32.3 C
New Delhi
Sunday, July 20, 2025
Homeउत्तराखंडUttarakhand: चमोली में बर्फीले तूफान और हिमस्खलन से 8 की मौत, बचाव...

Uttarakhand: चमोली में बर्फीले तूफान और हिमस्खलन से 8 की मौत, बचाव अभियान खत्म

Uttarakhand: उत्तराखंड के चमोली में आए भयंकर बर्फीले तूफान और हिमस्खलन में आठ लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही सेना ने राहत एवं बचाव ऑपरेशन भी समाप्त कर दिया गया।

Uttarakhand: उत्तराखंड के चमोली जिले में शुक्रवार को आए भीषण बर्फीले तूफान और हिमस्खलन ने एक बड़ी त्रासदी को जन्म दिया। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक आठ लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। रविवार शाम सेना ने घोषणा की कि राहत एवं बचाव अभियान समाप्त कर दिया गया है। चमोली की यह प्राकृतिक आपदा एक गंभीर चेतावनी है कि पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों और वहां काम करने वाले श्रमिकों के लिए मौसम संबंधी सतर्कता बेहद जरूरी है। सेना और प्रशासन की तत्परता ने कई लोगों की जान बचाई, लेकिन इस हादसे ने कई परिवारों को अपार दुख भी दिया है।

बर्फीले तूफान में फंसे 55 श्रमिक

चमोली के माणा क्षेत्र में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कैंप में काम कर रहे कुल 55 श्रमिक इस बर्फीले तूफान की चपेट में आ गए थे। सेना के ब्रिगेडियर मनदीप ढिल्लों ने बताया कि इस हादसे में आठ लोगों की जान चली गई। मृतकों के अंतिम शव रविवार को बर्फ के अंदर से बरामद किए गए, जिससे मरने वालों की संख्या आठ हो गई।
46 श्रमिकों को सुरक्षित बचाया गया

इस हादसे में 46 श्रमिकों को पहले ही सुरक्षित बचा लिया गया था, जबकि एक श्रमिक खुद अपने घर लौटने में सफल रहा। हालांकि, आठ अन्य श्रमिकों की जान नहीं बचाई जा सकी। सेना, भारतीय वायु सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, सीमा सड़क संगठन और राज्य प्रशासन ने मिलकर इस राहत अभियान को चलाया।

रविवार को मिला अंतिम शव

बचाव कार्य के दौरान रविवार शाम चार बजकर 43 मिनट पर बर्फ में दबे अंतिम लापता श्रमिक का शव मिला। इसके बाद सेना ने बचाव अभियान समाप्त करने की घोषणा की। ब्रिगेडियर मनदीप ढिल्लों ने कहा कि इस आपदा में जान गंवाने वाले श्रमिकों के परिजनों के प्रति भारतीय सेना संवेदना व्यक्त करती है।

मौसम ने बचाव कार्य में डाली बाधा

बचाव अभियान के दौरान सेना को भारी बर्फबारी और खराब मौसम का सामना करना पड़ा। अत्यधिक ठंड और लगातार हो रही बर्फबारी के कारण राहत कार्य में लगातार रुकावटें आईं। सेना की मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता स्वयं इस बचाव अभियान की निगरानी कर रहे थे। उन्होंने हालात का जायजा लेने के लिए खुद हिमस्खलन प्रभावित स्थल का दौरा भी किया।

तकनीक और विशेष उपकरणों का इस्तेमाल

बर्फ में दबे लोगों को खोजने के लिए विशेष टोही रडार, ड्रोन (यूएवी), क्वाडकॉप्टर और हिमस्खलन में बचाव के लिए प्रशिक्षित खोजी कुत्तों का उपयोग किया गया। सेना के हेलीकॉप्टर लगातार आवश्यक उपकरणों को घटनास्थल तक पहुंचाने और घायलों को अस्पताल पहुंचाने का काम कर रहे थे।

बचाव अभियान में शामिल टीमों की सराहना

भारतीय सेना ने उन सभी सैनिकों और कर्मियों की सराहना की जिन्होंने खराब मौसम और कठिन परिस्थितियों के बावजूद राहत एवं बचाव अभियान में अपना योगदान दिया। सेना के अधिकारियों ने कहा कि बिना थके काम करने वाली इन टीमों के प्रयासों से 46 लोगों की जान बचाई जा सकी।

पीड़ित परिवारों को मुआवजा और सहायता

राज्य सरकार ने हादसे में जान गंवाने वाले श्रमिकों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार प्रभावित परिवारों की हरसंभव मदद करेगी।

स्थानीय प्रशासन की अपील

चमोली प्रशासन ने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों से अपील की है कि वे खराब मौसम के दौरान ऊंचाई वाले इलाकों में जाने से बचें। प्रशासन ने मौसम विभाग से नियमित अपडेट लेने और किसी भी आपात स्थिति में सतर्क रहने की सलाह दी है।

भविष्य के लिए सुरक्षा उपाय

इस हादसे के बाद राज्य सरकार और सेना ने हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने का निर्णय लिया है। आपदा से बचाव के लिए स्थानीय स्तर पर सतर्कता बढ़ाने, संचार व्यवस्था को दुरुस्त करने और आवश्यक संसाधनों को तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।

यह भी पढ़ें:-

Waqf Amendment Bill: 10 मार्च को देशभर में विरोध प्रदर्शन! AIMPLB ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ आवाज़ उठाई – दिल्ली सहित देश भर में व्यापक आंदोलन

- Advertisement - Advertisement - Yatra Swaaha
RELATED ARTICLES
New Delhi
broken clouds
32.3 ° C
32.3 °
32.3 °
65 %
3.7kmh
55 %
Sat
32 °
Sun
37 °
Mon
33 °
Tue
33 °
Wed
32 °

Most Popular