Anandpal Encounter: राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर मामले में नया मोड़ आया है। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अब इस मामले में 7 पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा चलेगा। यह निर्णय 5 प्रमुख दलीलों के आधार पर लिया गया है, जिसने एनकाउंटर की सत्यता पर सवाल खड़े किए हैं। एसीजेएम सीबीआई कोर्ट ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया है, जो इस एनकाउंटर में शामिल थे। इसके साथ ही, कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया है और इस पर सवाल उठाए हैं। एसीजेएम कोर्ट ने CBI की ओर से दी गई क्लीन चिट की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर इस मामले में संज्ञान लेते हुए हत्या की धारा 302 के तहत मुकदमा चलाने और जांच के आदेश दिए हैं।
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सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज
जोधपुर की विशेष अदालत ने गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर मामले में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 2020 में दर्ज की गई क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया और एनकाउंटर में शामिल सात पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस मामले में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ संज्ञान लिया और हत्या के आरोपों के तहत उनके खिलाफ मुकदमा चलाने और जांच करने का आदेश दिया।
7 पुलिसकर्मियों पर चलेगा हत्या का मुकदमा
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) की अदालत ने आनंदपाल सिंह एनकाउंटर मामले में सात पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। जिन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ यह आदेश जारी किया गया है, वे निम्नलिखित हैं:
पूर्व एसपी: राहुल बारठ
पूर्व एएसपी: विद्या प्रकाश चौधरी
डीएसपी: सूर्यवीर सिंह राठौर
हेड कांस्टेबल: कैलाश चंद्र
कांस्टेबल: धर्मपाल
कांस्टेबल: धर्मवीर सिंह
अधिकारी: सोहन सिंह
घटनाक्रम की मुख्य बातें
आनंदपाल सिंह एनकाउंटर मामले में जो हालिया घटनाक्रम सामने आया है, उससे यह मामला एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है।
एनकाउंटर की तारीख
24 जून 2017 को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने चूरू जिले के मालासर गांव में आनंदपाल सिंह को मुठभेड़ में मार गिराया था।
पुलिस के दावे पर संदेह
मुठभेड़ के बाद से ही पुलिस के दावों पर संदेह व्यक्त किया जा रहा था, और इसे लेकर कई सवाल उठाए गए थे।
सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट
2020 में सीबीआई ने मुठभेड़ के संबंध में क्लोजर रिपोर्ट पेश की, जिसे आनंदपाल की पत्नी, राज कंवर ने चुनौती दी।
एसीजेएम कोर्ट में याचिका
2020 में एसीजेएम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें मुठभेड़ की वैधता पर सवाल उठाए गए।
सुनवाई और गवाह
सुनवाई के दौरान, दो डॉक्टर, राज कंवर और आनंदपाल के भाई मंजीत ने गवाह के तौर पर बयान दिए। कोर्ट ने उनके बयानों के आधार पर संज्ञान लिया।
गवाहों के बयानों के अनुसार
राज कंवर के वकील भंवर सिंह और त्रिभुवन सिंह राठौर के मुताबिक, यह मुठभेड़ नहीं थी। आनंदपाल को एक घर की छत पर नजदीक से कई बार गोली मारी गई थी, जहां वह छिपा हुआ था। डॉक्टरों की रिपोर्ट ने इस बात की पुष्टि की है कि गोलियां बेहद नजदीक से चलाई गई थीं।
पुलिस अधिकारियों पर मुकदमा
अदालत ने सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या के आरोपों के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया है।
सीबीआई की रिपोर्ट का खारिज होना
सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया गया, और अदालत ने नए सिरे से जांच के आदेश दिए हैं।
कानूनी प्रक्रिया
मुकदमा: पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या के आरोपों के तहत मुकदमा चलने से मामले की जांच में नई दिशा मिलेगी।
पुनरावृत्ति: सीबीआई की रिपोर्ट को खारिज करने के बाद, नई जांच की प्रक्रिया शुरू होगी।
पुलिस की छवि: पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या के आरोपों के चलते पुलिस बल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ सकते हैं।
न्यायिक प्रणाली: अदालत के निर्णय से न्यायिक प्रणाली की पारदर्शिता और निष्पक्षता को बल मिलेगा।