Maha Kumbh: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने महाकुंभ में भगदड़ और जल प्रदूषण को लेकर एक विवादित बयान दिया है। जया बच्चन ने कहा कि महाकुंभ का पानी सबसे अधिक प्रदूषित है और भगदड़ में मारे गए लोगों के शवों को नदी में फेंके जाने से यह और अधिक दूषित हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यही दूषित पानी लोगों तक पहुंच रहा है और इस पर कोई सफाई नहीं दी जा रही है।
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जया बच्चन का आरोप
जया बच्चन ने मीडिया से बातचीत में कहा, “कुंभ में आने वाले आम लोगों को किसी भी प्रकार की विशेष सुविधा नहीं मिल रही है। वीवीआईपी के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, लेकिन आम आदमी की सुरक्षा और सुविधा की अनदेखी की जा रही है।” उन्होंने कहा कि देश के असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है और सरकार आम जनता की समस्याओं पर गंभीर नहीं है।
स्नानार्थियों की संख्या पर सवाल
सपा सांसद ने महाकुंभ में करोड़ों लोगों के स्नान के दावों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “यह झूठ है कि करोड़ों लोग वहां स्नान के लिए पहुंचे हैं। किसी भी समय इतनी बड़ी संख्या में लोगों का एक जगह इकट्ठा होना संभव नहीं है। मीडिया से मेरी अपील है कि वह सच्चाई को सामने लाए, क्योंकि आम आदमी की आखिरी उम्मीद वही है।” उन्होंने महाकुंभ में हुई घटनाओं की निष्पक्ष जांच की मांग की।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की प्रतिक्रिया
महाकुंभ भगदड़ मामले पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, हमारी एकमात्र मांग थी कि कुंभ में हुई मौतों के लिए सरकार जवाबदेह हो। हमने इस मुद्दे पर विशेष चर्चा की मांग की थी, लेकिन सरकार ने हमारी मांगों को अनसुना कर दिया। सरकार मौतों के सही आंकड़े छुपा रही है, जिससे जनता में रोष है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ का मुद्दा बेहद महत्वपूर्ण है और इस पर पूरी जांच होनी चाहिए।
गौरव गोगोई ने यह भी कहा कि वे इस मुद्दे को संसद में बार-बार उठाते रहेंगे और सरकार को जवाबदेह बनाएंगे। हमने नोटिस दिया था लेकिन उसे खारिज कर दिया गया। सरकार लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को नजरअंदाज कर रही है,” उन्होंने आरोप लगाया।
सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार
इस पूरे मामले पर सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, अधिकारियों ने दावा किया है कि महाकुंभ में सभी आवश्यक सुरक्षा और स्वच्छता उपाय किए गए हैं। प्रशासन का कहना है कि जल प्रदूषण को लेकर की गई जांच में किसी भी प्रकार की गंभीर गड़बड़ी सामने नहीं आई है।
महाकुंभ: आस्था और चुनौतियां
महाकुंभ एक धार्मिक और सांस्कृतिक महोत्सव है जिसमें देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं। ऐसे बड़े आयोजनों में सुरक्षा, स्वच्छता और व्यवस्था सुनिश्चित करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होती है। जया बच्चन और गौरव गोगोई के बयान ने इस आयोजन के प्रबंधन और सरकार की भूमिका पर नई बहस छेड़ दी है।
विपक्षी सांसदों ने महाकुंभ भगदड़ मामले में मौतों का सही आंकड़ा पेश करने की मांग की
बजट सत्र के तीसरे दिन सोमवार को विपक्षी सांसदों ने महाकुंभ भगदड़ मामले को लेकर सदन में जोरदार हंगामा किया। उनका आरोप था कि राज्य सरकार भगदड़ में हुई मौतों का सही आंकड़ा नहीं बता रही है। समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि कुंभ मेले में प्रशासनिक लापरवाही और पुलों को बंद करने के कारण यह त्रासदी हुई। उन्होंने दावा किया कि घटना में हजारों लोग मारे गए, लेकिन सरकारी आंकड़ों के अनुसार केवल 30 लोग मरे हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों पर दबाव डालने और अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने का आरोप भी लगाया।
केवल राज्य का मुद्दा नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय त्रासदी
आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि यह केवल राज्य का मुद्दा नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय त्रासदी है। उन्होंने लावारिस मोबाइल फोन मिलने की बात उठाते हुए बताया कि लोग अपने प्रियजनों की तलाश कर रहे हैं, लेकिन सरकार सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने आरोप लगाया कि सरकार मृतकों की संख्या का खुलासा करने से बच रही है और श्रद्धांजलि देने का भी अवसर नहीं दे रही है। इसके विरोध में विपक्ष ने एक घंटे का वॉकआउट किया।
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