Shubman Gill: भारतीय क्रिकेट में एक नया अध्याय शुरू हो चुका है। रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद बीसीसीआई ने युवा बल्लेबाज शुभमन गिल को भारतीय टेस्ट टीम की कमान सौंप दी है। शनिवार (24 मई) को बीसीसीआई ने इंग्लैंड दौरे के लिए घोषित टीम में गिल को कप्तान बनाया। इस टीम में सबसे अनुभवी खिलाड़ी रवींद्र जडेजा हैं, लेकिन नेतृत्व की जिम्मेदारी गिल को दी गई, जिससे क्रिकेट जगत में चर्चा तेज हो गई है।
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Shubman Gill: शुभमन को क्यों सौंपी गई टेस्ट टीम की कप्तानी
शुभमन गिल, जिन्होंने पांच साल पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था, अब खुद टीम के अगुआ बन गए हैं। उनकी कप्तानी का यह पहला टेस्ट दौरा होगा, जो वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025-27 के लिहाज से भी बेहद अहम है। आइए जानते हैं कि गिल को कप्तान बनाने के पीछे क्या रही बीसीसीआई की सोच और इसके 5 बड़े कारण क्या हैं:
Shubman Gill: लंबे समय तक टीम की कप्तानी करने की क्षमता
बीसीसीआई लंबे समय से ऐसे कप्तान की तलाश में थी जो आने वाले वर्षों तक टीम इंडिया की कमान संभाल सके। शुभमन गिल इस जरूरत के लिए सबसे उपयुक्त खिलाड़ी माने गए। वह सिर्फ 25 वर्ष के हैं और उम्र के लिहाज से उनके पास कम से कम 8–10 साल तक कप्तानी करने का मौका हो सकता है। गिल भारत के चौथे सबसे युवा टेस्ट कप्तान बन गए हैं। इस उम्र में कप्तानी सौंपने का मतलब है कि बोर्ड उन्हें एक दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा मानकर चल रहा है।
Shubman Gill: कप्तानी के दबाव में बेहतर प्रदर्शन
कई खिलाड़ियों पर कप्तानी का दबाव प्रदर्शन को प्रभावित करता है, लेकिन शुभमन गिल ने आईपीएल 2025 में यह साबित कर दिया है कि वे कप्तानी के साथ बल्लेबाजी में भी निखरते हैं। गिल गुजरात टाइटंस की कप्तानी कर रहे हैं और टीम इस समय पॉइंट्स टेबल में टॉप पर है। उन्होंने 13 मैचों में 636 रन बनाए हैं, जिसमें 6 अर्धशतक शामिल हैं। उनका औसत 57.81 का है, जो बताता है कि दबाव में भी वो प्रदर्शन से पीछे नहीं हटते।
फिटनेस के मामले में अव्वल
शुभमन गिल की फिटनेस शानदार मानी जाती है। वो मुश्किल से ही चोटिल होते हैं और लगभग हर सीरीज में टीम के लिए उपलब्ध रहते हैं। उनका फोकस विराट कोहली की तरह फिटनेस बनाए रखने पर रहता है, जिससे टीम को एक स्थायी और भरोसेमंद कप्तान मिलता है। इसी वजह से तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को कप्तानी के लिए प्राथमिकता नहीं दी गई, क्योंकि उनकी फिटनेस लगातार चिंता का विषय रही है। इंग्लैंड जैसे लंबे और चुनौतीपूर्ण दौरे पर बीसीसीआई किसी ऐसे खिलाड़ी को कप्तानी देना चाहती थी जो हर टेस्ट खेल सके।
विराट कोहली की बल्लेबाजी भूमिका निभा सकते हैं
विराट कोहली के टेस्ट टीम से बाहर रहने के बाद नंबर 4 पर एक भरोसेमंद बल्लेबाज की जरूरत थी। शुभमन गिल को इस स्थान के लिए उपयुक्त माना जा रहा है। हालांकि गिल अब तक टेस्ट क्रिकेट में नंबर 3 पर खेले हैं, लेकिन हाल के आंकड़े बताते हैं कि वह इस स्थान पर ज्यादा प्रभावी नहीं रहे हैं। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि गिल की तकनीक नंबर 4 की चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपट सकती है। अब तक खेले 32 टेस्ट मैचों में गिल ने 1893 रन बनाए हैं, जिसमें 5 शतक और 7 अर्धशतक शामिल हैं। इंग्लैंड की पिचों पर मिडल ऑर्डर में उनका अनुभव और कौशल टीम के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।
नए कोच गौतम गंभीर के साथ तालमेल बनाने का मौका
शुभमन गिल को कप्तान बनाने के पीछे एक और बड़ी वजह टीम के नए कोच गौतम गंभीर के साथ तालमेल बैठाना है। गौतम गंभीर खुद युवा नेतृत्व को प्राथमिकता देने के पक्षधर हैं और वो एक नई टीम बनाकर भविष्य के लिए मजबूत नींव रखना चाहते हैं। गंभीर ने आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में शुभमन गिल की खेल समझ, नेतृत्व क्षमता और धैर्य को नजदीक से देखा है। इसलिए, उन्हें कप्तान बनाने में गंभीर की सिफारिश को भी अहम माना जा रहा है।