Baba Deepsingh Shaheed: श्रीगंगानगर (Rajasthan)। पदमपुर रोड स्थित गुरुद्वारा धन धन बाबा दीप सिंह शहीद में 26 व 27 जनवरी को अमर शहीद बाबा दीप सिंह जी के जन्म दिवस को समर्पित दो दिवसीय महान गुरमत समागम बड़ी चडदी कला, श्रद्धा व उत्साह के साथ सम्पन्न हुए ।
मुख्य सेवादार तेजिंदर पाल सिंह टिम्मा के अनुसार गुरुद्वारा धन धन बाबा दीप सिंह शहीद में बाबा जी के जन्म दिवस के उपलक्ष में दो दिवसीय महान गुरमत समागम आयोजित किए गए । यह समागम 26 व 27 जनवरी को गुरुद्वारा साहिब में बड़ी चडदी कला उत्साह व धूमधाम के साथ संपूर्ण हुए।
26 जनवरी शाम को 6:30 बजे श्री रहिरास साहिब जी के पाठ के साथ समागम आरंभ किए गए। उपरांत 7 बजे से 11:00 बजे तक समूह संगत ने चौपहरा जप तप समागम किया गया। जिसमे भारी तादाद में संगत ने शिरकत की। सभी ने एकाग्र मन से पाठ श्री जपुजी साहिब, पाठ श्री चौपाई साहिब व श्री सुखमनी साहिब जी का पाठ किया। उपरांत सिख पंथ की महान शख्शियत संत बाबा सुखदेव सिंह भुच्चो वालों ने गुरु की संगत के दर्शन किए । उन्होंने संगत को गुरबाणी कीर्तन व कथा विचारों के साथ निहाल किया।

बाबा जी ने बताया कि दुनिया में अनेक शहीद हुए हैं मगर बाबा दीप सिंह जी के जैसा कोई शहीद नहीं हुआ। उनकी शहीदी अनोखी व दुनिया में एक मिसाल कायम करती है। उन्होंने संगत को अमृतवेला में सिमरन करने के लिए भी प्रेरित किया।
रात 12:00 बजे के बाद जैसे ही बाबा दीप सिंह जी का जन्मदिन आरंभ हुआ बाबा सुखदेव सिंह जी ने हो रही है तेरी जय जयकार शब्द का गायन किया. संगतों ने धन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की पालकी के ऊपर फूलों की वर्षा की। फूलों की वर्षा के साथ हर कोई धन धन बाबा दीप सिंह जी, बोले सो निहाल के जयकारों का उद्घोष कर रह था। चारों तरफ माहौल भक्ति मय हो गया।
समागम की समाप्ति पश्चात भव्य आतिशबाजी का आयोजन किया गया जिसमें आसमान में रंग-बिरंगे पटाखों के द्वारा आतिशबाजी की गई। पूरा आसमान रंग बिरंगी रोशनी से चमक रहा था।
27 जनवरी शाम को 7:00 बजे श्री रहिरास साहिब का पाठ आरंभ किया गया उपरांत हजूरी रागी भाई दिलीप सिंह धुरी ने गुरबाणी कीर्तन के द्वारा संगत को निहाल किया उन्होंने अपनी मधुर वाणी के साथ गुरु की बाणी का गायन किया। तत्पश्चात विशेष तौर पर पधारे रागी जत्था भाई बलबीर सिंह जी चंडीगढ़ वालों ने गुरु की संगत के दर्शन किए उन्होंने गुरबाणी कीर्तन के साथ संगत को निहाल किया उन्होंने हल्ले यारा हल्ले यारा खुशखबरी…., देह शिवा वर मोह एह….. ,मिल मेरे प्रितमा जिओ…. इत्यादि शब्दों का गायन किया। पूरे समागम के। दौरान बोले सो निहाल सत श्री अकाल के जयकारे गूंजते रहे। यह दो दिवसीय समागम बड़ी चडदी कला के साथ संपूर्ण हुआ।