Donald Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि भारत ने अमेरिकी वस्तुओं पर लगाए गए सभी टैरिफ को हटाने की पेशकश की है। हालांकि इस दावे के बावजूद ट्रंप ने कहा कि वे इस व्यापार समझौते को जल्दबाज़ी में अंतिम रूप देने के पक्ष में नहीं हैं। ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका वैश्विक व्यापार रणनीति को पुनर्गठित करने की दिशा में विचार कर रहा है।
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Donald Trump: भारत अमेरिकी वस्तुओं पर 100 प्रतिशत टैरिफ हटाने को तैयार
फॉक्स न्यूज को शुक्रवार को दिए गए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, “भारत एक ऐसा देश है, जो अपनी व्यापारिक बाधाओं को खत्म करने को लेकर बेहद गंभीर है। वे व्यापार करना लगभग असंभव बना देते हैं। क्या आप जानते हैं कि वे संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए अपने टैरिफ में 100 प्रतिशत की कटौती करने को तैयार हैं?” ट्रंप ने यह भी जोड़ा कि, “हर कोई हमारे साथ व्यापार करना चाहता है, लेकिन मैं इस सौदे को लेकर जल्दबाजी में नहीं हूं।”
Donald Trump: ट्रंप की व्यापारिक रणनीति और भारत पर नजर
डोनाल्ड ट्रंप की ओर से यह बयान ऐसे समय आया है जब उन्होंने आने वाले दो से तीन हफ्तों में अपने व्यापारिक साझेदारों के लिए नई आयात शुल्क दरें तय करने की योजना की भी घोषणा की है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संभावनाएं तलाशने पर विचार कर रहा है।
ट्रंप ने कहा, “भारत में हुए आतंकी हमले और सीमा विवाद के संदर्भ में जब हमने मध्यस्थता की बात की थी, तो व्यापार प्रक्रिया को प्रोत्साहन देना भी एक अहम पहलू था। मैं चाहता हूं कि हम भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ समान शर्तों पर व्यापार करें ताकि शांति स्थापित हो सके।”
Donald Trump: भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर की प्रतिक्रिया
हालांकि, ट्रंप के दावों पर भारत सरकार ने संयमित और संतुलित प्रतिक्रिया दी है। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता चल रही है, लेकिन किसी भी समझौते को अंतिम रूप देने की स्थिति फिलहाल नहीं बनी है। जयशंकर ने कहा, बातचीत चल रही है लेकिन अंतिम चरण से फिलहाल काफी दूर है। जब तक सब तय नहीं हो जाता, तब तक कुछ भी तय नहीं होता। किसी भी व्यापार समझौते को दोनों देशों के लिए लाभकारी होना चाहिए और भारत की यही प्राथमिकता है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत बिना व्यापक सहमति के किसी भी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेगा। उन्होंने ट्रंप के दावे को समय से पूर्व बताया और कहा कि जब तक वार्ता पूरी नहीं होती, इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता।
ट्रंप की चीन नीति और वैश्विक संदर्भ
ट्रंप ने अपने साक्षात्कार में अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि अमेरिका ने चीन पर लगाए गए आयात शुल्क को 145 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया है, जबकि बीजिंग ने भी अपने टैरिफ को 125 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि अगर अमेरिका ने चीन के साथ समझौता नहीं किया होता, तो चीन की अर्थव्यवस्था “बिखर” जाती।
यह बयान दर्शाता है कि ट्रंप आने वाले समय में व्यापार को अपने चुनावी एजेंडे का प्रमुख मुद्दा बना सकते हैं। उनका जोर ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति पर रहा है, जिसके तहत वह पारंपरिक साझेदारों पर अधिक दबाव डालने की रणनीति अपनाते रहे हैं।
भारत की सतर्क रणनीति
भारत के लिए यह एक संवेदनशील और रणनीतिक स्थिति है। एक ओर अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों को मज़बूत करना जरूरी है, वहीं दूसरी ओर घरेलू उद्योगों की रक्षा और पारस्परिक लाभ सुनिश्चित करना भी प्राथमिकता है। ट्रंप द्वारा टैरिफ हटाने की पेशकश का दावा भले ही चर्चा का विषय बन गया हो, लेकिन भारत सरकार ने कूटनीतिक विवेक का परिचय देते हुए फिलहाल किसी जल्दबाजी से इनकार किया है।
इस घटनाक्रम से साफ है कि आने वाले महीनों में भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक वार्ताओं की गति बढ़ सकती है। लेकिन अंतिम समझौता तभी संभव होगा जब दोनों पक्ष अपने-अपने हितों को संतुलित कर सकें।
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