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Sunday, November 2, 2025
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Shiv Puja: शिवलिंग पर ये चीजें चढ़ाना है वर्जित, क्रोधित हो सकते हैं भोलेनाथ

Shiv Puja: हिन्दू धर्म में सभी देवी-देवताओं में महादेव को सबसे अधिक पूजनीय माना गया है| भगवान शिव अपने भक्तों द्वारा श्रध्दा से की गयी पूजा से बड़े ही जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं| अपने जीवन से सारे कष्ट दूर करने और जीवन में सुख- सम्पति पाने के लिए भक्त अपनी- अपनी तरह से प्रभु की कई तरह से पूजा अर्चना करते हैं | परन्तु क्या आप जानते हैं कि हिन्दू धर्म शास्त्र में कुछ वस्तुएं ऐसी भी हैं जिन्हें अगर भगवान शिव को अर्पित किया जाए तो भगवान शिव रुष्ट हो सकते हैं| आइए जानते हैं कि शास्त्रों में लिखी ये चीजें कौन सी हैं जिन्हें भगवान शिव को भूलकर भी कभी अर्पित नहीं करना चाहिए |

Shiv Puja: हिन्दू धर्म में सभी देवी-देवताओं में महादेव को सबसे अधिक पूजनीय माना गया है| भगवान शिव को देवों के देव महादेव भी कहा जाता है| भगवान शिव अपने भक्तों द्वारा श्रध्दा से की गयी पूजा से बड़े ही जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं| इसलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है| माना जाता हैं कि भगवान शंकर की पूजा करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश हो जाता है| जब भोलेनाथ की कृपा होती है तो व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं|

अपने जीवन से सारे कष्ट दूर करने और जीवन में सुख- सम्पति पाने के लिए भक्त अपनी- अपनी तरह से प्रभु की कई तरह से पूजा अर्चना करते हैं | परन्तु क्या आप जानते हैं कि हिन्दू धर्म शास्त्र में कुछ वस्तुएं ऐसी भी हैं जिन्हें अगर भगवान शिव को अर्पित किया जाए तो भगवान शिव रुष्ट हो सकते हैं| भगवान शिव के रुष्ट हो जाने से आपके जीवन में दरिद्रता छा सकती है। आइए जानते हैं कि शास्त्रों में लिखी ये चीजें कौन सी हैं जिन्हें भगवान शिव को भूलकर भी कभी अर्पित नहीं करना चाहिए |

Shiv Puja में हल्दी का प्रयोग:

हल्दी को स्त्री से संबंधित मानते हैं और शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है| इसलिए हमारे शास्त्रों में भगवान शिव की पूजा में हल्दी का प्रयोग करना वर्जित माना गया है| ऐसा करने से भगवान शिव रुष्ट हो सकते हैं| इसलिए शिवजी को कभी भूलकर भी हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए।

तुलसी नहीं करें अर्पित:

तुलसी को हिन्दू धर्म में बहुत ही पवित्र माना जाता है| हमारी हर पूजा में तुलसी का उपयोग अवश्य किया जाता है| लगभग सभी देवताओं के भोग में तुलसी को जरूर अर्पित किया जाता है| परन्तु हिन्दू धर्म शास्त्र में भगवान भोलेनाथ की पूजा में तुलसी का प्रयोग वर्जित माना गया है|

पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने तुलसी के पति असुर जालंधर का वध कर दिया था| जिससे क्रोधित होकर तुलसी ने स्वयं ही खुद को भगवान शिव की पूजा से वंचित कर दिया था। इसलिए उसी दिन से भगवान शिव की पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता है| ऐसा करने से आपको पूजा का पूरा फल प्राप्त नहीं हो पता है|

केतकी का फूल:

हिंदू धार्मिक ग्रंथ शिवपुराण के मुताबिक, केतकी के फूल को महादेव द्वारा शाप मिला था| शिवपुराण में बताया गया है कि एक श्रेष्ठता को लेकर ब्रह्मा जी और विष्णु भगवान में विवाद हो गया था| केतकी के फूल ने ब्रह्मा जी के कहने पर भगवान शिव से झूठ बोल दिया था|

इसी बात से रुष्ट होकर शिवजी ने केतकी के फूल को शाप दे दिया था| शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव की पूजा में केतकी का फूल चढ़ाना पाप के समान माना गया है। इसलिए उनकी पूजा में केतकी का फूल चढ़ाना वर्जित है।ऐसा करने से भोलेनाथ रुष्ट हो सकते हैं।

शंख से नहीं करें जल अर्पित:

शिव पुराण के अनुसार एक बार शंखचूड़ नामक राक्षस ने देवताओं की नाक में दम कर दिया था | उसके बाद सभी देवता अपने प्राणों की रक्षा के लिए भगवान शिव की शरण में चले गए थे | उसके पश्चात शिवजी ने अपने त्रिशूल से शंखचूड का वध कर दिया था | जिसके कारण उसका शरीर जलकर भस्म हो गया था |

माना जाता हैं कि शंखचूड की इसी राख से शंख की उत्पत्ति हुई थी | यही कारण है कि भगवान शिव की पूजा में शंख से शिवलिंग का अभिषेक या भगवान शिव की पूजा करते समय शंख का प्रयोग करना शुभ नहीं माना जाता है |

नारियल का पानी और रोली:

हिन्दू धर्म कथाओं के अनुसार, आप शिवलिंग पर पूरे नारियल को अर्पित कर सकते हैं | परन्तु नारियल के जल से शिवलिंग पर अभिषेक करना वर्जित माना गया है| बता दें कि नारियल को श्री फल भी कहा जाता है| इसे देवी लक्ष्मी का प्रतिक माना गया है|

देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं इसलिए उनका संबंध भगवान विष्णु से होने के कारण नारियल के जल से शिवलिंग पर अभिषेक करने की मनाही है| नारियल के अतिरिक्त भोलेनाथ की पूजा में रोली और कुमकुम का प्रयोग भी वर्जित माना गया है| रोली और कुमकुम भी स्त्री से सम्बंधित होती है ,इसलिए शिवलिंग पर इनको अर्पित करने भगवान भोलेनाथ नाराज हो सकते हैं |

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं| विभिन्न माध्यमों से एकत्रित करके ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि का होना संयोग मात्र है| Bynewsindia.com इसकी पुष्टि नहीं करता है|

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