Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश सरकार द्वारा स्टांप ड्यूटी और पंजीयन शुल्क में की गई भारी वृद्धि पर कांग्रेस ने तीखा विरोध दर्ज किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जितेंद्र (जीतू) पटवारी ने इसे आम जनता की जेब काटने वाला कदम करार दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर इस फैसले को जनविरोधी बताते हुए तत्काल वापस लेने की मांग की है। पटवारी ने आरोप लगाया कि सरकार राजकोषीय घाटे की भरपाई के लिए जनता पर बोझ डाल रही है, जिससे पहले से ही महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहे लोग और परेशान होंगे।
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Madhya Pradesh: स्टांप ड्यूटी में 100 से 500% तक की बढ़ोतरी
मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में विधानसभा में पारित विधेयकों के जरिए सरकारी कामकाज से जुड़े दस्तावेजों पर स्टांप ड्यूटी में 100 से 500 प्रतिशत तक की वृद्धि की है। इसमें शपथ पत्र, प्रॉपर्टी एग्रीमेंट, सहमति पत्र, पावर ऑफ अटॉर्नी, लाइसेंस नवीनीकरण, और रजिस्ट्रियों में सुधार जैसे जरूरी दस्तावेज शामिल हैं। जीतू पटवारी ने कहा, यह सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी नहीं, बल्कि आम आदमी की कमर तोड़ने की नीति है। यह वृद्धि उस जनता को प्रभावित करेगी, जो पहले से ही आर्थिक तंगी का सामना कर रही है।
Madhya Pradesh: सरकार पर फिजूलखर्ची का आरोप
पटवारी ने सरकार पर फिजूलखर्ची का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं की लागत का 50 प्रतिशत कमीशन में चला जाता है। हवाई यात्राएं, बंगले, गाड़ियां और प्रचार पर अंधाधुंध खर्च हो रहा है। इस लूट के जंगलराज की भरपाई अब जनता से की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि मध्य प्रदेश पर पहले से ही साढ़े चार लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है, और सरकार हर महीने नए कर्ज लेकर भावी पीढ़ियों को कर्ज के बोझ में धकेल रही है।
Madhya Pradesh: जनता की पीड़ा और आक्रोश की आवाज
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने अपने पत्र में कहा कि यह पत्र केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश की जनता की पीड़ा और आक्रोश की आवाज है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि जब लोग महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से जूझ रहे हैं, तब स्टांप ड्यूटी में इतनी भारी वृद्धि क्यों की गई। पटवारी ने कहा, यह फैसला आम आदमी के खिलाफ है। सरकार को चाहिए कि वह जनता की समस्याओं को समझे और इस वृद्धि को तत्काल वापस ले।
आर्थिक बोझ और जनता पर असर
स्टांप ड्यूटी में वृद्धि का असर आम लोगों के साथ-साथ छोटे व्यापारियों और मध्यम वर्ग पर भी पड़ेगा। प्रॉपर्टी पंजीकरण, कानूनी दस्तावेज और लाइसेंस नवीनीकरण जैसे कार्य अब और महंगे हो जाएंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे रियल एस्टेट और छोटे व्यवसायों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। पटवारी ने चेतावनी दी कि यह नीति न केवल जनता को परेशान करेगी, बल्कि राज्य की आर्थिक प्रगति को भी बाधित कर सकती है।
कांग्रेस की मांग: फैसला वापस ले सरकार
कांग्रेस ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की रणनीति बनाई है। जीतू पटवारी ने कहा कि उनकी पार्टी सड़क से लेकर विधानसभा तक इस जनविरोधी फैसले का विरोध करेगी। उन्होंने सरकार से मांग की है कि स्टांप ड्यूटी और पंजीयन शुल्क में की गई वृद्धि को तुरंत वापस लिया जाए। साथ ही, उन्होंने सरकार से पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग की, ताकि जनता को यह समझाया जा सके कि कर्ज और फिजूलखर्ची का बोझ उन पर क्यों डाला जा रहा है।
रणनीति और सियासी हलचल
कांग्रेस इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाकर सरकार को घेरने की तैयारी में है। विश्लेषकों का मानना है कि स्टांप ड्यूटी वृद्धि का यह मुद्दा मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए सियासी चुनौती बन सकता है। यदि सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती, तो यह 2023 के विधानसभा चुनाव में जनता के बीच असंतोष का कारण बन सकता है।
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