UP: उत्तर प्रदेश के सरधना से पूर्व विधायक और भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला है। सोम ने कहा कि राणा सांगा पर की गई टिप्पणी के लिए अखिलेश यादव को पूरे सनातन समाज से माफी मांगनी होगी, नहीं तो इसका परिणाम उन्हें भुगतना पड़ेगा। उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि सनातनियों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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अखिलेश ने किया राणा सांगा जैसे वीर योद्धा का अपमान
संगीत सोम सोमवार को सहारनपुर स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट में एक पुराने मामले में पेशी के लिए पहुंचे थे। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, अखिलेश यादव ने राणा सांगा जैसे वीर योद्धा का अपमान किया है। ये बयान सांसद रामजी लाल सुमन के नाम पर दिया जा रहा है, लेकिन यह बयान दरअसल अखिलेश यादव का है। समाजवादी पार्टी की सोच ही राष्ट्रविरोधी और इतिहास विरोधी रही है।
अखिलेश को मांगनी पड़ेगी माफी : संगीत सोम
संगीत सोम ने कहा कि राणा सांगा न केवल राजपूतों के गौरव हैं, बल्कि वे पूरे राष्ट्र के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा, ऐसे महापुरुष पर टिप्पणी करना किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। अखिलेश यादव को इसके लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी होगी। प्रत्येक सनातनी इस अपमान का जवाब देगा और उन्हें सबक सिखाएगा।”
UP: “मुगलिया सरकार” का आरोप
संगीत सोम ने अपने पुराने मामले का जिक्र करते हुए कहा कि अखिलेश यादव की सरकार को उन्होंने ‘मुगलिया सरकार’ कहा था क्योंकि उस समय की नीतियां और कार्यशैली मुगलों जैसी थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी सरकार में आतंकवादियों को संरक्षण दिया गया और पुलिस तक सुरक्षित नहीं रही। सोम ने दावा किया कि देवबंद के मीरपुर गांव में एक एसपी की एके-47 छीन ली गई थी, लेकिन सरकार ने इस पर कोई कठोर कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा, अगर एक एसपी की एके-47 तक गायब हो जाए और उसका कुछ पता न चले, तो यह सीधा कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है।
उन्होंने बताया कि उस घटना के विरोध में देवबंद में एक महापंचायत बुलाई गई थी, जिसमें बच्चे भी शामिल थे, लेकिन उस समय की समाजवादी पार्टी सरकार ने उन पर और अन्य लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज करवा दिए।
UP: पिछली बयानबाजी और विवाद
संगीत सोम पहले भी कई विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहे हैं। हाल ही में उन्होंने औरंगजेब को लेकर तीखी टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने मुगल शासकों को आततायी बताया था। सोम के बयान भाजपा के कट्टर समर्थक वर्ग में लोकप्रियता दिलाते हैं, वहीं विपक्ष इन्हें सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का प्रयास मानता है।
UP: सियासी प्रतिक्रिया और सियासी तापमान
इस विवादास्पद बयानबाजी से उत्तर प्रदेश की राजनीति में फिर से गर्मी बढ़ गई है। जहां भाजपा के समर्थक संगीत सोम के समर्थन में दिख रहे हैं, वहीं सपा ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि पार्टी के अंदरखाने में इस मसले को लेकर मंथन जरूर चल रहा है, क्योंकि यह मुद्दा चुनावी मौसम में एक बड़ा भावनात्मक मुद्दा बन सकता है।
यूपी की राजनीति में नया तूफान
राणा सांगा जैसे ऐतिहासिक और गौरवशाली योद्धा पर टिप्पणी कर समाजवादी पार्टी ने अनजाने में ही एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा भाजपा के हाथों में थमा दिया है। अब देखना होगा कि अखिलेश यादव इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। क्या वह संगीत सोम की मांग के अनुसार माफी मांगेंगे या फिर बयान को गलत ढंग से पेश करने की बात कहकर पलटवार करेंगे? फिलहाल, संगीत सोम के बयान ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर नया तूफान खड़ा कर दिया है।
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