Rajasthan : लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को राजस्थान में बड़ा झटका लगा है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। चार बार के विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने कांग्रेस से किनारा कर केंद्र और राज्य की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी की मौजूदगी में महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली। मालविय के बीजेपी में शामिल होने के बाद वागड़ (बांसवाड़ा जिला) के ही तीन कांग्रेस विधायकों के बागी होने की चर्चाएं शुरू हो गई है।
मैं वापस अपने घर लौट आया हूं : मालवीय
भाजपा में शामिल होने के बाद मालवीय ने कहा कि, मैं छात्र जीवन से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ा रहा हूं। आज मुझे ऐसा लगा रहा है कि, मैं वापस अपने घर आ हूं। भाजपा में शामिल होने के बाद मालवीय ने कहा कि, भाजपा में शामिल होने का एकमात्र कारण वागड़ क्षेत्र का विकास है। विकास केवल भाजपा ही कर सकती है। कांग्रेस के पास कोई विजन नहीं है।
कौन हैं महेंद्रजीत सिंह मालवीय
महेंद्रजीत सिंह चार बार के विधायक हैं। वह अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में मंत्री भी थे। महेंद्रजीत ने राजनीतिक सफर का आगाज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से छात्र राजनीति के जरिए किया था। वह गांव के सरपंच से सांसद और फिर विधायक बने। साल 1998 के आम चुनाव में महेंद्रजीत बीजेपी के टिकट पर लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
दूसरी पार्टी में जाने का लोकतांत्रिक अधिकार है : विधानसभा अध्यक्ष
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि हर विधायक का यह लोकतांत्रिक अधिकार है कि वह कौन सी पार्टी ज्वाइन करेगा और जब कभी उनकी अपनी पार्टी से मोह भंग होता है तो दूसरी पार्टी में चला जाता है। विधानसभा की जो भी नियमावली है उसके तहत यदि कोई विधायक दूसरी पार्टी ज्वाइन करता है तो उसको अपने विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ता है।
कौन है तीनों विधायक
महेंद्रजीत सिंह मालवीय के अलावा तीन और विधायक के नाम की चर्चा हो रही है कि ये विधायक भी कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले है। इस लिस्ट में बांसवाड़ा से विधायक और कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे अर्जुन बामनिया है। अशोक गहलोत की करीबी मानी जाने वालीं और कांग्रेस की गिरती सरकार को बचाने वालीं कुशलगढ़ विधायक रमिला खड़िया है। उनको टिकट नहीं मिला तो उन्होंने पिछला चुनाव बागी होकर लड़ा था। वहीं, तीसरे घाटोल विधायक नानालाल निनामा जिन्हें 2008 में टिकट नहीं मिला था वो भी नाराज हो गए थे।