UP STF Action: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने अवैध खनन और ओवरलोड वाहनों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए फतेहपुर जिले में एक संगठित रैकेट का भंडाफोड़ किया है। बांदा की मर्का मोरम खदान से निकलने वाली ओवरलोड गाड़ियों को असोथर क्षेत्र से सुरक्षित गुजरने के लिए ‘लोकेशन’ मुहैया कराने के आरोप में STF की लखनऊ यूनिट ने छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। मौके से दो प्रमुख ‘लोकेटर’ धीरेंद्र सिंह और विक्रम को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि खनिज विभाग के अधिकारी देशराज पटेल और फतेहपुर ARTO के ड्राइवर बब्लू पटेल उर्फ श्यामू सहित अन्य फरार हैं।
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UP STF Action: करोड़ों राजस्व का नुकसान
STF निरीक्षक दीपक सिंह की तहरीर पर थरियांव थाने में IPC की गंभीर धाराओं—420 (धोखाधड़ी), 120B (आपराधिक षड्यंत्र), 34 (सामान्य इरादा)—के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम के तहत केस दर्ज हुआ है। जांच में सामने आया कि यह नेटवर्क खनिज और परिवहन विभाग में गहरी पैठ रखता था। आरोपी रोजाना दर्जनों ओवरलोड ट्रक-ट्रैक्टरों को चेकिंग से बचाकर निकालते थे, जिससे राज्य को करोड़ों का राजस्व नुकसान हो रहा था और स्थानीय सड़कें ध्वस्त हो रही थीं।
UP STF Action: कैसे चल रहा था रैकेट?
STF के अनुसार, बांदा की मर्का मोरम खदान से मोरम लदी गाड़ियां अवैध रूप से ओवरलोड की जाती थीं। इन गाड़ियों को फतेहपुर के असोथर क्षेत्र से गुजरना पड़ता था, जहां चेकिंग पॉइंट्स हैं। आरोपी ‘लोकेटर’ खनिज और RTO अधिकारियों से सेटिंग कर चेकिंग टीमों की लोकेशन और समय की जानकारी पहले से ही ट्रक ड्राइवरों को भेजते थे। इससे गाड़ियां बिना रुके निकल जाती थीं। प्रति ट्रिप 5,000 से 15,000 रुपये तक की वसूली होती थी। STF ने एक गिरफ्तार लोकेटर के मोबाइल से सैकड़ों WhatsApp चैट बरामद किए, जिनमें ‘चेकिंग 2 बजे तक, रास्ता क्लियर’ जैसे मैसेज मिले।
UP STF Action: आरोपियों की भूमिका
- देशराज पटेल (खनिज निरीक्षक, बांदा) – खदान से अवैध निकासी की अनुमति और फर्जी ई-चालान।
- बब्लू पटेल उर्फ श्यामू (ARTO ड्राइवर, फतेहपुर) – चेकिंग टीमों की लोकेशन लीक करना।
- धीरेंद्र सिंह (लोकेटर, गिरफ्तार) – ट्रकों को रियल-टाइम लोकेशन देना।
- विक्रम (लोकेटर, गिरफ्तार) – ड्राइवरों से वसूली और पेमेंट कलेक्शन।
- मुकेश तिवारी – नेटवर्क का फाइनेंसर, अभी फरार।
- एक अज्ञात खनिज माफिया – मास्टरमाइंड, नाम उजागर होने की प्रक्रिया में।
12 मोबाइल, 8 सिम कार्ड, 1.20 लाख नकद और एक बाइक बरामद
लखनऊ STF को गुप्त सूचना मिली कि 11 नवंबर की रात असोथर में ओवरलोड गाड़ियों का काफिला गुजरेगा। टीम ने घेराबंदी की और दो ट्रकों को पकड़ा। ड्राइवरों से पूछताछ में लोकेटरों का नाम सामने आया। इसके बाद धीरेंद्र और विक्रम को असोथर-बांदा मार्ग पर दबोचा गया। दोनों के पास से 12 मोबाइल, 8 सिम कार्ड, 1.20 लाख नकद और एक बाइक बरामद हुई। पूछताछ में खनिज अधिकारी और ARTO ड्राइवर के नाम खुलने पर STF ने दोनों विभागों को अलर्ट किया।
UP STF Action: रोजाना निकलती थीं 30-40 गाड़ियां
अधिकारियों के अनुसार, एक ओवरलोड ट्रक से 10-15 टन अतिरिक्त माल ढोया जाता था। प्रति ट्रक 2,000 रुपये रॉयल्टी बचती थी। रोजाना 30-40 गाड़ियां निकलती थीं, यानी महीने में 18-25 लाख की अवैध कमाई। असोथर की ग्रामीण सड़कें जगह-जगह गड्ढों से भर गई हैं। स्थानीय ग्राम प्रधान रामसिंह ने कहा, ‘गांव की सड़कें ट्रकों से टूट गईं। बच्चे स्कूल नहीं जा पाते।’
प्रशासन का बयान, आगे की कार्रवाई
Fatehpur DM ने कहा, ‘STF की कार्रवाई सराहनीय है। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस है।’ खनिज सचिव ने बांदा खदान के सभी अधिकारियों का ट्रांसफर रोक दिया। RTO फतेहपुर में जांच शुरू। STF ने दोनों विभागों से दस्तावेज जब्त किए। फरार आरोपियों की तलाश के लिए 3 टीमें गठित की गईं। बांदा खदान का निरीक्षण और सीलिंग की तैयारी। डिजिटल फॉरेंसिक से वित्तीय लेनदेन का पता लगाया जा रहा है।
