Rajasthan Politics: राजस्थान में सियासी माहौल एक बार फिर गर्म हो गया है। कारण बना है गुजरात के वडोदरा में आयोजित भारतीय जनता पार्टी का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर, जिसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, सभी भाजपा सांसद और विधायक शामिल हुए हैं। जहां भाजपा इस शिविर को “सुशासन, नीति और संगठनात्मक सोच” के प्रशिक्षण का अवसर बता रही है, वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पर सवाल उठाते हुए इसे “मौज-मस्ती” और “जनता से दूरी” का कदम बताया। इस बयान के बाद भाजपा नेताओं ने भी आक्रामक तेवर अपनाते हुए करारा जवाब दिया है।
Table of Contents
Rajasthan Politics: गहलोत के आरोप और तंज
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह पहली बार है जब सरकार बनने के डेढ़ साल बाद प्रशिक्षण देने की जरूरत पड़ी है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या भाजपा हाईकमान को लगता है कि राजस्थान सरकार अब तक विफल रही है, इसीलिए अब प्रशिक्षण की नौबत आ गई है?
गहलोत ने आगे कहा कि जब राज्य की जनता बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं की किल्लत से परेशान है, तब मुख्यमंत्री समेत पूरी भाजपा सरकार गुजरात के एक आलीशान रिजॉर्ट में मौज-मस्ती में लगी है। उन्होंने तंज कसते हुए पूछा कि यह प्रशिक्षण ऐसा क्या है जो राजस्थान में नहीं दिया जा सकता था? उन्होंने इसे जनता के साथ धोखा बताते हुए कहा कि राजस्थान की जनता यह सब देख रही है और समय आने पर जवाब देगी।
Rajasthan Politics: भजनलाल शर्मा का पलटवार
गहलोत के इन बयानों पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। वडोदरा में प्रवासी राजस्थानियों द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। उन्होंने कहा, “हम घूमने नहीं आए, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा लेने और जनसेवा के मार्गदर्शन के लिए यहां हैं।”
मुख्यमंत्री ने सरदार पटेल की धरती वडोदरा को राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बताते हुए कहा कि अगर अशोक गहलोत ने कभी राष्ट्र निर्माताओं के विचारों को आत्मसात किया होता, तो उनकी राजनीतिक स्थिति आज यह नहीं होती। उन्होंने आगे कहा कि गहलोत की नकारात्मक मानसिकता ही उनके राजनीतिक पराभव का कारण बन रही है।
Rajasthan Politics: राजेंद्र राठौड़ का कांग्रेस पर हमला
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी गहलोत के बयान की निंदा करते हुए कहा कि गहलोत भूल गए हैं कि बाड़ेबंदी तब होती है जब सरकार अल्पमत में हो और विधायकों को डर के मारे होटल में बंद किया जाता है। भाजपा का प्रशिक्षण शिविर सेवा, सुचिता और विचारधारा पर आधारित है।
राठौड़ ने कहा कि भाजपा एक अनुशासित और वैचारिक पार्टी है, और उसके लिए जनप्रतिनिधियों को नियमित प्रशिक्षण देना एक परंपरा है। उन्होंने जानकारी दी कि इस प्रशिक्षण शिविर में सुबह 5 से 8 बजे तक विभिन्न सत्रों के माध्यम से संगठन, नीति, प्रशासन और जनसेवा से जुड़े विषयों पर विमर्श किया जा रहा है।
राजनीतिक संकेत और आगामी रणनीति
भाजपा द्वारा यह प्रशिक्षण शिविर न केवल पार्टी प्रतिनिधियों को मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है, बल्कि इसे 2028 के विधानसभा चुनाव की रणनीतिक तैयारी के तौर पर भी देखा जा रहा है। वहीं, कांग्रेस इस आयोजन को जनता से दूरी और प्रशासनिक लापरवाही के रूप में प्रचारित कर रही है।
यह सियासी टकराव आने वाले दिनों में और तेज हो सकता है, क्योंकि कांग्रेस इसे जनसरोकारों से जुड़ी नाकामियों के बहाने भाजपा पर हमला करने के अवसर के रूप में देख रही है। वहीं भाजपा इस हमले को अपने संगठनात्मक मजबूती और सुशासन की दिशा में उठाया गया कदम बताकर पलटवार कर रही है।
राजस्थान की राजनीति में यह घटनाक्रम दिखाता है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी जंग अब नीतियों के साथ-साथ प्रतीकों और जगहों तक भी पहुंच चुकी है। क्या जनता इस प्रशिक्षण शिविर को विकास का मार्गदर्शन मानेगी या विपक्ष के आरोपों को स्वीकार करेगी, यह समय ही बताएगा।
Pahalgam Terror Attack: पीएम मोदी की चेतावनी, आतंक के हर समर्थक की होगी पहचान और सज़ा