Paris Olympic 2024: पेरिस ओलंपिक खेलों में भारत के लिए कांस्य पदक जीतने वाले पहलवान अमन सहरावत को पदक से वंचित होने का खतरा था। गुरुवार रात को जापानी पहलवान रेइ हिगुची से सेमीफाइनल में हारने के बाद जब अमन का वजन तोला गया, तो वह 61.5 किलोग्राम निकला, जबकि वह 57 किग्रा वर्ग में शिरकत कर रहे थे। इससे उनके कोच जगमंदर सिंह और विरेंदर दहिया की चिंता बढ़ गई, क्योंकि अमन का वजन 4.6 किग्रा अधिक हो गया था। अगर समय रहते वजन पर नियंत्रण नहीं किया जाता, तो अमन के पदक को लेकर विवाद खड़ा हो सकता था, और उन्हें विनेश फोगाट की तरह डिसक्वालीफाई किया जा सकता था। हालांकि, अंतिम समय में वजन पर काबू पाया गया, जिससे यह समस्या टल गई।
Table of Contents
सुबह तोला जाना था वजन
अमन को शुक्रवार को कांस्य पदक मुकाबला खेलना था। नियमों के तहत सुबह अमन का वजन तोला जाना था और यदि वह 57 किग्रा से 50 ग्राम भी ज्यादा होता तो विनेश फोगाट की तरह उन्हें भी डिसक्वालीफाई कर दिया जाता। ऐसे में अमन के पास वजन कम करने के लिए सिर्फ 10 घंटे का समय था।
जानें कैसे 10 घंटे में घटाया 4.6 किग्रा
अमन ने सबसे पहले अपने दो सीनियर कोचों के साथ मैट पर डेढ़ घंटे तक अभ्यास किया। इसके बाद एक घंटा गर्म पानी से स्नान किया क्योंकि इससे भी वजन कम होता है। आंधे घंटे के ब्रेक के बाद पांच-पांच मिनट के पांच सौना बॉथ सत्र लिए गए।
सुबह 4.30 बजे तक 900 ग्राम वजन ज्यादा
कड़ी मेहनत से अमन का वजन सुबह 4.30 बजे तक 900 ग्राम ज्यादा रह गया और अब इसे कम करना चुनौती था क्योंकि सुबह 7.30 बजे उनका वजन होना था। अमन की काफी देर मालिश की गई और 15 मिनट दौड़ लगाई। गर्म पानी के साथ नींबू और शहद पिया। थोड़ी कॉफी भी दी गई।
हम पदक नहीं गंवाना चाहते थे : कोच
अमन के कोच ने कहा, हम हर घंटे उसका वजन जांचते रहे। पूरी रात कोई भी नहीं सोया। विनेश के साथ जो हुआ, उसके बाद हम सभी तनाव में थे। वैसे वजन कम करना रुटीन का हिस्सा होता है लेकिन इस बार हम एक और पदक यूं नहीं गंवाना चाहते थे।
हम पूरी रात नहीं सोए, दिन में भी नहीं : अमन
कांस्य पदक जीतने के बाद अमन सहरावत ने साझा किया कि उन्होंने पूरी रात कुश्ती के मुकाबलों के वीडियो देखे। उनका यह ध्यान पूरी तरह से मुकाबले और वजन को नियंत्रित रखने पर था। कोच विरेंदर दहिया ने बताया कि वे लगातार हर घंटे अमन का वजन जांचते रहे और पूरी रात जागते रहे, यहां तक कि दिन में भी उन्होंने आराम नहीं किया। दहिया ने यह भी कहा कि वजन कम करना कुश्ती में सामान्य बात है, लेकिन विनेश फोगाट के हालिया अनुभव के कारण तनाव बहुत बढ़ गया था। वे इस दबाव में थे कि किसी भी कीमत पर एक और पदक को हाथ से नहीं जाने देना था। इस स्थिति को संभालते हुए, अमन और उनके कोचों ने सुनिश्चित किया कि वजन की समस्या हल हो और वह पदक सुरक्षित रह सके।