26.1 C
New Delhi
Tuesday, October 14, 2025
Homeधर्मश्री कृष्ण जन्माष्टमी 2025: 16 अगस्त को देशभर में धूमधाम, शुभ मुहूर्त...

श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2025: 16 अगस्त को देशभर में धूमधाम, शुभ मुहूर्त और पूजा विधान

Krishna Janmashtami: दृक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 15 अगस्त को रात 11 बजकर 49 मिनट से शुरू होकर रात 9 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी।

Krishna Janmashtami: हिंदू धर्म का पावन पर्व श्री कृष्ण जन्माष्टमी 16 अगस्त 2025, शनिवार को देशभर में उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाएगा। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर मंदिरों और घरों में तैयारियां जोरों पर हैं। दृक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 15 अगस्त को रात 11:49 बजे शुरू होगी और 16 अगस्त को रात 9:34 बजे समाप्त होगी। निशिता पूजा का शुभ मुहूर्त मध्यरात्रि 12:04 से 12:47 बजे तक रहेगा, जिसमें 12:26 बजे का क्षण विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस दिन भरणी नक्षत्र के साथ वृद्धि, ध्रुव, और सर्वार्थसिद्धि जैसे शुभ योग बन रहे हैं, जो पर्व को और फलदायी बनाएंगे।

Krishna Janmashtami: पूजा विधान और परंपराएं

जन्माष्टमी के दिन पूजा का विशेष विधान है। भक्तों को सुबह स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनने चाहिए। घर और पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर बाल गोपाल की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। मध्यरात्रि में श्रीकृष्ण के जन्म के बाद पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल) से अभिषेक करें। इसके बाद पीले वस्त्र, मोरपंख, बांसुरी, और फूलों से उनका श्रृंगार करें। दीप, धूप, शंख, और घंटी के साथ आरती करें। भगवद् गीता के श्लोकों का पाठ और भजन-कीर्तन से वातावरण भक्तिमय बनाएं। भोग में माखन-मिश्री, खीर, पंजीरी, बादाम की पट्टी, रामदाना के लड्डू, और तुलसी पत्र अर्पित करें। छप्पन भोग की परंपरा भी विशेष है, जिसमें सात्विक व्यंजन और मिठाइयां शामिल हैं।

Krishna Janmashtami: मंत्र जप और भक्ति का महत्व

श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए मंत्र जप का विशेष महत्व है। ‘ओम क्रीं कृष्णाय नमः’ मानसिक शांति, ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे’ भक्ति और मोक्ष, ‘नमो भगवते वासुदेवाय’ दांपत्य सुख, और ‘क्लीं कृष्णाय नमः’ समृद्धि के लिए जपें। श्री कृष्णम शरणम मम और श्रीकृष्णाष्टकम का पाठ भी फलदायी है। भक्तों को इस दिन निर्जला या फलाहार व्रत रखना चाहिए। मध्यरात्रि में जन्मोत्सव के दौरान शंख बजाएं और नंदलाल को झूला झुलाएं। अगले दिन ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को अन्नदान करें।

Krishna Janmashtami: देशभर में उत्सव की रौनक

जन्माष्टमी पर मथुरा, वृंदावन, द्वारका, और उज्जैन जैसे श्रीकृष्ण से जुड़े तीर्थस्थलों में विशेष आयोजन होंगे। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर और वृंदावन के इस्कॉन मंदिर में लाखों भक्त दर्शन के लिए पहुंचेंगे। मंदिरों में रासलीला, भजन-कीर्तन, और दही-हांडी जैसे आयोजन होंगे। मुंबई और पुणे में दही-हांडी की धूम रहेगी, जहां गोविंदाओं की टोलियां ऊंची हांडी तोड़ने की प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगी। दिल्ली के लक्ष्मी नगर और रोहिणी में भी भव्य झांकियां सजाई जाएंगी।

जन्माष्टमी का आध्यात्मिक महत्व

जन्माष्टमी केवल उत्सव नहीं, बल्कि भक्ति और आत्मचिंतन का अवसर है। श्रीकृष्ण के जीवन दर्शन और भगवद् गीता के उपदेश आज भी प्रासंगिक हैं। यह पर्व भक्तों को सत्य, धर्म, और प्रेम के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। मध्यरात्रि में बाल गोपाल के जन्मोत्सव का उत्साह भक्तों में नई ऊर्जा भरता है। इस दिन दान-पुण्य और सेवा कार्यों को विशेष महत्व दिया जाता है।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2025 देशभर में भक्ति और उल्लास का प्रतीक होगी। शुभ मुहूर्त में पूजा, मंत्र जप, और व्रत से भक्त श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करेंगे। मथुरा से मुंबई तक, यह पर्व भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को जीवंत करेगा। भक्तों से अपील है कि वे पर्यावरण के प्रति जागरूक रहें और उत्सव को सादगी के साथ मनाएं।

यह भी पढ़ें:-

दिवाली पर डबल तोहफा, घटेंगी GST की दरें, सामान होंगे सस्ते: 79वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें

- Advertisement - Advertisement - Yatra Swaaha
RELATED ARTICLES
New Delhi
haze
26.1 ° C
26.1 °
26.1 °
57 %
1kmh
0 %
Tue
27 °
Wed
33 °
Thu
33 °
Fri
34 °
Sat
33 °

Most Popular