आवेदन दिया है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, उन्होंने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए आवेदन किया है। इसे मौजूदा नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार जांचा जाएगा। हमें यह भी जानकारी मिली है कि उन्होंने वानुअतु की नागरिकता प्राप्त कर ली है। भारतीय कानून के तहत उनके खिलाफ मामला जारी रहेगा।
Lalit Modi: भारत में क्या हैं आरोप?
ललित मोदी 2010 में भारत छोड़कर लंदन चले गए थे। वह आईपीएल के दौरान करोड़ों रुपये के गबन में शामिल होने के आरोपों का सामना कर रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और भारतीय जांच एजेंसियां उनके खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मामलों की जांच कर रही हैं।
भारत सरकार ललित मोदी को प्रत्यर्पित कर देश वापस लाने की कोशिशों में जुटी हुई है। हालांकि, अब तक इस दिशा में कोई ठोस सफलता नहीं मिली थी, लेकिन वानुअतु सरकार के इस फैसले से भारत की प्रत्यर्पण प्रक्रिया को बल मिल सकता है।
वानुअतु की नागरिकता लेने की प्रक्रिया
वानुअतु निवेश के आधार पर नागरिकता देने वाले देशों में से एक है। वहां के नागरिकता कार्यक्रम के तहत कोई भी व्यक्ति एक निश्चित धनराशि का निवेश कर पासपोर्ट प्राप्त कर सकता है। इस वजह से कई हाई-प्रोफाइल कारोबारी और विवादित शख्सियतें वानुअतु की नागरिकता ले चुकी हैं।
हालांकि, हाल के वर्षों में वानुअतु ने अपनी नागरिकता नीति को सख्त कर दिया है और निवेश पर आधारित पासपोर्ट देने से पहले तीन स्तरीय सुरक्षा जांच अनिवार्य कर दी है। इसी प्रक्रिया के तहत ललित मोदी का पासपोर्ट अब रद्द किया गया है।
क्या होगा ललित मोदी का अगला कदम?
वानुअतु सरकार के इस फैसले के बाद ललित मोदी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। यदि वानुअतु उन्हें अपनी नागरिकता से वंचित करता है, तो वे किसी अन्य देश में शरण लेने के लिए मजबूर हो सकते हैं। इसके अलावा, भारत सरकार अब उनके प्रत्यर्पण के लिए नया अनुरोध भेज सकती है।
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