IND Vs AUS: भारत के लिए बॉक्सिंग डे टेस्ट में यह हार वाकई निराशाजनक रही। यशस्वी जायसवाल का प्रदर्शन एक सकारात्मक पहलू जरूर था, लेकिन बाकी बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने संघर्ष किया। पांचवें दिन भारतीय टीम का मात्र 155 रन पर सिमट जाना यह दर्शाता है कि बल्लेबाजी में गंभीर समस्याएं हैं। ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी आक्रमण, खासकर उनके तेज गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों को दबाव में रखा। स्पिन विभाग ने भी सही समय पर विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया को मजबूती दी। 184 रन से शर्मनाक हार के साथ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत 1-2 से पिछड़ गया, जो आगामी मैचों में भारत पर दबाव बनाएगा।
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अंतिम सत्र में लड़खड़ाई भारतीय बल्लेबाजी
यह हार भारतीय टीम के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर जब चाय तक मुकाबला संतुलित नजर आ रहा था। यशस्वी जायसवाल ने संयम के साथ अपना अर्धशतक पूरा किया और ऋषभ पंत ने भी जिम्मेदारी भरा खेल दिखाया। दूसरे सत्र में विकेट न गिरने से ऐसा लग रहा था कि भारत या तो मैच ड्रॉ करने में सफल होगा या सम्मानजनक प्रदर्शन करेगा।
मात्र 34 रन पर गंवाए सात विकेट
हालांकि, अंतिम सत्र में भारतीय बल्लेबाजी पूरी तरह लड़खड़ा गई और मात्र 34 रन पर सात विकेट गंवाना हार का मुख्य कारण बना। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने दबाव बनाकर लगातार सफलता हासिल की और भारतीय बल्लेबाजों को गलतियां करने पर मजबूर किया। 340 रनों के लक्ष्य का पीछा करना पहले से ही मुश्किल था, लेकिन अंतिम सत्र में बल्लेबाजों का संयम खोना और खराब शॉट चयन भारत की हार का बड़ा कारण बना।
मैच का अंतिम सत्र में भारत का खराब प्रदर्शन
इस रोमांचक टेस्ट मैच का अंतिम सत्र भारतीय टीम के लिए विनाशकारी साबित हुआ। ऋषभ पंत, जो भारतीय उम्मीदों का बड़ा केंद्र थे, ट्रेविस हेड की गेंद पर आउट हो गए, जिसके बाद टीम पूरी तरह बिखर गई। भारत ने 121/3 से शुरुआत की, लेकिन अगले कुछ ही ओवरों में 155 रन पर ऑलआउट हो गया।
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों बेहतरीन प्रदर्शन
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों, विशेषकर कप्तान पैट कमिंस और स्कॉट बोलैंड, ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए तीन-तीन विकेट लिए। उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखा और गलतियां कराने में सफलता पाई। इस जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया ने पांच मैचों की सीरीज में 2-1 की महत्वपूर्ण बढ़त बना ली है। भारतीय टीम को अब सिडनी में होने वाले अगले टेस्ट मैच में वापसी करने के लिए न केवल अपनी बल्लेबाजी बल्कि मानसिकता पर भी काम करना होगा।
संक्षिप्त स्कोर
ऑस्ट्रेलिया:
1st पारी – 474 (83.4 ओवर)
मार्नस लाबुशेन 70, नाथन लियोन 41
जसप्रीत बुमराह 5/57, मोहम्मद सिराज 3/70
2nd पारी – 234 (डिक्लेयर)
भारत:
1st पारी – 369 (79.1 ओवर)
2nd पारी – 155
यशस्वी जायसवाल 84, ऋषभ पंत 30
पैट कमिंस 3/28, स्कॉट बोलैंड 3/39
परिणाम: ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 184 रनों से हराया।
खराब फॉर्म भारतीय टीम के लिए बड़ी चिंता
दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजों का शॉट चयन निश्चित रूप से निराशाजनक रहा। टीम का प्रदर्शन ताश के पत्तों की तरह बिखर गया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि दबाव में निर्णय लेने की क्षमता में कमी है। विशेष रूप से वरिष्ठ बल्लेबाजों, रोहित शर्मा और विराट कोहली, का खराब फॉर्म भारतीय टीम के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बनता जा रहा है।
सिडनी टेस्ट में “करो या मरो” की स्थिति
अब जब सिडनी में अंतिम टेस्ट खेला जाना है, भारत के लिए यह “करो या मरो” की स्थिति है। ट्रॉफी बरकरार रखने के लिए जीत जरूरी है, और ऐसे में टीम के वरिष्ठ खिलाड़ियों पर दबाव और बढ़ जाएगा। रोहित और कोहली से न केवल एक कप्तान और अनुभवी खिलाड़ी के रूप में बल्कि बड़े मैचों में प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के रूप में भी उम्मीदें हैं।
टीम के लिए सुधार के बिंदु
वरिष्ठ खिलाड़ियों की जिम्मेदारी: रोहित और विराट कोहली को अपनी फॉर्म में सुधार कर टीम को प्रेरित करना होगा।
शॉट चयन में सुधार: बल्लेबाजों को खेल की स्थिति के अनुसार अधिक जिम्मेदारी और संयम दिखाना होगा।
मध्यक्रम की स्थिरता: चेतेश्वर पुजारा और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ियों को टिककर खेलते हुए साझेदारियां बनानी होंगी।
बॉलिंग सपोर्ट: गेंदबाजों को निरंतरता बनाए रखते हुए विपक्षी टीम को कम स्कोर पर रोकना होगा।