Chardham Yatra: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तैयारियां तेज़ी से चल रही हैं। 30 अप्रैल 2025 से शुरू होने जा रही इस पवित्र यात्रा को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है। हर साल की तरह इस बार भी केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालुओं के उत्तराखंड पहुंचने की उम्मीद है। लेकिन, यात्रा शुरू होने से पहले ही साइबर ठग सक्रिय हो गए हैं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन और पुलिस पहले से ज्यादा सतर्क हो गई है।
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Chardham Yatra: फर्जी वेबसाइटों के जरिए स्कैम
इस बार की यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए उत्तराखंड पुलिस, साइबर सेल और उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UOCADA) मिलकर कार्य कर रहे हैं। खास तौर पर हेली सेवाओं की बुकिंग को लेकर सावधानी बरती जा रही है, क्योंकि बीते वर्षों में फर्जी वेबसाइटों और सोशल मीडिया पर चल रहे स्कैम के जरिए श्रद्धालुओं से ठगी की कई घटनाएं सामने आई थीं।
Chardham Yatra: हेली सेवा बुकिंग के लिए सिर्फ आधिकारिक पोर्टल का करें उपयोग
केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाएं 2 मई से शुरू होंगी, जिस दिन धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। हेली टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग 8 अप्रैल से शुरू हो चुकी है। इसके लिए भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) की अधिकृत वेबसाइट heliyatra.irctc.co.in पर ही बुकिंग की सुविधा दी गई है।
Chardham Yatra: ऑनलाइन गतिविधियों पर विशेष नजर
गुप्तकाशी, सिरसी और फाटा से संचालित होने वाली ये सेवाएं श्रद्धालुओं को तेज, सुरक्षित और सुलभ दर्शन का विकल्प प्रदान करेंगी। UOCADA के अधिकारियों का कहना है कि इस बार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जा रही है, ताकि कोई फर्जी प्रचार या वेबसाइट श्रद्धालुओं को भ्रमित न कर सके।
पिछली ठगी की घटनाओं से मिली सीख
साल 2024 में चारधाम यात्रा के दौरान फर्जी वेबसाइटों और विज्ञापनों के जरिए श्रद्धालुओं से लाखों रुपये की ठगी की गई थी। पुलिस के अनुसार, उस दौरान करीब 80 फर्जी वेबसाइटें बंद की गई थीं, 30 से अधिक फेक फेसबुक विज्ञापन हटाए गए थे और 50 से अधिक बैंक खातों को फ्रीज किया गया था। इसके अलावा, कई साइबर अपराधियों को गिरफ्तार भी किया गया था, जिनके पास से ठगी में प्रयुक्त मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य डिवाइस बरामद हुए थे।
संदेहजनक गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई
इस बार साइबर ठगों की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए एक विशेष साइबर निगरानी टीम तैनात की गई है। यह टीम सोशल मीडिया, वेबसाइट्स और डिजिटल विज्ञापनों की लगातार निगरानी कर रही है, जिससे किसी भी संदेहजनक गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
श्रद्धालुओं के लिए सावधानी जरूरी
साइबर पुलिस ने यात्रियों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान लिंक, सोशल मीडिया पोस्ट या अनधिकृत वेबसाइट से बुकिंग न करें। कोई भी निजी जानकारी जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक विवरण आदि किसी अनजान वेबसाइट या व्यक्ति से साझा न करें। बुकिंग से पहले वेबसाइट की प्रामाणिकता की अच्छी तरह से जांच कर लें। किसी भी संदेह की स्थिति में तत्काल साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।
प्रशासन की तैयारियां पूरी
यात्रियों की सुविधा के लिए जगह-जगह हेल्प डेस्क, स्वास्थ्य सुविधाएं, रुकने के स्थान, जलपान केंद्र और आपातकालीन सहायता केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। साथ ही, पुलिस बल, मेडिकल टीम और स्वयंसेवकों को भी विभिन्न स्थानों पर तैनात किया जा रहा है।
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