Rajasthan Politics: राजस्थान की राजनीति में शुक्रवार, 23 मई 2025 को एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया, जब बारां जिले की अंता विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द कर दी गई। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने यह निर्णय महाधिवक्ता और वरिष्ठ विधिक सलाहकारों की राय के बाद लिया। यह फैसला भारतीय संविधान के अनुच्छेद 191(1)(ई) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8(3) के तहत लिया गया है।
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Rajasthan Politics: क्यों रद्द हुई सदस्यता?
कंवरलाल मीणा को वर्ष 2003 में तत्कालीन एसडीएम पर पिस्तौल तानने, सरकारी कार्य में बाधा डालने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे गंभीर आरोपों में दोषी ठहराया गया था। इस मामले में हाल ही में अदालत ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट में सजा पर रोक की याचिका खारिज होने के बाद, उन्होंने 21 मई 2025 को अकलेरा कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया और फिलहाल जेल में बंद हैं।

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि मीणा की सदस्यता को 1 मई 2025 से निरस्त माना गया है, जिस दिन अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया था। देवनानी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह फैसला किसी राजनीतिक दबाव में नहीं, बल्कि विधिक प्रक्रिया और नियमों के अनुपालन में लिया गया है।
Rajasthan Politics: क्या कहा विधानसभा अध्यक्ष ने?
वासुदेव देवनानी ने प्रेस वार्ता में कहा, “आज सुबह 10:30 बजे हमें महाधिवक्ता की विधिक राय प्राप्त हुई, जिसके तुरंत बाद कंवरलाल मीणा की सदस्यता समाप्त कर दी गई। मैं किसी दबाव में निर्णय नहीं लेता, और हर मामले में नियम और संविधान के तहत निष्पक्ष निर्णय लिया जाता है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस मामले में किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए और जनता को न्यायसंगत प्रक्रिया पर भरोसा रखना चाहिए।
Rajasthan Politics: अंता सीट हुई रिक्त, उपचुनाव की संभावना
कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द होने के बाद अब अंता विधानसभा सीट (क्रमांक 193) आधिकारिक रूप से रिक्त हो गई है। निर्वाचन आयोग द्वारा निकट भविष्य में उपचुनाव कराए जाने की संभावना है। यदि कंवरलाल मीणा को उच्च न्यायालय से राहत मिलती है और उनकी सजा रद्द होती है, तो वे भविष्य में दोबारा चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन फिलहाल वे विधानसभा सदस्य नहीं रहेंगे।
दूसरी बार किसी विधायक की सदस्यता समाप्त
यह राजस्थान विधानसभा में आठ साल में दूसरी बार है जब किसी विधायक की सदस्यता रद्द की गई हो। इससे पहले वर्ष 2017 में बसपा विधायक बीएल कुशवाहा की सदस्यता हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा मिलने पर समाप्त की गई थी। उस समय उनकी पत्नी शोभारानी कुशवाह भाजपा के टिकट पर उपचुनाव जीतकर विधायक बनी थीं।
चुनाव जीता लेकिन पद गंवाया
कंवरलाल मीणा ने 2023 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद जैन भाया को 5,861 वोटों से हराकर पहली बार अंता से विधायक बने थे। लेकिन महज डेढ़ साल में ही उन्हें विधायक पद से हाथ धोना पड़ा, जो भाजपा और उनके समर्थकों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
राजस्थान की राजनीति में हलचल
इस घटनाक्रम ने राजस्थान की राजनीति में हलचल मचा दी है और आने वाले दिनों में अंता सीट पर उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ सकती है। यह प्रकरण एक बार फिर दर्शाता है कि विधायकों और जनप्रतिनिधियों के लिए न्यायिक प्रक्रिया और संविधान के प्रावधान कितने महत्वपूर्ण हैं, और दोष सिद्ध होने पर सदस्यता स्वतः समाप्त हो सकती है, चाहे वह किसी भी दल का नेता क्यों न हो।
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