Uttarakhand: उत्तराखंड की मशहूर पर्यटन नगरी नैनीताल घूमने की योजना बना रहे पर्यटकों को अब अपनी जेब पहले से ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी। नैनीताल नगर पालिका ने शहर में प्रवेश और पार्किंग के शुल्क में भारी बढ़ोतरी की है। नए नियमों के तहत अब पर्यटकों को नैनीताल में एंट्री के लिए ऑनलाइन 300 रुपये और ऑफलाइन यानी कैश देने पर 500 रुपये चुकाने होंगे। इसके अलावा, कार पार्किंग के लिए प्रतिदिन 500 रुपये और बाइक के लिए 50 रुपये का शुल्क तय किया गया है।
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Uttarakhand: हाईकोर्ट के आदेश के बाद लिया गया निर्णय
यह फैसला नैनीताल हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद लिया गया है, जिसमें नगर पालिका को निर्देश दिया गया था कि वह पार्किंग और चुंगी का संचालन खुद अपने नियंत्रण में ले। इसी के तहत शुक्रवार को पालिका अध्यक्ष डॉ. सरस्वती खेतवाल की अध्यक्षता में एक विशेष बोर्ड बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रवेश शुल्क और पार्किंग दरों को बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
Uttarakhand: स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए अलग दरें
नगर पालिका ने स्थानीय लोगों के लिए भी पार्किंग शुल्क तय किया है। अशोक सिनेमा हॉल क्षेत्र में दोपहिया वाहनों की पार्किंग के लिए स्थानीय लोगों से 25 रुपये प्रति घंटे शुल्क लिया जाएगा। इसका मतलब है कि अगर कोई स्थानीय व्यक्ति 24 घंटे अपनी बाइक पार्क करता है, तो उसे कुल 600 रुपये चुकाने होंगे। वहीं, शहर में कामकाज के सिलसिले में आने वाले लोगों से आवश्यक दस्तावेज सत्यापन के बाद 5,000 रुपये का सालाना पास जारी किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, बाइक से आने वाले पर्यटकों से 100 रुपये का टोल टैक्स लिया जाएगा, जबकि टैक्सी बाइक चालकों से 1,300 रुपये सालाना शुल्क तय किया गया है। शहरवासियों को 200 रुपये प्रति चक्कर और 800 रुपये सालाना के हिसाब से पास जारी किए जाएंगे।
Uttarakhand: अवैध होटलों और होमस्टे पर भी कार्रवाई
नगर पालिका ने शहर में अवैध रूप से चल रहे होटलों और होमस्टे की पहचान के लिए पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर एक संयुक्त सूची तैयार करने का निर्णय लिया है। इनसे संपत्ति कर, सफाई कर समेत अन्य करों की वसूली की जाएगी। यह कदम पालिका की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने की दिशा में उठाया गया है।
Uttarakhand: पर्यटन पर पड़ेगा असर
इस फैसले से नैनीताल आने वाले पर्यटकों को बड़ा झटका लग सकता है। पहले ही नैनीताल पहुंचने तक उन्हें कई टोल टैक्स देने पड़ते हैं, और अब शहर में प्रवेश और पार्किंग पर अतिरिक्त शुल्क का बोझ जुड़ गया है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि अगर वाहन की पार्किंग 11:01 बजे तक नहीं हटाई गई, तो अगले दिन का चार्ज भी वसूला जाएगा।
इससे पर्यटन व्यवसाय को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। स्थानीय व्यापारियों और होटल संचालकों का मानना है कि पहले से ही महंगाई और ट्रैफिक की समस्या से परेशान पर्यटक अब नैनीताल की बजाय अन्य विकल्पों की ओर रुख कर सकते हैं।
होटल बुकिंग वाले वाहनों को ही मिलेगी एंट्री
प्रशासन की ओर से पूर्व में ही एक आदेश जारी किया गया है कि सिर्फ होटल बुकिंग वाले पर्यटक वाहनों को ही नैनीताल शहर में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। बाकी वाहनों को रूसी बाईपास (रूसी 1 और रूसी 2) में रोक दिया जाएगा। वहां से पर्यटकों को शटल सेवा के माध्यम से शहर में लाया जाएगा।
सीधा असर नैनीताल के पर्यटन पर पड़ना तय
नगर पालिका का यह निर्णय भले ही शहर की व्यवस्था और राजस्व बढ़ाने के मकसद से लिया गया हो, लेकिन इसका सीधा असर नैनीताल के पर्यटन पर पड़ना तय है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन किस तरह से इस निर्णय को संतुलित तरीके से लागू करता है ताकि न तो शहर की व्यवस्था बिगड़े और न ही पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचे।
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