School Accident: राजस्थान के झालावाड़ जिले में शुक्रवार को बड़ा हादसा हो गया, जहां सरकारी स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई और 10 से ज्यादा छात्र घायल हो गए। हादसा झालावाड़ के मनोहरथाना क्षेत्र के पीपलोदी गांव में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में हुआ, जहां भारी बारिश के चलते स्कूल की पुरानी और जर्जर छत अचानक भरभराकर गिर गई।
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School Accident: कैसे हुआ हादसा?
घटना के वक्त कक्षा में करीब 50 छात्र मौजूद थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही छत गिरी, तेज आवाज और चीख-पुकार से पूरा इलाका दहल उठा। मौके पर मौजूद ग्रामीण और शिक्षक तुरंत बचाव कार्य में जुट गए और बच्चों को मलबे से निकालने का प्रयास करने लगे।
School Accident: राहत और बचाव कार्य तेज
घायल बच्चों को तत्काल निजी साधनों और एंबुलेंस की मदद से मनोहरथाना सीएचसी अस्पताल ले जाया गया। कुछ बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है। प्रशासन ने घायलों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और जेसीबी मशीन की मदद से मलबा हटाया जा रहा है।
School Accident: शिक्षा मंत्री ने दिए जांच के आदेश
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने झालावाड़ के डीएम से बात कर मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने घायलों के इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही न होने देने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
School Accident: जर्जर स्कूल भवन पर सवाल
हादसे के बाद ग्रामीणों और अभिभावकों ने स्कूल भवन की जर्जर स्थिति पर सवाल उठाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के बावजूद स्कूल प्रशासन ने जर्जर भवन में बच्चों की कक्षाएं लगवाईं, जिसके चलते यह हादसा हुआ।
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने जताया शोक
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर लिखा, झालावाड़ के मनोहरथाना में एक सरकारी स्कूल की इमारत गिरने से कई बच्चों एवं शिक्षकों के हताहत होने की सूचना मिल रही है। मैं ईश्वर से कम से कम जनहानि एवं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं।
हादसे की तस्वीरें आई सामने
हादसे के तुरंत बाद की तस्वीरों में ग्रामीण, शिक्षक और पुलिस मलबा हटाते नजर आ रहे हैं। अभी तक मलबे में कितने छात्र दबे हैं, इसकी सटीक जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन ग्रामीणों का दावा है कि करीब 50 बच्चे मलबे में दबे थे और कई बच्चों की स्थिति गंभीर है।
प्रशासन अलर्ट मोड में
मौके पर एंबुलेंस की तैनाती कर दी गई है और आसपास के अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। राहत कार्य में तेजी लाई जा रही है ताकि मलबे में फंसे सभी बच्चों को सुरक्षित निकाला जा सके। झालावाड़ में हुए इस हादसे ने स्कूलों में भवनों की सुरक्षा व्यवस्था और निरीक्षण को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह हादसा एक बार फिर सरकारी स्कूलों की बदहाल स्थिति और बारिश के दौरान बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चेतावनी है।
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