Donald Trump: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ तनाव कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए घोषणा की है कि उनके प्रशासन ने भारत के साथ व्यापार वार्ता फिर से शुरू कर दी है। यह कदम हाल के महीनों में दोनों देशों के बीच बढ़े व्यापारिक तनाव को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। ट्रंप ने मंगलवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए बातचीत जारी रखे हुए हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि दोनों महान देशों के लिए एक सफल निष्कर्ष पर पहुंचने में कोई कठिनाई नहीं होगी।
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Donald Trump: ट्रंप का बदला रुख, मोदी को बताया ‘दोस्त’
ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना बहुत अच्छा दोस्त बताते हुए कहा कि वह आने वाले हफ्तों में उनसे बात करने के लिए उत्सुक हैं। यह बयान उनकी हाल की सकारात्मक टिप्पणियों का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में कहा, मैं हमेशा प्रधानमंत्री मोदी का दोस्त रहूंगा। भारत और अमेरिका के बीच विशेष संबंध हैं, इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। ट्रंप ने मोदी को महान प्रधानमंत्री भी बताया। इसके जवाब में, शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे संबंधों के सकारात्मक आकलन की मैं तहे दिल से सराहना करता हूं और उनका पूरा समर्थन करता हूं। भारत और अमेरिका के बीच एक बेहद सकारात्मक और दूरदर्शी व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है।
Donald Trump: 50% टैरिफ से शुरू हुआ तनाव
यह सकारात्मक विकास उस तनावपूर्ण दौर के बाद आया है, जब 27 अगस्त 2025 को ट्रंप प्रशासन ने भारतीय आयात पर 50% टैरिफ लागू किया था। इसमें 25% टैरिफ भारत के रूसी तेल की खरीद के कारण अतिरिक्त दंड के रूप में लगाया गया था। ट्रंप ने भारत के रूस से तेल और सैन्य उपकरण खरीदने की आलोचना करते हुए इसे एकतरफा व्यापार करार दिया था। उन्होंने कहा था कि भारत अमेरिका को बड़े पैमाने पर सामान बेचता है, लेकिन हम उन्हें बहुत कम बेचते हैं। इस कदम से भारत के निर्यात, विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न, आभूषण और वस्त्र उद्योग, पर गहरा असर पड़ा। जेपी मॉर्गन के मुख्य अर्थशास्त्री साजिद चिनॉय ने अनुमान लगाया कि 50% टैरिफ से भारत के जीडीपी को 1% तक नुकसान हो सकता है।
Donald Trump: व्यापार वार्ता में रुकावटें और उम्मीदें
पिछले कुछ महीनों में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता कई बार रुक गई थी। भारत ने कृषि और डेयरी क्षेत्रों को खोलने पर अपनी रेड लाइन बनाए रखी, जो ट्रंप प्रशासन की मांगों के खिलाफ थी। ट्रंप ने भारत को अड़ियल करार देते हुए कहा था कि भारत ने अमेरिकी सामानों पर टैरिफ को शून्य करने की पेशकश की, लेकिन इसे देर से किया गया कदम बताया। हालांकि, हाल के दिनों में ट्रंप का बदला हुआ रुख और नरम बयानबाजी दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने नवंबर तक व्यापार समझौते की उम्मीद जताई है।
आर्थिक और रणनीतिक प्रभाव
ट्रंप के टैरिफ ने भारत को वैकल्पिक बाजारों की तलाश करने के लिए प्रेरित किया। भारत ने यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और मध्य पूर्व के साथ नए मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) की दिशा में कदम बढ़ाए। इसके अलावा, भारत और चीन के बीच व्यापारिक संबंधों में भी सुधार देखा गया, जिसमें सीमा व्यापार और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में सहयोग की बात चल रही है। विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का टैरिफ दबाव अनजाने में भारत-चीन संबंधों को बेहतर करने का कारण बन सकता है। हालांकि, भारत ने रूस से तेल खरीद को अपनी रणनीतिक स्वायत्तता का हिस्सा बताते हुए इसे जारी रखने का फैसला किया है।
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