Sambhal riots: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विधानसभा में विपक्षियों की आलोचना करते हुए एक गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उन्हें पहले यह लगता था कि मिनी स्टेशन पावर कॉरपोरेशन चला रहा है, लेकिन जब उन्होंने जांच की तो पाया कि संभल में धार्मिक स्थलों से बिजली के मिनी स्टेशन संचालित हो रहे थे। वहां कई मस्जिदों में अवैध रूप से सब स्टेशन बनाए गए थे और फ्री में बिजली कनेक्शन बांटे जा रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त की और इसे एक गंभीर उल्लंघन बताया।
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कई मस्जिदों पर अवैध सब स्टेशन बनाकर फ्री कनेक्शन बांटे गए थे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में दीपासराय और मीरासराय मोहल्लों में उच्च लाइन लॉस पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि जबकि प्रदेश में पावर कॉरपोरेशन का लाइन लॉस 30 प्रतिशत से कम है, वहीं संभल के इन दो मोहल्लों में लाइन लॉस क्रमशः 78 और 82 प्रतिशत है। योगी ने इसे देश के संसाधनों पर लूट करार दिया। उन्होंने प्रशासन की भूमिका को स्पष्ट करते हुए कहा कि जब प्रशासन अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए कार्रवाई करता है, तो उसे “चोर” कहा जाता है, और जब प्रशासन चोरी पकड़ता है, तो उसे “अत्याचार” कहा जाता है। इस टिप्पणी के जरिए मुख्यमंत्री ने पावर चोरी और अवैध कनेक्शनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया।
संभल मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के बाद मुख्यमंत्री ने किया पलटवार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब सच्चाई सामने आती है, तो उन्हें बुरा लगता है। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग बराबरी नहीं कर सकते, वे बुराई करते हैं, और विपक्ष इसी बुराई का हिस्सा है। उनका आरोप था कि विपक्ष की आलोचना में सत्य और न्याय की भावना नहीं है, बल्कि यह पक्षपाती और लोकतंत्र को कमजोर करने वाली है।
तुर्क और पठान के विवाद का किया जिक्र
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा के सदस्यों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने मंदिर को न छेड़कर एक “बड़ी कृपा” की है, लेकिन सवाल उठाया कि संभल में 22 कुओं को किसने पाट दिया। उन्होंने यह भी पूछा कि मूर्तियां कैसे मिल रही हैं और नोटिस से क्यों परेशानी हो रही है। योगी ने संभल में चल रहे तुर्क और पठान के विवाद का जिक्र किया और शफीकुर्रहमान बर्क (सपा के पूर्व सांसद, अब स्मृतिशेष) की टिप्पणी पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने खुद को भारत का नागरिक न मानकर बाबर की संतान कहा था।
‘शफीकुर्रहमान बर्क खुद को भारत का नागरिक नहीं, बाबर की संतान कहते थे’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अल्लामा इकबाल की नज्म को लेकर विपक्ष पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता यहां एक कविता सुना रहे थे, लेकिन सच को स्वीकार करने की क्षमता न होने के कारण वे वहाँ से चले गए। योगी ने अल्लामा इकबाल के शेरों का हवाला देते हुए उनके विचारों पर भी सवाल उठाया। उन्होंने इकबाल की मशहूर नज्म “मुस्लिम हैं हम वतन है सारा जहां हमारा” का जिक्र किया, जिसमें इकबाल ने भारतीय मुसलमानों के लिए अपनी पहचान और वतन के प्रति अपने प्रेम को दर्शाया था।
विपक्ष के दोहरे चरित्र पर सवाल उठाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वही अल्लामा इकबाल थे, जिन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप में तौहीद, खुदा और मुस्लिमों की एकता की बात की थी। उन्होंने इकबाल के शेरों का उदाहरण देते हुए विपक्ष के दोहरे चरित्र पर सवाल उठाए, यह बताते हुए कि पहले कुछ पंक्तियां लिखने वाले व्यक्ति का चरित्र समय के साथ बदल जाता है। योगी ने इस नज्म के माध्यम से यह संदेश देने की कोशिश की कि भारतीयता और वतन प्रेम का महत्व सच्चे रूप में समझा जाना चाहिए, न कि किसी तरह की सांप्रदायिक राजनीति के तहत।
इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार किसी भी धर्म, विशेषकर हिंदू त्योहारों के दौरान उत्पन्न समस्याओं पर सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि यदि किसी ने हिंदू पर्वों के दौरान किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न की, तो सरकार बिना किसी भेदभाव के कड़ी कार्रवाई करेगी। उन्होंने न्यायालय के आदेशों का पालन करना प्रशासन का कर्तव्य बताया और कहा कि प्रशासन संभल में वही कर रहा है।
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