Manu Bhaker: पेरिस ओलंपिक में दो कांस्य पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाने वाली निशानेबाज मनु भाकर सोशल मीडिया पर इन दिनों चर्चा में हैं। अपनी उपलब्धियों के साथ-साथ, उन्होंने अपने ऑनलाइन फैंस और समर्थकों के साथ खुशी साझा की है। हालांकि, सोशल मीडिया का चलन होने के कारण, जहां एक तरफ उन्हें खूब सराहना मिल रही है, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इसका गलत फायदा उठाकर उन्हें ट्रोल भी कर रहे हैं।
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मनु भाकर हुई ट्रोलिंग का शिकार
मनु भाकर जैसी खिलाड़ियों के लिए यह ट्रोलिंग एक चुनौतीपूर्ण अनुभव हो सकता है, लेकिन उनके खेल में अनुशासन और दृढ़ता उन्हें इस तरह की नकारात्मकता से निपटने में मदद करती है। ट्रोलिंग के बावजूद, मनु भाकर ने अपनी उपलब्धियों के जरिए देश का नाम रोशन किया है, और वह अपने खेल के प्रति समर्पित रहकर सभी आलोचनाओं का मजबूती से सामना कर रही हैं। उनका प्रदर्शन पेरिस ओलंपिक में प्रशंसनीय रहा, और उनके पदक ने भारत को गौरवान्वित किया है।
पेरिस ओलंपिक में मनु ने रचा था इतिहास
मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए दो कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया और कुल छह पदकों में से दो पदक अपने नाम किए, को न केवल अपने शानदार प्रदर्शन के लिए सराहना मिली, बल्कि कुछ इंटरनेट ट्रोल्स की आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा। इन ट्रोल्स ने उन पर अपने पदकों और उपलब्धियों का “बहुत अधिक दिखावा” करने का आरोप लगाया।
बहुत अधिक दिखावा करने लगा आरोप
भले ही उन्होंने भारत के लिए गर्व का क्षण पैदा किया हो, कुछ लोग सोशल मीडिया पर उन्हें अनावश्यक रूप से ट्रोल कर रहे हैं, यह कहते हुए कि वह अपनी जीत को ज्यादा प्रचारित कर रही हैं। हालांकि, यह आलोचना उनके प्रयासों और समर्पण की वास्तविकता से कोसों दूर है। खेलों में शानदार प्रदर्शन करने के बाद, अपनी उपलब्धियों को साझा करना किसी भी खिलाड़ी का हक होता है, और मनु ने अपने पदकों के जरिए देश का गौरव बढ़ाया है।
ट्रोल्स पर भड़की मनु भाकर
मनु भाकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी आलोचनाओं का सम्मानजनक तरीके से जवाब देते हुए चुप्पी तोड़ी। ट्रोल्स के आरोपों का सामना करते हुए, उन्होंने स्पष्ट किया कि पेरिस 2024 ओलंपिक में जीते गए दो कांस्य पदक भारत के हैं, और उन पर गर्व करना स्वाभाविक है।
मनु भाकर ने दिया करारा जवाब
उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा: “जब भी मुझे किसी कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया जाता है और इन पदकों को दिखाने के लिए कहा जाता है, तो मैं गर्व के साथ ऐसा करती हूं। यह मेरी खूबसूरत यात्रा को साझा करने का मेरा तरीका है।” इस प्रतिक्रिया में मनु ने न केवल अपनी सफलता पर गर्व जताया, बल्कि इस बात को भी स्पष्ट किया कि उनके पदक देश की उपलब्धि हैं, और उन्हें साझा करने से देश के गौरव को बढ़ावा मिलता है। उनकी इस सम्मानजनक प्रतिक्रिया ने यह साबित किया कि आलोचनाओं के बावजूद, वे अपनी यात्रा को लेकर गर्वित और सकारात्मक हैं।