Rajasthan: राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को जेल में बंद कैदियों द्वारा दी गई धमकी के बाद सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है। जयपुर, जोधपुर और बीकानेर की जेलों में छापेमारी के बाद प्रशासन ने 11 अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। जेल विभाग के डीजी गोविंद गुप्ता ने उच्चस्तरीय बैठक के बाद यह कार्रवाई की। इस मामले में दो जेलर (कारापाल), दो उप-जेलर (उप कारापाल), तीन मुख्य प्रहरी और चार प्रहरियों को सस्पेंड किया गया है। साथ ही जयपुर सेंट्रल जेल के उपाधीक्षक इंद्र कुमार को हटाकर अग्रिम आदेशों तक सीकर जेल भेज दिया गया है।
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Rajasthan: जयपुर, जोधपुर और बीकानेर जेलों में बड़ा एक्शन
जेल आईजी विक्रम सिंह ने बताया कि जयपुर और बीकानेर जेलों में बंदियों के पास मोबाइल मिलने और जोधपुर में पुलिस टीम को जेल में प्रवेश नहीं देने के मामले में यह कार्रवाई की गई है। इसके अलावा जेल डीजी गोविंद गुप्ता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी जेल अधीक्षकों को सुरक्षा कड़ी करने और निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
Rajasthan: जयपुर जेल में मिली मोबाइल से धमकी
जयपुर जेल से ही उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को एक कैदी ने जान से मारने की धमकी दी थी। जब पुलिस ने मामले की जांच की, तो पता चला कि जेल में एक कैदी के पास मोबाइल और सिम कार्ड था। वह अन्य कैदियों को प्रति मिनट कॉल करने के लिए 100 रुपये लेता था। इस मामले में दोषी पाए गए जेलर भंवर सिंह, उप-जेलर रमेश चंद, मुख्य प्रहरी वीरेंद्र सिंह भाटी, प्रहरी चंद्रपाल और सुरेंद्र को निलंबित कर दिया गया है।
Rajasthan: बीकानेर जेल से सीएम को धमकी
बीकानेर सेंट्रल जेल से बंदी आदिल ने शुक्रवार को पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को धमकी दी थी। जांच में जेल के अंदर मोबाइल और सिम कार्ड का इस्तेमाल होने की पुष्टि हुई। इस मामले में उप-जेलर सिंह, मुख्य प्रहरी विजयपाल, प्रहरी जगदीश प्रसाद और अनिल को निलंबित किया गया है। साथ ही, जेल कर्मचारी जगदीश मीणा की भूमिका संदिग्ध पाई गई है, जिसकी पुलिस जांच कर रही है।
Rajasthan: जोधपुर जेल में पुलिस को प्रवेश से रोका
जोधपुर जेल में मोबाइल और अन्य संदिग्ध सामग्रियों की सूचना पर जब एसडीएम और पुलिस अधिकारी तलाशी के लिए पहुंचे, तो जेल प्रशासन ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। पुलिस अधिकारियों को करीब 20 मिनट तक जेल के बाहर खड़ा रखा गया, जिसके बाद प्रवेश की अनुमति दी गई। इस दौरान जेल में कई अहम सबूत नष्ट होने की आशंका जताई गई है। इस लापरवाही के लिए जेलर रामचंद्र और मुख्य प्रहरी चैनदान को निलंबित कर दिया गया है।
3 जेल के 11 अधिकारी-कर्मचारियों पर गिरी गाज
क्र.सं. | जेल अधिककारी/कर्मचारी | जेल |
1 | भंवर सिंह, कारापाल | जयपुर सेंट्रल जेल |
2 | रमेश चंद, उप कारापाल | जयपुर सेंट्रल जेल |
3 | वीरेंद्र सिंह भाटी, मुख्य प्रहरी | जयपुर सेंट्रल जेल |
4 | चंद्रपाल सिंह, प्रहरी | जयपुर सेंट्रल जेल |
5 | सुरेंद्र सिंह, प्रहरी | जयपुर सेंट्रल जेल |
6 | रामचंद्र, कारापाल | जोधपुर सेंट्रल जेल |
7 | चैनदान चारण, मुख्य प्रहरी | जोधपुर सेंट्रल जेल |
8 | जय सिंह, उप कारापाल | बीकानेर सेंट्रल जेल |
9 | विजयपाल, मुख्य प्रहरी | बीकानेर सेंट्रल जेल |
10 | जगदीश प्रसाद, प्रहरी | बीकानेर सेंट्रल जेल |
11 | अनिल मीणा, प्रहरी | बीकानेर सेंट्रल जेल |
Rajasthan: पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने उठाए सवाल
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को जेल से धमकियां मिल रही हैं, तो आम जनता कितनी असुरक्षित होगी। गहलोत ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए और ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
सुरक्षा कड़ी, जेलों में सख्ती बढ़ी
इस पूरे घटनाक्रम के बाद राजस्थान सरकार ने जेलों की सुरक्षा को कड़ा कर दिया है। सभी जेलों में औचक निरीक्षण के आदेश दिए गए हैं और बंदियों की गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जेलों में अवैध गतिविधियों और अधिकारियों की मिलीभगत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आने वाले दिनों में और भी सख्त कदम उठाए जाने की संभावना है।
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