Paris Paralympics: पेरिस पैरालिंपिक 2024 में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। नितेश कुमार ने बैडमिंटन पुरुष सिंगल्स एसएल3 वर्ग में स्वर्ण पदक जीता है। यह उनकी कड़ी मेहनत और उत्कृष्टता का प्रमाण है, और यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। योगेश कथुनिया ने डिस्कस थ्रो में रजत पदक प्राप्त किया है। उनकी इस उपलब्धि ने भारतीय टीम की सफलता को और भी बढ़ाया है और खेल के क्षेत्र में भारत की ताकत को उजागर किया है। इन शानदार प्रदर्शन से भारतीय पैरा-अथलीटों ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का मान बढ़ाया है। यह पेरिस पैरालंपिक खेलों में भारत का कुल नौवां पदक है, जिसमें दो स्वर्ण, तीन रजत और चार कांस्य पदक शामिल हैं।
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बैडमिंटन पुरुष सिंगल्स एसएल3 में नितेश कुमार को स्वर्ण पदक
शीर्ष वरीयता प्राप्त नितेश कुमार ने सोमवार को पेरिस पैरालिंपिक में पुरुष सिंगल्स एसएल3 श्रेणी के बैडमिंटन फाइनल में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीत लिया। उन्होंने ब्रिटेन के डेनियल बेथल को एक कड़े मुकाबले में 21-14, 18-21, 23-21 से हराया। यह मैच ला चैपल एरिना कोर्ट 1 पर खेला गया था। यह जीत अवनि लेखरा के बाद 2024 पैरालिंपिक खेलों में भारत का दूसरा स्वर्ण पदक है। नितेश कुमार की इस उपलब्धि ने भारतीय बैडमिंटन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी ऊँचा उठाया है और भारत की पदक तालिका में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
ट्रेन दुर्घटना में पैर गंवाने के बाद शुरू किया पैरा-बैडमिंटन खेलना
नितेश कुमार आईआईटी मंडी के स्नातक हैं और उनकी कहानी प्रेरणादायक है। 2009 में विशाखापट्टनम में एक ट्रेन दुर्घटना में अपना पैर गंवाने के बाद, उन्होंने आईआईटी में रहते हुए पैरा-बैडमिंटन खेलना शुरू किया। यह हादसा उनकी खेल यात्रा की शुरुआत था, और उन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से उत्कृष्टता हासिल की।
कई चैंपियनशिप में जीत चुके हैं खिताब
पिछले दो वर्षों से नितेश बेहतरीन फॉर्म में हैं और विभिन्न चैंपियनशिप में कई खिताब जीत चुके हैं। इस साल की शुरुआत में, उन्होंने 2024 बीडब्ल्यूएफ पैरा-बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता था। पेरिस पैरालिंपिक में उनके द्वारा जीते गए स्वर्ण पदक ने उनकी लगातार सफलता को और भी मजबूती प्रदान की है, और उन्होंने अपने अदम्य साहस और खेल कौशल से देश को गर्वित किया है।
डिस्कस थ्रो में योगेश कथुनिया को मिला रजत पदक
योगेश कथुनिया ने सोमवार को पेरिस पैरालंपिक में पुरुषों की डिस्कस थ्रो- एफ56 स्पर्धा में रजत पदक जीता। उन्होंने 42.22 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो दर्ज किया। मई में विश्व पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी एफ56 श्रेणी में रजत पदक जीतने वाले कथुनिया ने इस बार भी अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया।
ब्राजील के क्लॉडनी बतिस्ता डॉस सैंटोस ने जीता स्वर्ण
स्वर्ण पदक ब्राजील के क्लॉडनी बतिस्ता डॉस सैंटोस ने 46.86 मीटर के रिकॉर्ड थ्रो के साथ जीता। कांस्य पदक कोंस्टैंटिनोस त्ज़ोनिस ने 41.32 मीटर का थ्रो करके अपने नाम किया। योगेश कथुनिया की इस उपलब्धि ने उनके उत्कृष्ट खेल कौशल और मेहनत को दर्शाया है, और भारतीय एथलेटिक्स को एक और महत्वपूर्ण सफलता की ओर ले गया है।