Religious Conversion Racket: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में धर्म की आड़ में चल रहे धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए विंध्याचल थाना पुलिस ने तीसरे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़ा गया आरोपी विजय कुमार, पुत्र स्व. माधवन, मूल रूप से केरल का रहने वाला है और खुद को फादर बताकर धर्मांतरण का खेल चला रहा था। पुलिस की जांच में सामने आया है कि विजय कुमार एक ट्रस्ट का ट्रस्टी है और अपने आप को फादर बताकर लोगों को धन, नौकरी और शारीरिक स्वास्थ्य का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करता था। पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार को आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
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Religious Conversion Racket: 22 जून को दर्ज हुआ था मामला
गौरतलब है कि 22 जून को विनय प्रताप सिंह, पुत्र लल्लन सिंह, निवासी भतड़ा, थाना जिगना, मिर्जापुर ने विंध्याचल थाना में तहरीर दी थी कि कुछ लोग बहला-फुसलाकर और लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश कर रहे हैं। तहरीर के आधार पर उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई थी।
Religious Conversion Racket: पहले भी दो आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तार
इससे पहले 23 जून को पुलिस ने यीशु दरबार के नाम पर चल रहे धर्मांतरण के मामले में दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें एक आरोपी नाबालिग भी था। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी कर रैकेट का नेटवर्क खंगालना शुरू कर दिया था, जिसके बाद विजय कुमार की भूमिका सामने आई।
Religious Conversion Racket: जमीन खरीदकर बनाया था ट्रस्ट
मिर्जापुर के सीओ सिटी विवेक जावला ने बताया कि धर्मांतरण रैकेट का मास्टरमाइंड धर्मेंद्र कुमार, विंध्याचल थाना क्षेत्र के डेगहा कलना गहरवार का निवासी है। उसने 2003 में एक ट्रस्ट के नाम पर जमीन खरीदी थी। धर्मेंद्र मूल रूप से चंदौली जिले के नौगढ़ का निवासी है और ट्रस्ट के माध्यम से इलाके में धर्मांतरण का खेल चला रहा था। सीओ सिटी ने बताया, आज गिरफ्तार विजय कुमार मूल रूप से केरल का निवासी है और उसने ट्रस्ट का ट्रस्टी बनकर अपने आप को फादर घोषित कर रखा था। वह धन, नौकरी और स्वास्थ्य लाभ का लालच देकर लोगों का धर्म परिवर्तन कराता था। अब उसे जेल भेज दिया गया है।
धर्मांतरण रैकेट के तार अन्य राज्यों से जुड़े
पुलिस को शक है कि इस धर्मांतरण रैकेट के तार अन्य राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं। जांच में यह सामने आया है कि ट्रस्ट के माध्यम से केरल और अन्य राज्यों से फंडिंग होती थी, जिसका इस्तेमाल स्थानीय स्तर पर गरीब और बेरोजगार लोगों को पैसे और नौकरी का लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन कराने में किया जाता था।
विंध्याचल में चर्च और ट्रस्ट की भूमिका की जांच
विंध्याचल क्षेत्र में ‘यीशु दरबार’ और ट्रस्ट के नाम पर लंबे समय से गतिविधियां संचालित हो रही थीं। पुलिस अब ट्रस्ट के दस्तावेज, फंडिंग और इसमें शामिल अन्य संदिग्ध व्यक्तियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। मामले में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश जारी है।
प्रशासन सख्त, कार्रवाई जारी
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की ओर से धर्मांतरण पर कड़ी नजर रखने और दोषियों पर कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। इसी क्रम में मिर्जापुर पुलिस की कार्रवाई को बड़ी सफलता माना जा रहा है। पुलिस ने आम लोगों से भी अपील की है कि अगर कोई व्यक्ति उन्हें किसी भी प्रकार के लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करता है तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।
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