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Wednesday, November 19, 2025
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One Nation, One Election: विपक्ष ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर उठाए कई सवाल, कांग्रेस ने बताया ‘शिगूफा’, जानिए किस-किसने क्या-क्या कहा

One Nation, One Election: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' (एक देश, एक चुनाव) के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इसे लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है।

One Nation, One Election: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (एक देश, एक चुनाव) के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। अब इस बिल को सदन में पेश किया जाएगा। इसे लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार पर तीखे हमले किए हैं। कांग्रेस ने इसे एक “शिगूफा” करार दिया है, जिससे उनका मानना है कि इसका वास्तविक उद्देश्य राजनीतिक ध्यान भटकाना है। समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इसके अलावा, कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि “वन नेशन, वन इलेक्शन” बिल संसद में पास नहीं हो सकेगा। यह प्रस्ताव देशभर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का सुझाव देता है। हालांकि, इसे लेकर विपक्षी दलों के बीच चिंता और असहमति की स्थिति है, और वे इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में संभावित जटिलताओं के रूप में देख रहे हैं।

कांग्रेस नेताओं ने बताया शिगूफा

कांग्रेस नेता और प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (एक देश, एक चुनाव) के प्रस्ताव पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। सुप्रिया श्रीनेत ने इसे ‘शिगूफा’ करार देते हुए कहा कि यह व्यवहारिक नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इस योजना के तहत चुनी हुई राज्य सरकारों को गिराया जाएगा? साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा खुद इस मुद्दे पर बवाल करेगी। उनका यह भी मानना है कि यह कदम चुनावी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए उठाया गया है।

अखिलेश यादव ने उठाए कई सवाल

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव पर तंज कसा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर यह सिद्धांत के रूप में है, तो क्या प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक के सभी ग्राम, टाउन, और नगर निकायों के चुनाव भी साथ-साथ होंगे? उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा सरकार त्योहारों और मौसम के बहाने अपनी सुविधा के अनुसार चुनाव की व्यवस्था कर रही है ताकि हार-जीत का फैसला उनके पक्ष में हो सके।

लोगों का ध्यान भटकाना चाह रही सरकार : कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर

तमिलनाडु के विरुधुनगर से कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को एक असफल विचार बताया है। उन्होंने कहा कि भारत की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को 2024 के चुनाव में नकारा है, और अब वे इस प्रस्ताव के जरिए देश के लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। टैगोर ने इसे भारत की संघीय संरचना पर आघात बताया और कहा कि ‘इंडिया एलायंस’ इसका विरोध करेगा, चाहे सदन के अंदर हो या बाहर।

संसद से पास नहीं हो पाएगा बिल : सचिन पायलट

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस प्रस्ताव को कैबिनेट से पास करवा लिया है, लेकिन इसे संसद से पास कराना आसान नहीं होगा। पायलट ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार को वाकई ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ लागू करना था, तो देश के चार राज्यों में चुनाव एक साथ कराए जा सकते थे। लेकिन ऐसा नहीं किया गया—दो राज्यों में चुनाव अब कराए जा रहे हैं और दो राज्यों में बाद में होंगे।

‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के पीछे कोई राजनीतिक मकसद नहीं : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट द्वारा ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। पीएम मोदी ने कैबिनेट बैठक में कहा कि यह प्रस्ताव लोगों की लंबे समय से की जा रही मांग को पूरा करने के उद्देश्य से लाया गया है और इसके पीछे कोई राजनीतिक मकसद नहीं है। उन्होंने कहा कि इसका एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि इससे देश के लोगों को भारत की प्रमुख विशेषताओं के बारे में जागरूक करने का अवसर मिलेगा।

पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि बार-बार होने वाले चुनाव से शासन व्यवस्था और कानून-व्यवस्था प्रभावित होती है, जिससे देश की प्रगति में बाधा आती है। उन्होंने यह भी बताया कि लगातार चुनाव कराने की प्रक्रिया से विकासात्मक योजनाओं और नीतियों के क्रियान्वयन में देरी होती है, जो किसी भी देश के लिए लाभकारी नहीं है। इसीलिए ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ जैसी पहल को लागू करना महत्वपूर्ण है।

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