Mallikarjun Kharge: बिहार के मुजफ्फरपुर में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में परिवाद पत्र दायर किया गया है। यह मामला खड़गे की उस टिप्पणी से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने महाकुंभ स्नान और गंगा में डुबकी लगाने पर सवाल उठाते हुए कहा था कि क्या इससे गरीबी खत्म हो जाएगी। इस बयान को हिंदू धर्मावलंबियों की आस्था के लिए अपमानजनक और ठेस पहुंचाने वाला माना जा रहा है।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने महाकुंभ में गंगा में डुबकी लगाई थी, लेकिन खड़गे जी को तो ठंड लग गई। शाह ने यह बयान खड़गे के उस कथन पर दिया था जिसमें उन्होंने पूछा था कि क्या गंगा में नहाने से गरीबी खत्म हो जाएगी। यह बयान दोनों नेताओं के बीच एक राजनीतिक तकरार का हिस्सा प्रतीत होता है, जहां शाह ने तंज करते हुए कांग्रेस के आरोपों का जवाब दिया है।
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धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप
यह परिवाद पत्र स्थानीय अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा द्वारा दायर किया गया है। ओझा ने आरोप लगाया है कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने जानबूझकर सनातनी हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए ऐसा बयान दिया। उन्होंने कहा, गंगा को हिंदू धर्म में मां का दर्जा दिया गया है। गंगा स्नान और महाकुंभ हिंदुओं की गहरी आस्था और परंपरा का हिस्सा हैं। खड़गे की टिप्पणी करोड़ों लोगों की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है।
कानूनी कार्रवाई की मांग
दायर परिवाद पत्र में विभिन्न भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। इनमें धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने (धारा 295ए) और लोगों को उकसाने (धारा 153ए) जैसी धाराएं शामिल हैं। ओझा ने अदालत से निवेदन किया है कि खड़गे के बयान को गंभीरता से लेते हुए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाए।
खड़गे का बयान और राजनीतिक आरोप
यह मामला उस बयान से जुड़ा है, जो मल्लिकार्जुन खड़गे ने मध्य प्रदेश के महू में एक रैली के दौरान दिया था। उन्होंने भाजपा नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा था, क्या गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी खत्म हो जाएगी? उन्होंने भाजपा नेताओं पर यह भी आरोप लगाया कि वे सिर्फ कैमरे के लिए गंगा स्नान करते हैं। खड़गे ने कहा, जब तक फोटो अच्छा नहीं आता, भाजपा नेता बार-बार डुबकी लगाते रहते हैं। यह महज दिखावा है और इनसे देश की वास्तविक समस्याओं का समाधान नहीं होगा।
धार्मिक और राजनीतिक विवाद
खड़गे के इस बयान ने धार्मिक और राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। भाजपा नेताओं ने इसे हिंदू धर्म का अपमान बताते हुए कड़ा विरोध जताया है। वहीं, कांग्रेस ने इसे भाजपा की ओर से मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश करार दिया है।
अगली सुनवाई 3 फरवरी को
मुजफ्फरपुर न्यायालय में इस मामले की अगली सुनवाई 3 फरवरी 2025 को निर्धारित की गई है। अदालत में यह देखना होगा कि क्या खड़गे के बयान को भारतीय कानून के तहत धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के तौर पर माना जाएगा।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
भाजपा ने खड़गे के इस बयान को हिंदू विरोधी बताते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पार्टी के नेताओं ने कहा है कि कांग्रेस की मानसिकता हमेशा से ही हिंदू धर्म के खिलाफ रही है। वहीं, कांग्रेस ने खड़गे का बचाव करते हुए कहा कि उनका बयान भाजपा की राजनीति और दिखावे पर आधारित था, न कि किसी धर्म के खिलाफ।
राजनीतिक माहौल गरमाया
महाकुंभ स्नान और गंगा जैसे मुद्दे भारतीय राजनीति में हमेशा संवेदनशील रहे हैं। यह मामला आने वाले दिनों में राजनीतिक रूप से और तूल पकड़ सकता है। बिहार और अन्य राज्यों में इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो सकती है।
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