Kedarnath Dham: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार, 3 मई 2025 को सुबह 7 बजे वैदिक मंत्रोच्चार और विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस शुभ अवसर पर हेलीकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की गई और चारों ओर बाबा केदार के जयकारों की गूंज सुनाई दी। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का प्रमुख चरण आरंभ हो गया है।
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Kedarnath Dham: श्रद्धालुओं में उमड़ा उत्साह
मंदिर परिसर को आकर्षक फूलों से सजाया गया था और सेना के बैंड ने इस विशेष मौके पर मधुर धुनें बजाईं। इस शुभ क्षण पर भारी संख्या में श्रद्धालु मंदिर परिसर में उपस्थित रहे। केदारनाथ घाटी भक्तों की भीड़ और धार्मिक उल्लास से सराबोर हो गई।
Kedarnath Dham: मुख्यमंत्री धामी रहे मौजूद
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के इस पावन अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं मौजूद रहे। उन्होंने बाबा केदार की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों और देशभर से आए श्रद्धालुओं के लिए सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर मुख्य पुजारी वागेश लिंग, रावल भीमाशंकर लिंग, बीकेटीसी (बद्री-केदार मंदिर समिति) के पदाधिकारी, तीर्थ पुरोहित और प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और सेवा के लिए राज्य सरकार पूरी तरह तैयार है। बाबा केदार की कृपा से यात्रा निर्विघ्न और मंगलमय होगी।
Kedarnath Dham चारधाम यात्रा का दूसरा पड़ाव
इससे पहले अक्षय तृतीया के दिन, यानी 1 मई 2025 को, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खोले गए थे। यमुनोत्री धाम के कपाट सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच खोले गए। बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस अवसर पर उपस्थित रहे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चारधाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री धाम से करना शुभ माना जाता है, क्योंकि यमुनोत्री, यमुना नदी का उद्गम स्थल है और यमराज की बहन यमुना जी को यह वरदान प्राप्त है कि उनके जल से स्नान करने वाले को मृत्यु का भय नहीं सताता।
चार मई को खुलेंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट
अब चार मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे, जिसके साथ ही चारधाम यात्रा का चौथा और अंतिम प्रमुख धाम भी भक्तों के लिए खुल जाएगा। इस तरह चारों धाम – यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ – छह माह की अवधि तक श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे।
लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना
चारधाम यात्रा हर वर्ष उत्तराखंड की धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक गतिविधियों का केंद्र होती है। इस बार भी लाखों श्रद्धालुओं के केदारनाथ और अन्य धामों की यात्रा पर आने की संभावना जताई जा रही है। यात्रा के प्रबंधन को सुचारु बनाने के लिए सरकार ने पंजीकरण व्यवस्था, हेलीकॉप्टर सेवाएं, स्वास्थ्य केंद्र, सड़क व्यवस्था, रास्तों की निगरानी और आपातकालीन सहायता केंद्र जैसे अनेक उपाय किए हैं।
केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाएं 2 मई से शुरू हो चुकी हैं, जिससे विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी।
श्रद्धा और भक्ति का केंद्र
केदारनाथ धाम भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसका धार्मिक महत्व अत्यंत गहरा है। समुद्र तल से लगभग 11,755 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर हर साल लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। सर्दियों के मौसम में जब भारी बर्फबारी होती है, तब मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और बाबा केदार की पूजा ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ में की जाती है।
कपाट खुलने के साथ ही इस पवित्र स्थल की रौनक लौट आई है और पूरे भारत से श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन के लिए उमड़ने लगे हैं। श्रद्धा, सेवा और संकल्प के साथ यह यात्रा उत्तराखंड की धार्मिक गरिमा को एक नई ऊंचाई प्रदान करती है।
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