Sambhal Mandir: उत्तर प्रदेश के चंदौसी स्थित लक्ष्मणगंज में एक और प्राचीन मंदिर का मिलना सुर्खियों में है। यह मंदिर मुस्लिम बहुल क्षेत्र में स्थित है और काफी समय से बंद पड़ा हुआ था। मंदिर का पता अतिक्रमण हटाने के दौरान चला, जब प्रशासन ने इलाके में सफाई और अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू की। यह मंदिर लक्ष्मणगंज क्षेत्र में स्थित है, जो कि एक मुस्लिम बहुल इलाका है। मंदिर पिछले कुछ समय से बंद था और इसके अस्तित्व के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। प्रशासन ने इलाके में अतिक्रमण हटाने के दौरान मंदिर का पता लगाया। इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई का काम शुरू किया गया है।
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काफी पुराना है प्राचीन मंदिर:
स्थानीय निवासी सुमित के अनुसार, यह प्राचीन मंदिर काफी पुराना है और यहां पहले पूजा-पाठ हुआ करता था। उन्होंने बताया कि 1978 के दंगों के बाद, मंदिर के पास स्थित क्षेत्र में सैनी समाज के लोग बस गए थे, लेकिन उनके पलायन के बाद यहां पूजा-पाठ बंद हो गया। इसके बाद मंदिर कई सालों तक बंद पड़ा रहा।
मंदिर का इतिहास:
यह मंदिर 1978 के दंगों के बाद से बंद पड़ा हुआ था, जब क्षेत्र के निवासियों ने पलायन कर लिया। मंदिर में बजरंगबली और शेषनाग की मूर्तियाँ रखी हैं। संभल में अब तक कई बंद मंदिरों के मिलते रहने का सिलसिला जारी है। यह मंदिर भी उसी श्रेणी में आता है, जैसे पहले संभल में मिला पहला मंदिर बंद था। सुमित ने बताया कि ऐसे कई अन्य मंदिर भी हो सकते हैं, जो कई सालों से बंद पड़े हैं और जिनकी खोज की जा सकती है। 5 दिन में यह तीसरा मंदिर मिला है।
मंदिर में लोग कर रहे है पूजा-पाठ:
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्राचीन मंदिरों की खोज पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी बात है कि ऐसे मंदिर मिल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इन मंदिरों को पहले लोगों द्वारा छोड़ दिया गया था, लेकिन अब मंदिर मिल रहे हैं और वहां पूजा-पाठ भी हो रहा है, जो एक सकारात्मक और उत्साहवर्धक घटना है।
पूजा का पुनरुद्धार:
केशव प्रसाद मौर्य ने प्राचीन मंदिरों के मिलने को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की। उनका मानना है कि यह भारतीय संस्कृति और धार्मिकता के पुनर्निर्माण का संकेत है। उन्होंने कहा कि पहले इन मंदिरों से लोगों को भगा दिया गया था, लेकिन अब पूजा-पाठ फिर से शुरू हो रहा है, जो बहुत अच्छी बात है।
सांस्कृतिक पुनर्निर्माण:
उपमुख्यमंत्री के इस बयान से यह संकेत मिलता है कि सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा प्राचीन मंदिरों की पहचान और उनके पुनर्निर्माण की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। यह समाज के विभिन्न वर्गों को जोड़ने और सामूहिक धार्मिक परंपराओं को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
सांसद बर्क को गिरफ्तारी का डर, हाईकोर्ट में लगाई अग्रिम जमानत याचिका
सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में उन्होंने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है, साथ ही अपने खिलाफ दर्ज FIR को भी रद्द करने की अपील की है। बर्क की याचिका पर शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है।
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