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Thursday, July 17, 2025
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Waqf Bill: वक्फ बिल को लेकर नीतीश कुमार पार्टी में घमासान, इतने नेताओं ने दिया इस्तीफा

Waqf Bill: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को वक्फ बिल का समर्थन करना काफी महंगा साबित होता नजर आ रहा है। जेडीयू पार्टी में इस्तीफा देने वाले नेताओं की झड़ी लग गई है।

Waqf Bill: वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 के संसद में पारित होने के बाद बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) यानी जद (यू) में गंभीर राजनीतिक हलचल देखने को मिल रही है। पार्टी द्वारा विधेयक का समर्थन किए जाने के विरोध में पार्टी के पांच मुस्लिम नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है, जिससे न केवल जद (यू) की धर्मनिरपेक्ष छवि पर सवाल उठने लगे हैं, बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नेतृत्व क्षमता और उनके निर्णयों पर भी गंभीर बहस शुरू हो गई है। जद (यू) के भीतर इस मुद्दे पर मचे घमासान से पार्टी की राजनीतिक दिशा और रणनीति पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

Waqf Bill: जेडीयू में लगी इस्तीफों की झड़ी

सबसे ताजा नाम नदीम अख्तर का है, जिन्होंने पार्टी छोड़ने वाले पांचवें नेता के रूप में इस्तीफा दिया है। उनसे पहले राजू नैयर, तबरेज सिद्दीकी अलीग, मोहम्मद शाहनवाज मलिक और मोहम्मद कासिम अंसारी ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

Waqf Bill: पार्टी के भीतर असंतोष की गूंज

पूर्व राज्य युवा सचिव राजू नैयर ने अपने त्यागपत्र में कहा, वक्फ संशोधन विधेयक के पक्ष में जद (यू) का समर्थन न केवल मुसलमानों के साथ विश्वासघात है, बल्कि यह हमारी धर्मनिरपेक्ष पहचान को धूमिल करने वाला कदम है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर खुद को सभी पदों और जिम्मेदारियों से मुक्त करने का अनुरोध किया। वहीं तबरेज़ सिद्दीकी अलीग ने पार्टी अध्यक्ष को संबोधित अपने पत्र में लिखा, पार्टी ने मुस्लिम समुदाय के विश्वास को तोड़ा है। वक्फ जैसे संवेदनशील मसले पर जद (यू) का यह रवैया बेहद दुखद और चिंताजनक है।

मोहम्मद शाहनवाज मलिक ने अपने इस्तीफे में नीतीश कुमार से नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए लिखा, हमें हमेशा से विश्वास था कि नीतीश कुमार धर्मनिरपेक्ष राजनीति के प्रतीक हैं, लेकिन इस विधेयक का समर्थन कर उन्होंने उस विश्वास को तोड़ दिया है। मोहम्मद कासिम अंसारी ने कहा कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं को कमजोर करता है और इसका समर्थन करना पार्टी की विचारधारा से पूरी तरह विपरीत है।

नीतीश कुमार पर दबाव, विधानसभा चुनाव से पहले संकट

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच जद (यू) को यह झटका काफी नाजुक समय पर लगा है। मुस्लिम समुदाय लंबे समय से जद (यू) का समर्थन करता आया है और इस समुदाय का चुनावों में निर्णायक वोट बैंक रहा है। पार्टी में हो रहे इन इस्तीफों ने यह संकेत दिया है कि जद (यू) में असंतोष तेजी से बढ़ रहा है और नेतृत्व से नाराज नेताओं का यह सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है।

Waqf Bill: विपक्ष ने साधा निशाना

कांग्रेस नेता तारिक अनवर और अन्य विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर जद (यू) और भाजपा पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक संविधान और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ है और इसका उद्देश्य सिर्फ ध्रुवीकरण की राजनीति को बढ़ावा देना है।

AIMPLB का विरोध

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने भी इस विधेयक का कड़ा विरोध किया और सभी धर्मनिरपेक्ष दलों व भाजपा के सहयोगियों से इसे नकारने की अपील की थी। बावजूद इसके जद (यू) द्वारा विधेयक का समर्थन करना AIMPLB के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय के एक बड़े वर्ग को गंभीर रूप से आहत कर गया है।

संसद में विधेयक हुआ पारित

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने ऐलान किया कि “हां में 128 और नहीं में 95 वोट पड़े। कोई अनुपस्थित नहीं था। विधेयक पारित हो गया।” इससे पहले लोकसभा में भी यह विधेयक पारित हो चुका था। वक्फ (निरसन) संशोधन विधेयक, 2024 के तहत कुछ वक्फ संपत्तियों को वक्फ सूची से हटाने और नियंत्रण व निगरानी तंत्र में बदलाव का प्रावधान किया गया है, जिसे मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों ने उनकी धार्मिक संपत्तियों पर हमले के रूप में देखा है।

यह भी पढ़ें:-

Waqf Amendment Bill: लोकसभा में 12 घंटे की तीखी बहस के बाद वक्फ बिल 288/232 मतों से पास

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